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पीके को 'नोटिस' नहीं करते तेजस्वी, कहा- 'इनकी खबर न देखता हूं, न सुनता हूं' - ईटीवी न्यूज

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की राजनीति में एंट्री की खबरों को महत्व नहीं दिया. प्रशांत किशोर की बिहार की राजनीति में आने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं इनकी खबर न देखता हूं, और न ही सुनता हूं. पढ़ें पूरी खबर.

Leader of Opposition Tejashwi Yadav
Leader of Opposition Tejashwi Yadav
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Published : May 4, 2022, 9:42 AM IST

Updated : May 4, 2022, 10:08 AM IST

पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) ने राजनीति में अपनी दूसरी पारी शुरू करने की घोषणा की है. इससे बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है. सोमवार को प्रशांत किशोर के ट्वीट के बाद बिहार में नई पार्टी बनाने की चर्चा है. कहा जा रहा है कि दूसरों के लिए चुनावी रणनीतिक बनाने के बजाय पीके अब खुद की पार्टी के लिए रणनीति बनाएंगे. वे बिहार की राजनीति में नई पारी की शुरुआत (Prashant Kishor entry in politics) करेंगे. इसी बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर को सिरे से नकार दिया है और उन्हें नोटिस नहीं करने की बात कही. दरअसल, तेजस्वी यादव ईद के मौके पर डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tarkishore Prasad) और राजद एमपी अशफाक करीम से मिलने उनके घर पहुंचे थे. इस दौरान जब मीडिया ने तेजस्वी यादव से प्रशांत किशोर के नई पार्टी बनाने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं इनकी खबर न देखता हूं, और न ही सुनता हूं.

ये भी पढ़ें: 'RJD सभी वर्गों की समता, समानता, संपन्नता और बेहतरी की बात करता है.. क्या यह गलत है?'

अपनी रणनीति में सफल हो रहे तेजस्वी: प्रशांत किशोर बीजेपी, जनता दल यूनाइटेड, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत कई दलों के लिए चुनावी रणनीति बना चुके हैं. कई राज्यों में उन्हें सफलता मिली तो कहीं असफलता हाथ लगी. वहीं, दूसरी तरफ तेजस्वी यादव का भी राजनीतिक ग्राफ पिछले कुछ दिनों में काफी तेजी से उठा है. उन्होंने कई मौकों पर अपनी पार्टी के लिए रणनीति बनाई है और सफल भी हुए. बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार के प्रचार और जेडीयू की रणनीति बनाई थी. महागठबंधन की सहयोगी आरजेडी ने खुद रणनीति बनाई और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर आई थी. इस चुनाव में लालू यादव की रणनीति सबसे सफल रही थी. इसके लालू यादव के जेल जाने और सत्ता से बेदखल होने के बाद तेजस्वी ने खुद विपक्ष की राह चुनी और मात्र कुछ ही वर्षों में अपनी सफलता का परचम लहराया.

पीके को महत्व नहीं देना चाहते तेजस्वी: विधानसभा चुनाव 2020 में तेजस्वी यादव ने खुद मोर्चा संभाला और एक रणनीति के तहत चुनाव लड़ा. भले उनकी पार्टी सरकार बनाने से कुछ दूर रह गई पर बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनी. हाल के दिनों में हुए बिहार विधान परिषद चुनाव और बोचहां विधानसभा उपचुनाव की रणनीति कारगर साबित हुई. तेजस्वी यादव की नई रणनीति की बिहार की राजनीति में चर्चा हो रही है. इसलिए वे प्रशांत किशोर की चर्चा में शामिल होकर उनको महत्व नहीं देना चाहते.

ये भी पढ़ें: बिहार की सियासत में पीके की दस्तक से मची खलबली, तमाम दलों के निशाने पर आए 'चुनावी रणनीतिकार'

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पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) ने राजनीति में अपनी दूसरी पारी शुरू करने की घोषणा की है. इससे बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है. सोमवार को प्रशांत किशोर के ट्वीट के बाद बिहार में नई पार्टी बनाने की चर्चा है. कहा जा रहा है कि दूसरों के लिए चुनावी रणनीतिक बनाने के बजाय पीके अब खुद की पार्टी के लिए रणनीति बनाएंगे. वे बिहार की राजनीति में नई पारी की शुरुआत (Prashant Kishor entry in politics) करेंगे. इसी बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर को सिरे से नकार दिया है और उन्हें नोटिस नहीं करने की बात कही. दरअसल, तेजस्वी यादव ईद के मौके पर डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tarkishore Prasad) और राजद एमपी अशफाक करीम से मिलने उनके घर पहुंचे थे. इस दौरान जब मीडिया ने तेजस्वी यादव से प्रशांत किशोर के नई पार्टी बनाने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं इनकी खबर न देखता हूं, और न ही सुनता हूं.

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अपनी रणनीति में सफल हो रहे तेजस्वी: प्रशांत किशोर बीजेपी, जनता दल यूनाइटेड, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत कई दलों के लिए चुनावी रणनीति बना चुके हैं. कई राज्यों में उन्हें सफलता मिली तो कहीं असफलता हाथ लगी. वहीं, दूसरी तरफ तेजस्वी यादव का भी राजनीतिक ग्राफ पिछले कुछ दिनों में काफी तेजी से उठा है. उन्होंने कई मौकों पर अपनी पार्टी के लिए रणनीति बनाई है और सफल भी हुए. बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार के प्रचार और जेडीयू की रणनीति बनाई थी. महागठबंधन की सहयोगी आरजेडी ने खुद रणनीति बनाई और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर आई थी. इस चुनाव में लालू यादव की रणनीति सबसे सफल रही थी. इसके लालू यादव के जेल जाने और सत्ता से बेदखल होने के बाद तेजस्वी ने खुद विपक्ष की राह चुनी और मात्र कुछ ही वर्षों में अपनी सफलता का परचम लहराया.

पीके को महत्व नहीं देना चाहते तेजस्वी: विधानसभा चुनाव 2020 में तेजस्वी यादव ने खुद मोर्चा संभाला और एक रणनीति के तहत चुनाव लड़ा. भले उनकी पार्टी सरकार बनाने से कुछ दूर रह गई पर बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनी. हाल के दिनों में हुए बिहार विधान परिषद चुनाव और बोचहां विधानसभा उपचुनाव की रणनीति कारगर साबित हुई. तेजस्वी यादव की नई रणनीति की बिहार की राजनीति में चर्चा हो रही है. इसलिए वे प्रशांत किशोर की चर्चा में शामिल होकर उनको महत्व नहीं देना चाहते.

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Last Updated : May 4, 2022, 10:08 AM IST
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