पटना: कहते हैं राजनीति में दिखाना भी पड़ता है और जताना भी. शायद ललन सिंह (Lalan Singh) को यह दिखाना था कि उनका बिहार में क्या पावर है और जदयू को जताना था कि उसका रुतबा क्या है. तभी तो राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर जब ललन सिंह पटना आए तो लगा कोई सितारा जमीन पर उतर गया है.
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पटना की सड़कों पर बजते ढोल नगाड़े और जदयू कार्यकर्ताओं का जयकारा लंबे समय के बाद पार्टी के खाते में खुशी लेकर लौटा है. ललन सिंह के जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद कार्यकर्ता सड़कों पर खुशियां मनाने के लिए उतरे. यह दिन जदयू के खाते में लंबे अंतराल के बाद आया है. जब नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे या उसके बाद आरसीपी सिंह, इस तरह से जदयू ने जश्न नहीं मनाया था.
एयरपोर्ट से लेकर पार्टी कार्यालय तक लगभग 5:30 किलोमीटर की दूरी कार्यकर्ताओं और माला फूल से फटी हुई थी.पटना की सड़कों पर जदयू के कार्यकर्ताओं में जो उत्साह दिखा है यह साफ बता रहा है कि पार्टी में कुछ बदलने वाला है.
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शायद इस बदलाव की जरूरत भी नीतीश कुमार को महसूस हो रही थी. क्योंकि 116 सीट जीतने वाले नीतीश कुमार 2020 में अर्धशतक भी नहीं लगा पाए. ऐसे में 46 से 116 तक का आंकड़ा पहुंचाना जदयू में ललन को पूरा करना है. जदयू के राजनीतिक सफर का कुलदीपक भी बनना है. अब देखने वाली बात यह है कि सियासी मैदान में राजनैतिक ढोल नगाड़े का कितना मजबूत रंग जदयू के ललन ला पाते हैं.