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RJD नेताओं पर भड़के मांझी, बोले- नीतीश को बदनाम मत कीजिए - विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जालसाजी (Forgery) का आरोप लगाने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार को लेकर बिहार में सियासत शुरू हो गई है. तेजस्वी यादव के द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए जीतनराम मांझी मैदान में उतर गए हैं. वहीं उन्होंने सुधीर कुमार को नसीहत दे दी है.

भड़के मांझी
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Published : Jul 22, 2021, 10:39 PM IST

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) सहित अन्य कई अधिकारियों पर जालसाजी (Forgery) का आरोप लगाने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार (IAS officer Sudhir Kumar) को लेकर बिहार की राजनीति अब गर्म हो गई है. लगातार दो प्रयास में भी नीतीश कुमार पर एफआईआर दर्ज नहीं हो पाने पर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को संदेह के घेरे में डाला था, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतनराम मांझी अब नीतीश के बचाव में आ गए हैं.

इसे भी पढे़ं- नीतीश कुमार के खिलाफ क्यों दर्ज नहीं हो रही FIR, सरकार दे जवाब: तेजस्वी यादव

जीतनराम मांझी ने ट्वीट कर कहा कि "जिस IAS पर केस कराने से जेल भेजवाने तक राजद नेता ताली पीटते रहे, आज उसी IAS को थाना में भेजकर राजनैतिक ड्रामा कर रहें हैं. IAS सुधीर कुमार को अपनी कोई बात कहनी है तो पेपर लीक केस की जांच कर रहे अधिकारियों के समक्ष रखें,यूं लोकप्रिय नेता नीतीश कुमार को बदनाम ना करें."

  • जिस IAS पर केस कराने से जेल भेजवाने तक.@RJDforIndiaनेता ताली पीटते रहें आज उसी IAS को थाना में भेजकर राजनैतिक ड्रामा कर रहें हैं।
    IAS सुधीर कुमार को अपनी कोई बात कहनी है तो पेपर लीक केस की जांच कर रहे अधिकारियों के समक्ष रखें,यूं लोकप्रिय नेता.@NitishKumar जी को बदनाम ना करें।

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) July 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपको बता दें कि पटना के एसटी-एससी थाने में नीतीश कुमार पर जब एफआईआर दर्ज नहीं किया गया था तो उसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि "आखिर नीतीश कुमार ऐसा क्या छिपा रहे हैं कि उनके अधिकारी सुधीर कुमार की एफआईआर दर्ज नहीं कर रहे हैं? जब मेरे खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था तो मैंने सामने आकर कहा था कि केस की जांच होनी चाहिए. इसी तरह मुख्यमंत्री को भी सामने आना चाहिए और सुधीर कुमार जो मामला उठा रहे हैं उसकी निष्पक्ष जांच करानी चाहिए."

इसे भी पढ़ें-CM नीतीश के खिलाफ दर्ज नहीं हो पायी FIR, IAS ने कहा- 'नीचे से ऊपर तक सबका नाम है...'

बता दें कि बीते 17 जुलाई को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार अचानक पटना के एसटी-एससी थाना पहुंच गए थे. वहां पत्रकारों को उन्होंने बताया था कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित नीचे से ऊपर तक के कई अधिकारियों पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज करवाने आए हैं, लेकिन उनका एफआईआर दर्ज नहीं किया गया. इसके पीछे उन्होंने वजह बताया था कि थाना का एसएचओ अंग्रेजी नहीं समझ पाने के कारण एफआईआर दर्ज नहीं कर रहा है.

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) सहित अन्य कई अधिकारियों पर जालसाजी (Forgery) का आरोप लगाने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार (IAS officer Sudhir Kumar) को लेकर बिहार की राजनीति अब गर्म हो गई है. लगातार दो प्रयास में भी नीतीश कुमार पर एफआईआर दर्ज नहीं हो पाने पर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को संदेह के घेरे में डाला था, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतनराम मांझी अब नीतीश के बचाव में आ गए हैं.

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जीतनराम मांझी ने ट्वीट कर कहा कि "जिस IAS पर केस कराने से जेल भेजवाने तक राजद नेता ताली पीटते रहे, आज उसी IAS को थाना में भेजकर राजनैतिक ड्रामा कर रहें हैं. IAS सुधीर कुमार को अपनी कोई बात कहनी है तो पेपर लीक केस की जांच कर रहे अधिकारियों के समक्ष रखें,यूं लोकप्रिय नेता नीतीश कुमार को बदनाम ना करें."

  • जिस IAS पर केस कराने से जेल भेजवाने तक.@RJDforIndiaनेता ताली पीटते रहें आज उसी IAS को थाना में भेजकर राजनैतिक ड्रामा कर रहें हैं।
    IAS सुधीर कुमार को अपनी कोई बात कहनी है तो पेपर लीक केस की जांच कर रहे अधिकारियों के समक्ष रखें,यूं लोकप्रिय नेता.@NitishKumar जी को बदनाम ना करें।

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) July 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपको बता दें कि पटना के एसटी-एससी थाने में नीतीश कुमार पर जब एफआईआर दर्ज नहीं किया गया था तो उसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि "आखिर नीतीश कुमार ऐसा क्या छिपा रहे हैं कि उनके अधिकारी सुधीर कुमार की एफआईआर दर्ज नहीं कर रहे हैं? जब मेरे खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था तो मैंने सामने आकर कहा था कि केस की जांच होनी चाहिए. इसी तरह मुख्यमंत्री को भी सामने आना चाहिए और सुधीर कुमार जो मामला उठा रहे हैं उसकी निष्पक्ष जांच करानी चाहिए."

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बता दें कि बीते 17 जुलाई को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार अचानक पटना के एसटी-एससी थाना पहुंच गए थे. वहां पत्रकारों को उन्होंने बताया था कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित नीचे से ऊपर तक के कई अधिकारियों पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज करवाने आए हैं, लेकिन उनका एफआईआर दर्ज नहीं किया गया. इसके पीछे उन्होंने वजह बताया था कि थाना का एसएचओ अंग्रेजी नहीं समझ पाने के कारण एफआईआर दर्ज नहीं कर रहा है.

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