पटनाः बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून (Liquor Ban in Bihar) लागू है. शराब बंदी कानून के कारण बड़ी संख्या में मामले न्यायालयों में लंबित है. शराब की तस्करी, शराब पीने और कारोबार से जुड़े बड़ी संख्या में लोग मामले में जेल बंद हैं. मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने जदयू कार्यालय में जनसुवाई के दौरान बताया कि न्यायालय में लंबित शराबबंदी से जुड़े मामलों की तेजी से निपटारा (Madh Nishedh Minister Sunil Kumar Statement On Liquor Cases) किया जायेगा. इसके लिए सरकार की ओर से तैयारी कर ली गयी है.
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"शराबबंदी पर सरकार की मंशा साफ है. अधिक से अधिक मामलों का निपटारा हो. ज्यादा से ज्यादा मामलों का ट्रायल हो. इसके लिए तैयारी कर ली गयी है. पिछले विधानसभा सत्र में सरकार ने कानून में संशोधन कर दिसंबर में 74 स्पेशल कोर्ट का गठन किया है. 74 कोर्ट नोटिफाइड हो चुका है. केसों के निपटारे के लिए संबंधित विशेष कोर्ट में चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (सीएनएलयू) के ग्रैजुएट्स की भी मदद ली जा रही है."- सुनील कुमार, मद्य निषेध मंत्री
शराबबंदी के लाखों केस पेंडिंगः बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून के कारण लाखों केस पेंडिंग है. जेलों में बड़ी संख्या में लोग सुनवाई के इंतजार में बंद हैं. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने भी सवाल खड़ा किया था और उसके बाद ही सरकार ने संशोधन भी किया और केस के निपटारे के लिए कई तरह के प्रयास भी शुरू किया जा रहा है.
2021 में 66258 शराबबंदी के मामले दर्जः साल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. इसके बावजूद अवैध तरीके से देसी शराब उत्पादन और विदेशी शराब की बिक्री की जा रही है. ऐसे माफियाओं पर लगातार बिहार पुलिस की ओर से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है. पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2021 में बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के अंतर्गत बिहार के सभी जिलों में विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया है. इस दौरान कुल 66,258 प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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नोट- अगर आपको शराब की अवैध खरीद-बिक्री या उपभोग की जानकारी मिलती है तो मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 15545 एवं 18003456268 पर कॉल कर शिकायत करें.
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