ETV Bharat / city

'...तो तेजस्वी यादव सिर्फ बोलते रहे, नीतीश कुमार ने 'खेला' कर दिया'

तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति में उभरता हुआ सितारा है. विरासत में मिली राजनीति को अपने बल पर आगे बढ़ा रहे हैं. लेकिन जिस तरह से नीतीश कुमार सधी हुई चाल चल रहे हैं, उससे लगता है आने वाले दिनों में कुछ 'खेला' देखने को मिलेगा. पढ़ें रिपोर्ट...

Nitish Kumar
Nitish Kumar
author img

By

Published : Jul 6, 2021, 8:58 AM IST

पटना: हारी बाजी को जीतना जिसे आता है, वही बाजीगर कहलाता है. कहते हैं प्यार और वार में सब जायज होता है, पर राजनीति (Bihar Politics) तो इससे उपर की बात है. इस शतरंज के खेल में कौन सा मोहरा किसे और कब मात दे दे, कोई नहीं जानता.

ये भी पढ़ें- Bihar Congress: पार्टी में बगावत की खबर से आलाकमान परेशान, सभी विधायक दिल्ली तलब, 7 जुलाई को बैठक

दो विधायकों को शामिल कराकर दिया गया मंत्री पद

अब देखिए ना, जिस बिहार की 243 सीटों वाले विधानसभा में जदयू को सिर्फ 43 सीट मिली थी, उसका कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है. बसपा के जमा खान और निर्दलीय सुमित सिंह को पार्टी में शामिल कराया गया. हालांकि दोनों के हाथों में मंत्री पद का 'लड्डू' भी थमा दिया गया.

कांग्रेस में टूट की आशंका, विधायक दिल्ली तलब

तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ईटीवी भारत से खास बातचीत में नीतीश सरकार को लेकर बोले थे, 'गिरी हुई सरकार जल्द गिर जाएगी'. पर जो हालात दिख रहे हैं वह तो किसी और ओर इशारा कर रहा है. कांग्रेस को लग रहा है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) उनकी पार्टी में 'खेला' कर देंगे. तभी तो आनन-फानन में सभी विधायकों को दिल्ली तलब किया गया है.

ये भी पढ़ें- हम सरकार नहीं गिराएंगे, गिरी हुई सरकार खुद गिर जाएगी: तेजस्वी यादव

9 जुलाई को होने वाली बैठक 7 जुलाई को

जानकारी के अनुसार, आज कांग्रेस के सभी विधायक दिल्ली जाएंगे जहां राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से नेताओं की मुलाकात होगी. सूत्रों के मुताबिक कई कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के संपर्क में हैं. पहले ये बैठक 9 जुलाई को बैठक प्रस्तावित थी, जिसे अब 7 जुलाई को करने का फैसला हुआ है.

विधायकों के पाला बदलने की चर्चा

चर्चा है कि आरजेडी के प्रयासों के बीच जेडीयू ने भी बिहार कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिशें शुरू कर दी है. कांग्रेस के 19 विधायकों में बड़ी टूट की रणनीति तैयारी की जा रही है. अगर 13 विधायक साथ आते हैं तो उनकी सदस्यता बच जाएगी. किसी भी दल में टूट को वैधानिक दर्जा दिलाने के लिए दो तिहाई विधायकों की संख्या होनी चाहिए.

कांग्रेस के कई विधायकों की नीतीश कुमार से नजदीकी

बक्सर के विधायक मुन्ना तिवारी की अशोक चौधरी से नजदीकियां जगजाहिर है. वहीं, मनिहारी के विधायक मनोहर प्रसाद सिंह की भी नीतीश कुमार से नजदीकी रही है. 2010 में मनोहर प्रसाद सिंह जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीते थे और 2015 में नीतीश कुमार की सहमति पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे.

मुजफ्फरपुर से वीरेंद्र चौधरी चुनाव जीते हैं और यह भी 2015 में जेडीयू के टिकट से चुनाव हार चुके हैं. उन्होंने सुरेश शर्मा को चुनाव हराया है. राजपुर के विधायक विश्वनाथ राम 2015 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और हार गए थे. 2020 चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस ज्वाइन की और विधायक बने. विक्रम से विधायक सिद्धार्थ भी पाला बदल सकते हैं. सिद्धार्थ दूसरी बार चुनाव जीते हैं. जमालपुर के विधायक डॉ. अजय कुमार सिंह पर भी दांव लगाया जा सकता है.

कांग्रेस ने किया खंडन

कांग्रेस में टूट की खबरों के बीच कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने इसका खंडन किया है. उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस में टूट की झूठी खबर फैलाई गई. कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और इसमें टूट होने की कोई संभावना नहीं है. बिहार की बदलती राजनीतिक परिदृश्य में संगठन की मजबूती जरूरी है. जो भी नेता अपनी भूमिका को बखूबी नहीं निभा पा रहे हैं, उनका बदलाव तय है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान लेगा.'

बिहार कांग्रेस में हुई थी बड़ी टूट

आपको बताएं कि साल 2018 में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी समेत कांग्रेस के चार विधान पार्षदों ने पार्टी को अलविदा कहकर जेडीयू का दामन थाम लिया था. इनमें अशोक चौधरी, दिलीप चौधरी, रामचंद्र भारती और तनवीर अख्तर शामिल थे. हालांकि तब कांग्रेस ने इन चारों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

पटना: हारी बाजी को जीतना जिसे आता है, वही बाजीगर कहलाता है. कहते हैं प्यार और वार में सब जायज होता है, पर राजनीति (Bihar Politics) तो इससे उपर की बात है. इस शतरंज के खेल में कौन सा मोहरा किसे और कब मात दे दे, कोई नहीं जानता.

ये भी पढ़ें- Bihar Congress: पार्टी में बगावत की खबर से आलाकमान परेशान, सभी विधायक दिल्ली तलब, 7 जुलाई को बैठक

दो विधायकों को शामिल कराकर दिया गया मंत्री पद

अब देखिए ना, जिस बिहार की 243 सीटों वाले विधानसभा में जदयू को सिर्फ 43 सीट मिली थी, उसका कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है. बसपा के जमा खान और निर्दलीय सुमित सिंह को पार्टी में शामिल कराया गया. हालांकि दोनों के हाथों में मंत्री पद का 'लड्डू' भी थमा दिया गया.

कांग्रेस में टूट की आशंका, विधायक दिल्ली तलब

तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ईटीवी भारत से खास बातचीत में नीतीश सरकार को लेकर बोले थे, 'गिरी हुई सरकार जल्द गिर जाएगी'. पर जो हालात दिख रहे हैं वह तो किसी और ओर इशारा कर रहा है. कांग्रेस को लग रहा है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) उनकी पार्टी में 'खेला' कर देंगे. तभी तो आनन-फानन में सभी विधायकों को दिल्ली तलब किया गया है.

ये भी पढ़ें- हम सरकार नहीं गिराएंगे, गिरी हुई सरकार खुद गिर जाएगी: तेजस्वी यादव

9 जुलाई को होने वाली बैठक 7 जुलाई को

जानकारी के अनुसार, आज कांग्रेस के सभी विधायक दिल्ली जाएंगे जहां राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से नेताओं की मुलाकात होगी. सूत्रों के मुताबिक कई कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के संपर्क में हैं. पहले ये बैठक 9 जुलाई को बैठक प्रस्तावित थी, जिसे अब 7 जुलाई को करने का फैसला हुआ है.

विधायकों के पाला बदलने की चर्चा

चर्चा है कि आरजेडी के प्रयासों के बीच जेडीयू ने भी बिहार कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिशें शुरू कर दी है. कांग्रेस के 19 विधायकों में बड़ी टूट की रणनीति तैयारी की जा रही है. अगर 13 विधायक साथ आते हैं तो उनकी सदस्यता बच जाएगी. किसी भी दल में टूट को वैधानिक दर्जा दिलाने के लिए दो तिहाई विधायकों की संख्या होनी चाहिए.

कांग्रेस के कई विधायकों की नीतीश कुमार से नजदीकी

बक्सर के विधायक मुन्ना तिवारी की अशोक चौधरी से नजदीकियां जगजाहिर है. वहीं, मनिहारी के विधायक मनोहर प्रसाद सिंह की भी नीतीश कुमार से नजदीकी रही है. 2010 में मनोहर प्रसाद सिंह जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीते थे और 2015 में नीतीश कुमार की सहमति पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे.

मुजफ्फरपुर से वीरेंद्र चौधरी चुनाव जीते हैं और यह भी 2015 में जेडीयू के टिकट से चुनाव हार चुके हैं. उन्होंने सुरेश शर्मा को चुनाव हराया है. राजपुर के विधायक विश्वनाथ राम 2015 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और हार गए थे. 2020 चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस ज्वाइन की और विधायक बने. विक्रम से विधायक सिद्धार्थ भी पाला बदल सकते हैं. सिद्धार्थ दूसरी बार चुनाव जीते हैं. जमालपुर के विधायक डॉ. अजय कुमार सिंह पर भी दांव लगाया जा सकता है.

कांग्रेस ने किया खंडन

कांग्रेस में टूट की खबरों के बीच कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने इसका खंडन किया है. उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस में टूट की झूठी खबर फैलाई गई. कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और इसमें टूट होने की कोई संभावना नहीं है. बिहार की बदलती राजनीतिक परिदृश्य में संगठन की मजबूती जरूरी है. जो भी नेता अपनी भूमिका को बखूबी नहीं निभा पा रहे हैं, उनका बदलाव तय है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान लेगा.'

बिहार कांग्रेस में हुई थी बड़ी टूट

आपको बताएं कि साल 2018 में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी समेत कांग्रेस के चार विधान पार्षदों ने पार्टी को अलविदा कहकर जेडीयू का दामन थाम लिया था. इनमें अशोक चौधरी, दिलीप चौधरी, रामचंद्र भारती और तनवीर अख्तर शामिल थे. हालांकि तब कांग्रेस ने इन चारों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.