पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे ललित नारायण मिश्रा के पोते व पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा ने आज कांग्रेस का दामन छोड़ ( Rishi Mishra left Congress) दिया है. वे 2019 में जदयू छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. पिछले विधानसभा में उन्हें टिकट नहीं मिला था. उसके बाद से वे लगातार बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा (Bihar Congress President Madan Mohan Jha) की कार्यशैली पर सवाल उठाते रहे. आखिरकार बिहार कांग्रेस की कार्यशैली से क्षुब्ध होकर ऋषि मिश्रा ने आज कांग्रेस का भी दामन छोड़ दिया है.
कांग्रेस से नाता तोड़ने के बाद ईटीवी भारत से रुंआसे स्वर में ऋषि मिश्रा ने कहा कि मेरे दादा ललित नारायण मिश्रा ने कांग्रेस को सींचा, आगे बढ़ाया. आज कांग्रेस में ऐसे मठाधीश बैठे हुए हैं जो मनमानी कर रहे हैं. कांग्रेस को आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं. हम भी कांग्रेस पार्टी में 3 साल रहे और जिस तरह की कार्यशैली कांग्रेस के मठाधीश यहां पर बैठकर अपना रहे हैं, निश्चित तौर पर उसे कभी भी बिहार कांग्रेस आगे नहीं बढ़ेगी. अंत में क्षुब्ध होकर हमने कांग्रेस छोड़ दिया है.
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वहीं, जब ऋषि मिश्रा से सवाल किया गया कि क्या किसी दूसरे दल में शामिल होंगे? उन्होंने कहा कि अभी हम किसी दल में नहीं जाएंगे. हमारे बाबा ललित नारायण मिश्रा का जो क्षेत्र है, जो किया गया काम है, जो लोग है, उन्हीं के बीच रहेंगे. उनके कहे अनुसार ही निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जदयू छोड़कर हमने बहुत बड़ी गलती की लेकिन अब पार्टी का भी रास्ता अलग हो गया है.
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ऋषि मिश्रा ने कहा कि अभी क्षेत्र में लोगों के बीच रहेंगे. उसके बाद निर्णय करेंगे कि किस पार्टी के साथ जाएंगे. 3 साल कांग्रेस में रहने के बाद उनका कांग्रेस से मोह भंग हुआ है. आपको बता दें कि ऋषि मिश्र ललित नारायण मिश्रा के पोते हैं. पहले एक बार जाले विधानसभा से जदयू से विधायक भी रह चुके हैं.
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