पटना: बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है. 5 दिनों के छोटे सत्र में सरकार की ओर से कई विधेयक लाये जाने की तैयारी है. द्वितीय अनुपूरक बजट भी लाया जाएगा. सरकार की ओर से कई विधायी कार्य भी संपन्न कराए जाएंगे. शीतकालीन सत्र को लेकर शुक्रवार 22 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी. विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने सभी दल के नेताओं से सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलाने में सहयोग करने की अपील की.
"सदन में जनहित के विषयों पर सार्थक विचार-विमर्श होगा. सत्ता पक्ष तथा विपक्ष परस्पर सहयोग से जन समस्याओं का समाधान करेंगे. इस सत्र के सफल एवं शांतिपूर्ण संचालन हेतु सभी दलों से सकारात्मक सहयोग प्राप्त होगा, ऐसी मेरी अपेक्षा है."- नंद किशोर यादव, विधानसभा अध्यक्ष
कार्यवाही में सहयोगा का आश्वासनः सर्वदलीय बैठक में विपक्षी सदस्यों ने कहा कि पिछले सत्र में विपक्ष के नेताओं को बोलने नहीं दिया गया. इस बार ऐसा ना हो, इसकी मांग रखी. राजद और कांग्रेस के उन नेताओं को लेकर अपनी आपत्ति भी जताई जो निर्धारित सीट पर नहीं बैठकर सत्ता पक्ष की तरफ बैठते हैं. विपक्षी सदस्यों ने सदन की कार्यवाही में सहयोग का आश्वासन दिया. इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र के दौरान व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाये रखने के लिए अधिकारियों के साथ भी बैठक की.
जनता के मुद्दे सदन में उठाएंगेः कांग्रेस विधान मंडल के नेता शकील अहमद खान ने कहा बेरोजगारी से लेकर भ्रष्टाचार तक के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे. राजद के अख्तरुल शाहीन ने कहा पिछले सत्र में विपक्ष की आवाज को सुना नहीं गया. विपक्ष को भी सदन में बोलने का मौका मिलना चाहिए. वहीं भाकपा माले के विधायक संदीप सौरव ने कहा कि सरकार की मंशा साफ है कि सदन में जनता का सवाल ना आए, इसलिए सत्र की कार्यवाही छोटा रखा गया है. सत्र की कार्यवाही कम से कम 12 से 15 दिन का होना चाहिए. मंत्री मदन सहनी ने कहा कि हम लोग की तैयारी पूरी है. विपक्ष का कुछ नहीं चलेगा.
इसे भी पढ़ेंः