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पटना में स्थानीय लोगों ने शराब की भट्टी को किया ध्वस्त

पटना के बेऊर थाना इलाके में स्थानीय लोगों ने शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लोगों ने शराब की अवैध भट्टी को तोड़ दिया. लोग पुलिस की निष्क्रियता से परेशान थे. पढ़ें पूरी खबर.

distilleries in Patna
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Published : Sep 11, 2021, 6:39 AM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में शराब माफियाओं (Liquor Mafia) व प्रशासन के गठजोड़ से चल रहे शराब के अवैध कारोबार (Illegal Liquor Trade) से परेशान बेऊर थाना के बेतौरा गांव के लोगों ने मोर्चा संभाल लिया है. लोगों ने अवैध शराब के कारोबार का जमकर विरोध किया. उन्होंने शराब कारोबारियों के निर्मित व अर्धनिर्मित शराब को तहस-नहस कर दिया.

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ग्रामीणों का कहना था कि अनेकों बार इसकी शिकायत बेऊर थाना से की गई किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई. प्रशासन व शराब माफियाओं के गठजोड़ से आजिज होकर ग्रामीणों को ऐसा कदम उठाना पड़ा. मामले को देख घटनास्थल पर बेऊर थाने से पुलिस पहुंची लेकिन उसने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

पुलिस कर्मी मूकदर्शक बनकर देखते रह गए और स्थानीय लोगों ने अवैध रूप से चलायी जा रही शराब की भट्टी को नष्ट कर दिया. दरअसल राजधानी पटना के बेवर थाना अंतर्गत मोहल्ले में कई महीनों से अवैध रूप से शराब का व्यवसाय फल-फूल रहा था. इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने कई बार थाने में की. इसके बावजूद उन पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई. स्थानीय लोगों का मानना है कि अवैध शराब की वजह से स्थानीय लोग इसका सेवन करने लगे थे. बाहर से भी लोग यहां पहुंचकर शराब पीते थे. इससे उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अक्सर शराब के नशे में वहां हंगामा होता था.

बता दें कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban in bihar) है इसके बावजूद भी बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी कानून लागू नहीं हो पा रहा है. शराब का व्यवसाय बिहार में अवैध रूप से फल फूल रहा है. लॉकडाउन (Lockdown) के बाद एक बार फिर से राज्य में शराब के कारोबार में वृद्धि दर्ज की जा रही है.

ये भी पढ़ें: Doctor Advice: वायरल फीवर के ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में शामिल हो कोरोना का एंटीबॉडी और एंटीजन टेस्ट

शराब की बड़ी तस्करी पर लगाम लगाने के लिए मद्य निषेध विभाग (Excise & Prohibition Dept.) एवं निबंधन विभाग की ओर से पूरे राज्य में लगातार कार्रवाई की जा रही है इसके बावजूद भी शराब तस्कर बाज नहीं आ रहे हैं. बिहार की राजधानी पटना शराब बिक्री मामले में टॉप 5 जिलों में शामिल है.

मई माह में लॉकडाउन के बाद एक बार फिर से राज्य में शराब के कारोबार में वृद्धि दर्ज हुई है. शराब की बढ़ती तस्करी पर लगाम लगाने के लिए मद्य निषेध विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. वहीं जून माह के दौरान पूरे राज्य में शराब की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए की गई कार्रवाई जैसे छापेमारी, केस दर्ज, गिरफ्तारी और शराब बरामदगी को लेकर रिपोर्ट सामने आई है.

जून माह की रिपोर्ट के अनुसार 1 माह में पूर्वी चंपारण में सबसे अधिक 12839.90 लीटर और इसके बाद पटना जिला में 10024.50 लीटर शराब पकड़ी गई. इसके साथ ही शराब तस्करी के मामले में मुजफ्फरपुर में 55 और भोजपुर में 51 लोगों की गिरफ्तारी की गई. जून माह के दौरान मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग की ओर से सभी जिले में कार्रवाई की गई. इस दौरान एक माह में 115771 लीटर देशी विदेशी शराब जब्त की गई.

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पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में शराब माफियाओं (Liquor Mafia) व प्रशासन के गठजोड़ से चल रहे शराब के अवैध कारोबार (Illegal Liquor Trade) से परेशान बेऊर थाना के बेतौरा गांव के लोगों ने मोर्चा संभाल लिया है. लोगों ने अवैध शराब के कारोबार का जमकर विरोध किया. उन्होंने शराब कारोबारियों के निर्मित व अर्धनिर्मित शराब को तहस-नहस कर दिया.

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ग्रामीणों का कहना था कि अनेकों बार इसकी शिकायत बेऊर थाना से की गई किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई. प्रशासन व शराब माफियाओं के गठजोड़ से आजिज होकर ग्रामीणों को ऐसा कदम उठाना पड़ा. मामले को देख घटनास्थल पर बेऊर थाने से पुलिस पहुंची लेकिन उसने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

पुलिस कर्मी मूकदर्शक बनकर देखते रह गए और स्थानीय लोगों ने अवैध रूप से चलायी जा रही शराब की भट्टी को नष्ट कर दिया. दरअसल राजधानी पटना के बेवर थाना अंतर्गत मोहल्ले में कई महीनों से अवैध रूप से शराब का व्यवसाय फल-फूल रहा था. इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने कई बार थाने में की. इसके बावजूद उन पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई. स्थानीय लोगों का मानना है कि अवैध शराब की वजह से स्थानीय लोग इसका सेवन करने लगे थे. बाहर से भी लोग यहां पहुंचकर शराब पीते थे. इससे उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अक्सर शराब के नशे में वहां हंगामा होता था.

बता दें कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban in bihar) है इसके बावजूद भी बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी कानून लागू नहीं हो पा रहा है. शराब का व्यवसाय बिहार में अवैध रूप से फल फूल रहा है. लॉकडाउन (Lockdown) के बाद एक बार फिर से राज्य में शराब के कारोबार में वृद्धि दर्ज की जा रही है.

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शराब की बड़ी तस्करी पर लगाम लगाने के लिए मद्य निषेध विभाग (Excise & Prohibition Dept.) एवं निबंधन विभाग की ओर से पूरे राज्य में लगातार कार्रवाई की जा रही है इसके बावजूद भी शराब तस्कर बाज नहीं आ रहे हैं. बिहार की राजधानी पटना शराब बिक्री मामले में टॉप 5 जिलों में शामिल है.

मई माह में लॉकडाउन के बाद एक बार फिर से राज्य में शराब के कारोबार में वृद्धि दर्ज हुई है. शराब की बढ़ती तस्करी पर लगाम लगाने के लिए मद्य निषेध विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. वहीं जून माह के दौरान पूरे राज्य में शराब की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए की गई कार्रवाई जैसे छापेमारी, केस दर्ज, गिरफ्तारी और शराब बरामदगी को लेकर रिपोर्ट सामने आई है.

जून माह की रिपोर्ट के अनुसार 1 माह में पूर्वी चंपारण में सबसे अधिक 12839.90 लीटर और इसके बाद पटना जिला में 10024.50 लीटर शराब पकड़ी गई. इसके साथ ही शराब तस्करी के मामले में मुजफ्फरपुर में 55 और भोजपुर में 51 लोगों की गिरफ्तारी की गई. जून माह के दौरान मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग की ओर से सभी जिले में कार्रवाई की गई. इस दौरान एक माह में 115771 लीटर देशी विदेशी शराब जब्त की गई.

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