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BJP और VIP की 'प्रतिष्ठा की लड़ाई' के बीच बोचहां में RJD ने भी झोंकी ताकत, बंगला विवाद के बाद खेल बिगाड़ने के मूड में चिराग

बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) दिलचस्प होता जा रहा है. एक तरफ बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है तो वहीं आरजेडी ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है. उधर वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) के लिए यह सीट अस्तित्व की लड़ाई की तरह है. इन सब के बीच बंगला विवाद के बाद एलजेपीआर अध्यक्ष चिराग पासवान (LJPR President Chirag Paswan) एनडीए का खेल बिगाड़ने का मन बना लिया है. सवाल है कि बोचहां सीट क्यों इतनी अहम हो गई है? पढ़ें खास रिपोर्ट...

बोचहां में बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर
बोचहां में बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर
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Published : Apr 4, 2022, 7:01 PM IST

पटना: बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) के लिए 13 उम्मीदवार मैदान में हैं. वीआईपी विधायक मुसाफिर पासवान के कारण यह सीट खाली हुई है. बीजेपी उम्मीदवार बेबी कुमारी अगर चुनाव जीतती हैं तो विधानसभा में बीजेपी की सीटों की संख्या बढ़कर 78 हो जाएगी. इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. तमाम वरिष्ठ नेताओं और विधायकों को चुनावी मैदान में उतार दिया है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोचहां में चुनाव प्रचार करेंगे (Nitish Kumar Will Campaign in Bochaha) लेकिन इस के बावजूद पार्टी के लिए चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में बंगला खाली कराने पर बोले चिराग- 'ये तरीका ठीक नहीं, मैं जानता हूं किसके दबाव में किया गया ऐसा'

खेल बिगाड़ सकते हैं चिराग: वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) हर हाल में इस सीट पर जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी से बदला लेना चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ दिवंगत विधायक के बेटे अमर पासवान को टिकट देकर आरजेडी ने सहानुभूति वोट के माध्यम से बोचहां को फतह करने की रणनीति बनाई है. मुकेश सहनी ने कई बार चुनाव जीत चुके रमई राम की बेटी को टिकट देकर चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है लेकिन अब बीजेपी के लिए परेशानी का नया सबब एलजेपीआर अध्यक्ष चिराग पासवान (LJPR President Chirag Paswan) बन गए हैं. दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के दिल्ली के 12 जनपथ बंगला खाली कराए जाने से वह बेहद नाराज हैं. उनकी पार्टी के नेता खुलकर कह रहे हैं कि वहां की जनता को सीधे मैसेज गया है कि वोट की चोट से सबक सिखाना है.

एनडीए की जीत का दावा: पहले मुजफ्फरपुर से बीजेपी सांसद अजय निषाद की चिराग से मुलाकात के बात माना जा रहा था कि वह परोक्ष रूप से बोचहां में बीजेपी के साथ खड़े हैं लेकिन बंगला खाली कराने के विवाद ने खेल बिगाड़ दिया है. हालांकि बिहार बीजेपी के प्रवक्ता संतोष पाठक कहते हैं कि हमारे लिए हर चुनाव महत्वपूर्ण होता है. इसलिए हमलोग पूरी ताकत से चुनाव लड़ रहे हैं. हमें पूरा भरोसा है कि बोचहां में एनडीए की जीत होगी. वहीं, जेडीयू नेता सुनील सिंह भी कहते हैं कि कहीं कोई चिंता की बात नहीं है, एनडीए एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सीएम भी दो स्थानों पर सभा को संबोधित करेंगे. जाहिर तौर पर इसका लाभ मिलेगा.

आसान नहीं उपचुनाव: बोचहां विधानसभा उपचुनाव के परिणाम का बिहार की सियासत पर आने वाले समय में क्या असर देखने को मिल सकता है, इस बारे में राजनीतिक विशेषज्ञ प्रो. अजय झा का कहना है कि बीजेपी और मुकेश सहनी के लिए यह सीट वाकई प्रतिष्ठा का विषय है और दोनों एक-दूसरे को हराकर औकात दिखाने की कोशिश भी करेंगे. वह कहते हैं कि जिस तरह से मुकेश सहनी पिछले दिनों एनडीए में अपनी दावेदारी जताने लगे थे, वैसे में रिजल्ट बताएगा कि सहनी कितना पानी में हैं.

मुसाफिर पासवान के निधन से सीट खाली: बोचहां विधानसभा क्षेत्र के विधायक मुसाफिर पासवान का निधन 24 नवंबर को हो गया था. वो वीआईपी से विधायक थे. पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट गठबंधन में वीआईपी को मिली थी. मुसाफिर पासवान विधायक बने थे. उनके निधन से यह सीट खाली हुई थी. मुसाफिर पासवान का सभी दलों के नेताओं से बेहतर संबंध था. उन्होंने आरजेडी के कद्दावर नेता रमई राम को 11,268 वोटों के मार्जिन से हराया था. इससे पहले मुसाफिर साल 2005 में आरजेडी के टिकट पर यहां से चुनाव जीते थे.

बोचहां में त्रिकोणीय मुकाबला: बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बेबी कुमारी को बनाया है. आरजेडी ने अपना उम्मीदवार अमर पासवान को बनाया है. वहीं वीआईपी ने अपना उम्मीदवार पूर्व मंत्री और आरजेडी के कद्दावर नेता रहे रमई राम की पुत्री गीता देवी को कैंडिडेट बनाया है. कांग्रेस ने भी यहां अपना उम्मीदवार उतारा है. इस विधानसभा क्षेत्र में 22 प्रखंड में 285 मतदान केंद्र हैं, उसमें 12 अप्रैल को मतदान होना है. 16 अप्रैल को जब रिजल्ट आएगा तब सब की नजर उस पर रहेगी.

ये भी पढ़ें: नित्यानंद राय का दावा, बोचहां विधानसभा उपचुनाव में होगी BJP कैंडिडेट की जीत

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पटना: बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) के लिए 13 उम्मीदवार मैदान में हैं. वीआईपी विधायक मुसाफिर पासवान के कारण यह सीट खाली हुई है. बीजेपी उम्मीदवार बेबी कुमारी अगर चुनाव जीतती हैं तो विधानसभा में बीजेपी की सीटों की संख्या बढ़कर 78 हो जाएगी. इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. तमाम वरिष्ठ नेताओं और विधायकों को चुनावी मैदान में उतार दिया है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोचहां में चुनाव प्रचार करेंगे (Nitish Kumar Will Campaign in Bochaha) लेकिन इस के बावजूद पार्टी के लिए चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही है.

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खेल बिगाड़ सकते हैं चिराग: वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) हर हाल में इस सीट पर जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी से बदला लेना चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ दिवंगत विधायक के बेटे अमर पासवान को टिकट देकर आरजेडी ने सहानुभूति वोट के माध्यम से बोचहां को फतह करने की रणनीति बनाई है. मुकेश सहनी ने कई बार चुनाव जीत चुके रमई राम की बेटी को टिकट देकर चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है लेकिन अब बीजेपी के लिए परेशानी का नया सबब एलजेपीआर अध्यक्ष चिराग पासवान (LJPR President Chirag Paswan) बन गए हैं. दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के दिल्ली के 12 जनपथ बंगला खाली कराए जाने से वह बेहद नाराज हैं. उनकी पार्टी के नेता खुलकर कह रहे हैं कि वहां की जनता को सीधे मैसेज गया है कि वोट की चोट से सबक सिखाना है.

एनडीए की जीत का दावा: पहले मुजफ्फरपुर से बीजेपी सांसद अजय निषाद की चिराग से मुलाकात के बात माना जा रहा था कि वह परोक्ष रूप से बोचहां में बीजेपी के साथ खड़े हैं लेकिन बंगला खाली कराने के विवाद ने खेल बिगाड़ दिया है. हालांकि बिहार बीजेपी के प्रवक्ता संतोष पाठक कहते हैं कि हमारे लिए हर चुनाव महत्वपूर्ण होता है. इसलिए हमलोग पूरी ताकत से चुनाव लड़ रहे हैं. हमें पूरा भरोसा है कि बोचहां में एनडीए की जीत होगी. वहीं, जेडीयू नेता सुनील सिंह भी कहते हैं कि कहीं कोई चिंता की बात नहीं है, एनडीए एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सीएम भी दो स्थानों पर सभा को संबोधित करेंगे. जाहिर तौर पर इसका लाभ मिलेगा.

आसान नहीं उपचुनाव: बोचहां विधानसभा उपचुनाव के परिणाम का बिहार की सियासत पर आने वाले समय में क्या असर देखने को मिल सकता है, इस बारे में राजनीतिक विशेषज्ञ प्रो. अजय झा का कहना है कि बीजेपी और मुकेश सहनी के लिए यह सीट वाकई प्रतिष्ठा का विषय है और दोनों एक-दूसरे को हराकर औकात दिखाने की कोशिश भी करेंगे. वह कहते हैं कि जिस तरह से मुकेश सहनी पिछले दिनों एनडीए में अपनी दावेदारी जताने लगे थे, वैसे में रिजल्ट बताएगा कि सहनी कितना पानी में हैं.

मुसाफिर पासवान के निधन से सीट खाली: बोचहां विधानसभा क्षेत्र के विधायक मुसाफिर पासवान का निधन 24 नवंबर को हो गया था. वो वीआईपी से विधायक थे. पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट गठबंधन में वीआईपी को मिली थी. मुसाफिर पासवान विधायक बने थे. उनके निधन से यह सीट खाली हुई थी. मुसाफिर पासवान का सभी दलों के नेताओं से बेहतर संबंध था. उन्होंने आरजेडी के कद्दावर नेता रमई राम को 11,268 वोटों के मार्जिन से हराया था. इससे पहले मुसाफिर साल 2005 में आरजेडी के टिकट पर यहां से चुनाव जीते थे.

बोचहां में त्रिकोणीय मुकाबला: बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बेबी कुमारी को बनाया है. आरजेडी ने अपना उम्मीदवार अमर पासवान को बनाया है. वहीं वीआईपी ने अपना उम्मीदवार पूर्व मंत्री और आरजेडी के कद्दावर नेता रहे रमई राम की पुत्री गीता देवी को कैंडिडेट बनाया है. कांग्रेस ने भी यहां अपना उम्मीदवार उतारा है. इस विधानसभा क्षेत्र में 22 प्रखंड में 285 मतदान केंद्र हैं, उसमें 12 अप्रैल को मतदान होना है. 16 अप्रैल को जब रिजल्ट आएगा तब सब की नजर उस पर रहेगी.

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