पटना: बिहार विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत हुई और जिस प्रकार से सदन की कार्यवाही चल रही थी उससे लग रहा था कि बिहार के हित में काफी कुछ अच्छा होने वाला है. प्रश्नकाल हो या फिर ध्यानाकर्षण हर कुछ बेहतरीन तरीके से संचालित हो रहा था. लेकिन समय ने ऐसे करवट ली कि सबकुछ बदला-बदला सा नजर आया.
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विधानसभा के सदस्य नहीं रख रहे गरिमा का ध्यान
जिस बिहार विधानसभा में कभी अध्यक्ष को अमर्यादित भाषा का सामना नहीं करना पड़ा था, उसी विधानसभा में अध्यक्ष विजय सिन्हा को पंचायती राज मंत्री सम्राच चौधरी ने कहा, 'ज्यादा व्याकुल मत होइये'. जिसको लेकर काफी हंगामा भी हुआ था. हालांकि मंगलवार का दिन बिहार के लोकतांत्रिक इतिहास में काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा. विशेष पुलिस विधेयक को लेकर जिस प्रकार से विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया वो कहीं से उचित नहीं ठहराया जा सकता.
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विधानसभा में जमकर हुआ बवाल
विपक्षी सदस्य विधानसभा अध्यक्ष को चेंबर से निकलने नहीं दे रहे था. विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर के सभी दरवाजों को विपक्ष ने बंद कर दिया था. हंगामे को शांत करने पहुंची पुलिस से विपक्षी दलों के विधायक और पुलिसकर्मी भिड़ गए. इस घटना में कई नेता घायल हो गए. हंगामा बढ़ता देख एसएसपी पहुंचे और विधानसभा अध्यक्ष को चेंबर से बाहर निकाला और विधानसभा बीएमपी के जवान भी यहां तैनात किए गए. इस दौरान महिला विधायक, हंगामा करते हुए विपक्ष के आसन्न तक जा पहुंची. उन्हें भी जबरन निकाला गया.
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आज की कार्यवाही पर रहेगी सबकी नजर
बुधवार को विधानमंडल के बजट सत्र का आखिरी दिन है. ऐसे में एक बार फिर से हंगामा होने के आसार साफ दिखाई पड़ रहे हैं. ऐसे में क्या कुछ आज होता है यह देखने वाली बात होगी.