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लालू को जेल या मिलेगी बेल? चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में आज आएगा CBI स्पेशल कोर्ट का फैसला

झारखंड में चारा घोटाले के कुल पांच मुकदमों में लालू प्रसाद यादव अभियुक्त बनाए गए थे. चार मुकदमों में पहले ही फैसला आ चुका है और इन सभी मामलों में अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. जिस पांचवें मुकदमे में मंगलवार को फैसला आना है, वह रांची के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है. पढ़ें पूरी खबर

Lalu Yadav
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Published : Feb 15, 2022, 6:01 AM IST

पटना/रांची: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lal Prasad Yadav) से जुड़े डोरंडा चारा घोटाले (Doranda Fodder Scam) मामले में मंगलवार को फैसला आयेगा. रांची सीबीआई की विशेष अदालत (Ranchi CBI Special Court) मामले में फैसला देगी. लोगों को फैसले का इंतजार है. लालू प्रसाद यादव रांची में हैं और मंगलवार को फैसले के वक्त उन्हें कोर्ट में रहने का आदेश दिया गया है. वहीं फैसले से पहले बेटे तेजस्वी यादव और बेटी मीसा भारती भी रांची में हैं. पूरे परिवार की नजर कोर्ट के फैसले पर रहेगी.

ये भी पढ़ें- शादी समारोहों में भी बजने लगा है 'ए भाई लालू बिना चालू ई बिहार ना होई'

विशेष अदालत अपना सुनायेगी फैसला : बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े मुकदमे आरसी-47 ए/96 में 15 फरवरी को रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत अपना फैसला सुनायेगी. अदालत ने लालू प्रसाद यादव सहित सभी 99 आरोपियों को निजी तौर पर कोर्ट में हाजिर रहने को कहा है.

करोड़ों रुपये की अवैध निकासी का है मामला : झारखंड में चारा घोटाले के कुल पांच मुकदमों में लालू प्रसाद यादव अभियुक्त बनाये गये थे. चार मुकदमों में पहले ही फैसला आ चुका है और इन सभी मामलों में अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. जिस पांचवें मुकदमे में मंगलवार को फैसला आना है, वह रांची के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है.

99 आरोपियों पर फैसला : वर्ष 1996 में दर्ज हुए इस मामले में शुरूआत में कुल 170 लोग आरोपी थे. इनमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि सात आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया. दो आरोपियों ने अदालत का फैसला आने के पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया. छह आरोपी आज तक फरार हैं. बाकी 99 आरोपियों पर फैसला आना है.

केस में 575 लोगों की गवाही : इस मामले के अन्य प्रमुख अभियुक्तों में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ आर.के. राणा, बिहार के तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक के.एम. प्रसाद शामिल हैं. इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में अभियोजन की ओर से कुल 575 लोगों की गवाही कराई गई, जबकि बचाव पक्ष की तरफ से 25 गवाह पेश किये गये.

लालू को चार मामलों में 27 साल की सजा : इसके पहले चारा घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को कुल मिलाकर साढ़े 27 साल की सजा हुई, जबकि एक करोड़ रुपए का जुमार्ना भी उन्हें भरना पड़ा. इन मामलों में सजा होने के चलते राजद सुप्रीमो को आधा दर्जन से भी ज्यादा बार जेल जाना पड़ा. इन सभी मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है.

चारा घोटाले का पहला मामला : चाईबासा के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे के आदेश पर दर्ज हुआ था. चाईबासा में कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये की निकासी के इस मामले में लालू यादव समेत 44 आरोपी थे. इसमें लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा हुई और इसके साथ ही 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.

चारा घोटाले का दूसरा मामला : देवघर स्थित ट्रेजरी से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का था. इसमें लालू प्रसाद यादव समेत 38 पर केस चला और आखिरकार अदालत ने उन्हें साढ़े तीन साल की सजा सुनाई और 5 लाख का जुर्माना लगाया.

चारा घोटाले का तीसरा मामला : चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मुकदमे में कोर्ट ने उन्हें 5 साल की सजा दी और 10 लाख का जुर्माना लगाया.

चारा घोटाले का चौथा मामला : दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के चौथे मामले में लालू प्रसाद यादव को दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई गई और 60 लाख जुमार्ना भी लगाया गया.

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पटना/रांची: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lal Prasad Yadav) से जुड़े डोरंडा चारा घोटाले (Doranda Fodder Scam) मामले में मंगलवार को फैसला आयेगा. रांची सीबीआई की विशेष अदालत (Ranchi CBI Special Court) मामले में फैसला देगी. लोगों को फैसले का इंतजार है. लालू प्रसाद यादव रांची में हैं और मंगलवार को फैसले के वक्त उन्हें कोर्ट में रहने का आदेश दिया गया है. वहीं फैसले से पहले बेटे तेजस्वी यादव और बेटी मीसा भारती भी रांची में हैं. पूरे परिवार की नजर कोर्ट के फैसले पर रहेगी.

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विशेष अदालत अपना सुनायेगी फैसला : बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े मुकदमे आरसी-47 ए/96 में 15 फरवरी को रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत अपना फैसला सुनायेगी. अदालत ने लालू प्रसाद यादव सहित सभी 99 आरोपियों को निजी तौर पर कोर्ट में हाजिर रहने को कहा है.

करोड़ों रुपये की अवैध निकासी का है मामला : झारखंड में चारा घोटाले के कुल पांच मुकदमों में लालू प्रसाद यादव अभियुक्त बनाये गये थे. चार मुकदमों में पहले ही फैसला आ चुका है और इन सभी मामलों में अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. जिस पांचवें मुकदमे में मंगलवार को फैसला आना है, वह रांची के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है.

99 आरोपियों पर फैसला : वर्ष 1996 में दर्ज हुए इस मामले में शुरूआत में कुल 170 लोग आरोपी थे. इनमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि सात आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया. दो आरोपियों ने अदालत का फैसला आने के पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया. छह आरोपी आज तक फरार हैं. बाकी 99 आरोपियों पर फैसला आना है.

केस में 575 लोगों की गवाही : इस मामले के अन्य प्रमुख अभियुक्तों में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ आर.के. राणा, बिहार के तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक के.एम. प्रसाद शामिल हैं. इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में अभियोजन की ओर से कुल 575 लोगों की गवाही कराई गई, जबकि बचाव पक्ष की तरफ से 25 गवाह पेश किये गये.

लालू को चार मामलों में 27 साल की सजा : इसके पहले चारा घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को कुल मिलाकर साढ़े 27 साल की सजा हुई, जबकि एक करोड़ रुपए का जुमार्ना भी उन्हें भरना पड़ा. इन मामलों में सजा होने के चलते राजद सुप्रीमो को आधा दर्जन से भी ज्यादा बार जेल जाना पड़ा. इन सभी मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है.

चारा घोटाले का पहला मामला : चाईबासा के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे के आदेश पर दर्ज हुआ था. चाईबासा में कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये की निकासी के इस मामले में लालू यादव समेत 44 आरोपी थे. इसमें लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा हुई और इसके साथ ही 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.

चारा घोटाले का दूसरा मामला : देवघर स्थित ट्रेजरी से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का था. इसमें लालू प्रसाद यादव समेत 38 पर केस चला और आखिरकार अदालत ने उन्हें साढ़े तीन साल की सजा सुनाई और 5 लाख का जुर्माना लगाया.

चारा घोटाले का तीसरा मामला : चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मुकदमे में कोर्ट ने उन्हें 5 साल की सजा दी और 10 लाख का जुर्माना लगाया.

चारा घोटाले का चौथा मामला : दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के चौथे मामले में लालू प्रसाद यादव को दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई गई और 60 लाख जुमार्ना भी लगाया गया.

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