ETV Bharat / city

माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराना चाहती हैं नालंदा की मिताली, पैसे की कमी बन रही बाधा

नालंदा की पर्वतारोही मिताली प्रसाद माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराना चाहती (lack of money to nalanda climber mitali prasad) हैं लेकिन पैसे की कमी के चलते उनका यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बिहार सरकार से मदद मांगी थी लेकिन अब तक सहयोग नहीं मिला है. अब वे आम लोगों के सहयोग अपना सपना पूरा करना चाहती है. पढ़ें पूरी खबर.

Mitali Prasad
Mitali Prasad
author img

By

Published : Mar 11, 2022, 8:05 AM IST

पटना: बिहार की बेटियां (Daughters of Bihar) इन दिनों हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, अपना लोहा मनवा रही हैं. हम बात कर रहे हैं बिहार के नालंदा की बेटी मिताली प्रसाद के बारे में. 24 साल की मिताली अपने हौसले के बल पर दूसरे देशों के कई पर्वतों पर तिरंगा (Nalanda climber Mitali Prasad) लहरा चुकी हैं. मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाली मिताली सबसे पहले कराटे ज्वाइन कर इंटरनेशनल प्लेयर बनीं. इसके बाद एनसीसी ज्वाइन की. एनसीसी में सी सर्टिफिकेट प्राप्त मिला. उसके बाद अपने सपनों में पंख लगा अमेरिका के ओकाया, दक्षिण अमेरिका की बोनीटो के पर्वत पर चढ़कर देश का तिरंगा लहराया.

मिताली प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि पहाड़ पर चढ़ाई करने का बचपन से शौक है लेकिन घर की आर्थिक स्थिति (Lack of money hindering Nalanda climber Mitali) ठीक नहीं होने के कारण शुरुआती दौर से परेशानी रही है. मिताली के पिता किसान हैं. तीन बहनों में मिताली दूसरे नंबर पर हैं. छोटी बहन अभी पढ़ाई कर रही है. बड़ी बहन प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हैं.

ये भी पढ़ें: छपरा में युवा संवाद में बोले आईपीएस विकास वैभव- बिहार के युवाओं में काफी प्रतिभा

उन्होंने कहा कि एनसीसी परीक्षा में बेहतर करने पर एनसीसी की ओर से पैरा जंपिंग टीम में चयन हुआ था. मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि हर क्षेत्र में सफलता मिली. मिताली प्रसाद ने बताया कि पर्वतारोहण के क्षेत्र में बेसिक, एडवांस, मेथड ऑफ इंस्ट्रक्शन के साथ-साथ अल्पाइन कोर्स भी किया है. एक पर्वतारोही के लिए बेसिक नॉलेज बहुत जरूरी है. बेसिक नॉलेज नहीं लेने पर अपने आप पर्वतारोही नहीं सकते.

बता दें कि मिताली 2019 में अफ्रीका महादेश की सबसे उंची चोटी किलिमंजारो पर तिरंगा फहराया था. 2020 में दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट ओकाकागुआ में तिरंगा फहराया था. करीब 6962 मीटर ऊंची माउंट अकोकागुआ की चोटी पर तिरंगा लहराने वाली मिताली भारत की पहली महिला हैं लेकिन बिहार की इस बेटी का सपना अभी भी अधूरा है. मिताली का सपना है कि वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ बिहार और देश का नाम रोशन करें.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: बिहार की बेटी जाह्नवी ने बढ़ाया भारत का मान, गर्ल अप ग्रांट अवॉर्ड की दौड़ में तीसरी बार हुईं शामिल

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा फहराने में आर्थिक कारणों से अड़चन आ रही है. मिताली प्रसाद अपनी इस समस्या के समाधान के लिए बिहार सरकार से भी मदद की गुहार लगा रही हैं लेकिन 2016 से अभी तक कोई मदद नहीं मिल पायी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में इस बात को लेकर मिताली प्रसाद पहुंची थीं लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली.

ऐसे में मिताली अपने सपने को पूरा करने के लिए लोगों से चंदा के रूप में पैसा जुटा रही हैं. उनके सहयोग में कई संस्थाएं आगे आई हैं और मिताली का सहयोग भी किया है. मिताली का कहना है कि कुछ सामाजिक संस्थाओं द्वारा कुछ धनराशि एकत्रित हुई है. अगर समय रहते पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था नहीं हो पाती है तो इस साल भी माउंट एवरेस्ट का सपना पूरा नहीं हो पाएगा.

ये भी पढ़ें: ETV भारत से बोलीं SUPER 30 की बाल कलाकार- 'बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं, सरकार दे अच्छा प्लेटफार्म'

मिताली आम लोगों से 10, 50, 100 रुपये की भी मदद मांग रही हैं. बता दें कि माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए लगभग 30 से 35 लाख रुपए की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सभी कागजात पूरे हैं, सिर्फ पैसाें की कमी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में बाधा बन रही है. लगभग 15 लाख रुपये की आवश्यकता है. ऐसे में मिताली ने लोगों से सहयोग के लिए फोन 9304983265 भी दिया है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: बिहार की बेटियां (Daughters of Bihar) इन दिनों हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, अपना लोहा मनवा रही हैं. हम बात कर रहे हैं बिहार के नालंदा की बेटी मिताली प्रसाद के बारे में. 24 साल की मिताली अपने हौसले के बल पर दूसरे देशों के कई पर्वतों पर तिरंगा (Nalanda climber Mitali Prasad) लहरा चुकी हैं. मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाली मिताली सबसे पहले कराटे ज्वाइन कर इंटरनेशनल प्लेयर बनीं. इसके बाद एनसीसी ज्वाइन की. एनसीसी में सी सर्टिफिकेट प्राप्त मिला. उसके बाद अपने सपनों में पंख लगा अमेरिका के ओकाया, दक्षिण अमेरिका की बोनीटो के पर्वत पर चढ़कर देश का तिरंगा लहराया.

मिताली प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि पहाड़ पर चढ़ाई करने का बचपन से शौक है लेकिन घर की आर्थिक स्थिति (Lack of money hindering Nalanda climber Mitali) ठीक नहीं होने के कारण शुरुआती दौर से परेशानी रही है. मिताली के पिता किसान हैं. तीन बहनों में मिताली दूसरे नंबर पर हैं. छोटी बहन अभी पढ़ाई कर रही है. बड़ी बहन प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हैं.

ये भी पढ़ें: छपरा में युवा संवाद में बोले आईपीएस विकास वैभव- बिहार के युवाओं में काफी प्रतिभा

उन्होंने कहा कि एनसीसी परीक्षा में बेहतर करने पर एनसीसी की ओर से पैरा जंपिंग टीम में चयन हुआ था. मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि हर क्षेत्र में सफलता मिली. मिताली प्रसाद ने बताया कि पर्वतारोहण के क्षेत्र में बेसिक, एडवांस, मेथड ऑफ इंस्ट्रक्शन के साथ-साथ अल्पाइन कोर्स भी किया है. एक पर्वतारोही के लिए बेसिक नॉलेज बहुत जरूरी है. बेसिक नॉलेज नहीं लेने पर अपने आप पर्वतारोही नहीं सकते.

बता दें कि मिताली 2019 में अफ्रीका महादेश की सबसे उंची चोटी किलिमंजारो पर तिरंगा फहराया था. 2020 में दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट ओकाकागुआ में तिरंगा फहराया था. करीब 6962 मीटर ऊंची माउंट अकोकागुआ की चोटी पर तिरंगा लहराने वाली मिताली भारत की पहली महिला हैं लेकिन बिहार की इस बेटी का सपना अभी भी अधूरा है. मिताली का सपना है कि वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ बिहार और देश का नाम रोशन करें.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: बिहार की बेटी जाह्नवी ने बढ़ाया भारत का मान, गर्ल अप ग्रांट अवॉर्ड की दौड़ में तीसरी बार हुईं शामिल

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा फहराने में आर्थिक कारणों से अड़चन आ रही है. मिताली प्रसाद अपनी इस समस्या के समाधान के लिए बिहार सरकार से भी मदद की गुहार लगा रही हैं लेकिन 2016 से अभी तक कोई मदद नहीं मिल पायी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में इस बात को लेकर मिताली प्रसाद पहुंची थीं लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली.

ऐसे में मिताली अपने सपने को पूरा करने के लिए लोगों से चंदा के रूप में पैसा जुटा रही हैं. उनके सहयोग में कई संस्थाएं आगे आई हैं और मिताली का सहयोग भी किया है. मिताली का कहना है कि कुछ सामाजिक संस्थाओं द्वारा कुछ धनराशि एकत्रित हुई है. अगर समय रहते पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था नहीं हो पाती है तो इस साल भी माउंट एवरेस्ट का सपना पूरा नहीं हो पाएगा.

ये भी पढ़ें: ETV भारत से बोलीं SUPER 30 की बाल कलाकार- 'बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं, सरकार दे अच्छा प्लेटफार्म'

मिताली आम लोगों से 10, 50, 100 रुपये की भी मदद मांग रही हैं. बता दें कि माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए लगभग 30 से 35 लाख रुपए की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सभी कागजात पूरे हैं, सिर्फ पैसाें की कमी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में बाधा बन रही है. लगभग 15 लाख रुपये की आवश्यकता है. ऐसे में मिताली ने लोगों से सहयोग के लिए फोन 9304983265 भी दिया है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.