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उपेंद्र कुशवाहा को JDU कार्यकर्ता नहीं दे रहे 'भाव', पार्टी को जारी करना पड़ा निर्देश

वैसे तो गुटबाजी लगभग हर राजनीतिक दल में है. किसी में उभरकर सामने आ जाती है, किसी में नहीं आती है. जदयू में गुटबाजी का आलम यह है कि पार्टी नेतृत्व को पत्र तक जारी करना पड़ता है. क्या है पूरा मामला पढ़ें खबर...

Upendra Kushwaha Etv Bharat
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Published : Sep 6, 2022, 3:36 PM IST

पटना : बिहार की सत्ताधारी दल जदयू में गुटबाजी खत्म नहीं हो रहा है. खासकर जब से उपेंद्र कुशवाहा जदयू (JDU Leader Upendra Kushwaha) में शामिल हुए हैं पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पूरी तरह से उन्हें अब तक स्वीकार नहीं किया है. यदि ऐसा नहीं होता तो जदयू कार्यालय से उपेंद्र कुशवाहा के लिए अति आवश्यक पत्र जारी नहीं करना पड़ता.

ये भी पढ़ें - 'सत्ता से बेदखल होने के बाद बौखला गए हैं BJP के नेता', उपेंद्र कुशवाहा का बयान


पार्टी ने जारी किया पत्र : पार्टी के उपाध्यक्ष नवीन आर्य के नाम से जारी पत्र में पार्टी के सभी जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी और नगर अध्यक्ष को विशेष रूप से दिशा निर्देश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि पार्टी के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधान पार्षद उपेंद्र कुशवाहा का जहां भी कार्यक्रम हो पार्टी की पूरी इकाई उस में भाग लेना सुनिश्चित करें.

जदयू में गुटबाजी : दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा पूरे बिहार में लगातार कार्यक्रमों में शामिल होते रहते हैं लेकिन जदयू नेताओं और कार्यकर्ताओं का उन्हें सहयोग नहीं मिलता है. पहले भी यह बात सामने आती रही है. ऐसे में अब जिस प्रकार से पत्र जारी हुआ है साफ है कि पार्टी के अंदर गुटबाजी खत्म नहीं हो रही है.

जेडीयू कार्यालय द्वारा जारी पत्र.
जेडीयू कार्यालय द्वारा जारी पत्र.


कुशवाहा नेताओं ने की बगावत : बिहार में जब मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा था उस समय भी पार्टी के सभी कुशवाहा नेता बैठक कर उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था. पटना के एक होटल में कुशवाहा नेताओं की बैठक में पार्टी नेतृत्व से कहा गया कि किसी कुशवाहा नेता को मंत्री बना दें लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करें और यह बात चर्चा में भी आई थी.

पहले भी जारी हुए हैं निर्देश : वैसे पार्टी की तरफ से पहले भी कई तरह के निर्देश जारी होते रहे हैं. आरसीपी सिंह के खिलाफ जब पार्टी चली गई थी तो कार्यकर्ताओं को विशेष दिशा निर्देश दिया गया था. उनके कार्यक्रमों से दूरी बनाने के लिए और अब उपेंद्र कुशवाहा पार्टी में हैं तो उनके कार्यक्रमों में भागीदारी के लिए दिशा निर्देश दिया जा रहा है. हालांकि इसका कितना असर होगा यह देखने वाली बात है.

पटना : बिहार की सत्ताधारी दल जदयू में गुटबाजी खत्म नहीं हो रहा है. खासकर जब से उपेंद्र कुशवाहा जदयू (JDU Leader Upendra Kushwaha) में शामिल हुए हैं पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पूरी तरह से उन्हें अब तक स्वीकार नहीं किया है. यदि ऐसा नहीं होता तो जदयू कार्यालय से उपेंद्र कुशवाहा के लिए अति आवश्यक पत्र जारी नहीं करना पड़ता.

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पार्टी ने जारी किया पत्र : पार्टी के उपाध्यक्ष नवीन आर्य के नाम से जारी पत्र में पार्टी के सभी जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी और नगर अध्यक्ष को विशेष रूप से दिशा निर्देश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि पार्टी के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधान पार्षद उपेंद्र कुशवाहा का जहां भी कार्यक्रम हो पार्टी की पूरी इकाई उस में भाग लेना सुनिश्चित करें.

जदयू में गुटबाजी : दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा पूरे बिहार में लगातार कार्यक्रमों में शामिल होते रहते हैं लेकिन जदयू नेताओं और कार्यकर्ताओं का उन्हें सहयोग नहीं मिलता है. पहले भी यह बात सामने आती रही है. ऐसे में अब जिस प्रकार से पत्र जारी हुआ है साफ है कि पार्टी के अंदर गुटबाजी खत्म नहीं हो रही है.

जेडीयू कार्यालय द्वारा जारी पत्र.
जेडीयू कार्यालय द्वारा जारी पत्र.


कुशवाहा नेताओं ने की बगावत : बिहार में जब मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा था उस समय भी पार्टी के सभी कुशवाहा नेता बैठक कर उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था. पटना के एक होटल में कुशवाहा नेताओं की बैठक में पार्टी नेतृत्व से कहा गया कि किसी कुशवाहा नेता को मंत्री बना दें लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करें और यह बात चर्चा में भी आई थी.

पहले भी जारी हुए हैं निर्देश : वैसे पार्टी की तरफ से पहले भी कई तरह के निर्देश जारी होते रहे हैं. आरसीपी सिंह के खिलाफ जब पार्टी चली गई थी तो कार्यकर्ताओं को विशेष दिशा निर्देश दिया गया था. उनके कार्यक्रमों से दूरी बनाने के लिए और अब उपेंद्र कुशवाहा पार्टी में हैं तो उनके कार्यक्रमों में भागीदारी के लिए दिशा निर्देश दिया जा रहा है. हालांकि इसका कितना असर होगा यह देखने वाली बात है.

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