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बिहार: अवैध बालू खनन मामले में जो भी अधिकारी पाए जाएंगे दोषी, उन पर होगी कड़ी कार्रवाई- ADG - illegal sand business in Bihar

बिहार में बालू के खेल में कई पुलिस अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है. वहीं पुलिस मुख्यालय के ADG का कहना है कि आर्थिक अपराध इकाई की जांच में जो भी पदाधिकारी या पुलिसकर्मी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ इसी तरह की कड़ी कार्रवाई की जाएगी

Police officer involved in illegal sand business will take action
Police officer involved in illegal sand business will take action
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Published : Jul 15, 2021, 11:02 PM IST

पटना: बालू के अवैध खनन को लेकर 2 एसपी और 4 एसडीपीओ समेत 19 अफसरों पर गाज गिर चुकी है. बिहार पुलिस मुख्यालय ने औरंगाबाद और भोजपुर जिले के SP ( Bhojpur and Aurangabada SP Transferred ) के साथ डेहरी ऑन सोन के एक DSP को मुख्यालय ( ( Police Head Quarter ) तलब कर लिया है. इन पुलिस अधिकारियों के मुख्यालय तलब किये जाने के पीछे की वजह बालू के काले कारोबारियों को सह देने से जोड़कर देखा जा रहा है.

बताते चलें कि बिहार में हाल के दिनों में बालू का अवैध कारोबार काफी जोर पकड़ा है. इसके लिए पुलिस को जिम्मेवार बताया जा रहा है. खनन विभाग के प्रधान सचिव हरजौत कौर बम्हरा ने DGP एसके सिंघल को एक पत्र भी लिख था. पत्र के जरिये हरजौत कौर ने यह कहा था कि बिना पुलिस की मिली भगत के यह सब कुछ संभव नहीं है और अब यह बात आर्थिक अपराध इकाई ( ( EOU ) की जांच के दौरान सामने आ चुकी है.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ें- खान एवं भूतत्व विभाग ने पत्र लिखकर खोली पुलिस की पोल, ADG ने सफाई में कहा- हो रही है कार्रवाई

इसके बाद सरकार ने पीले सोने की आड़ में काली कमाई करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई भी शुरू कर दी. सरकार ने बुधवार को दो SP और एक DSP को मुख्यालय तलब किया था. वहीं गुरुवार को 4 SDPO को तलब किया है.

वहीं, इस मामले पर ADG पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार का कहना है कि आर्थिक अपराध इकाई की जांच में जो भी पदाधिकारी या पुलिसकर्मी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ इसी तरह की कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वो किसी भी पद पर हों.

यह भी पढ़ें- भोजपुर SP ने थानाध्यक्ष समेत 6 पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड, जानिए पूरा मामला..

'भ्रष्टाचार को लेकर पुलिस मुख्यालय और सरकार, दोनों का ही जीरो टॉलरेंस की नीति है. जो भी इस नीति के खिलाफ जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'- जितेंद्र कुमार, ADG, बिहार पुलिस मुख्यालय

वहीं, बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त होने की वजह से जिन आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है, उस पर उन्होंने कहा कि इन दोनों आईपीएस अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ी मछलियों को बचाने को लेकर छोटी मछलियों पर गाज गिराई जा रही है जबकि बालू माफियाओं का पैठ नीतीश कुमार के सरकार में है.

'नीतीश सरकार पूरी तरह से बालू माफियाओं के जेब में है. बालू माफियाओं की ईमानदारी से जांच किया जाए तो निश्चित तौर पर बिहार सरकार गिर जाएगी.' - अमिताभ दास, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी

ये भी पढ़ें- बालू का अवैध खनन : पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के SP को दिया कार्रवाई का निर्देश

वहीं, सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, बिहार के कई और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का इस अवैध बालू के धंधे में संलिप्त हैं, जो इस वक्त केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. फिलहाल मामले की जांच चल रही है.

पटना: बालू के अवैध खनन को लेकर 2 एसपी और 4 एसडीपीओ समेत 19 अफसरों पर गाज गिर चुकी है. बिहार पुलिस मुख्यालय ने औरंगाबाद और भोजपुर जिले के SP ( Bhojpur and Aurangabada SP Transferred ) के साथ डेहरी ऑन सोन के एक DSP को मुख्यालय ( ( Police Head Quarter ) तलब कर लिया है. इन पुलिस अधिकारियों के मुख्यालय तलब किये जाने के पीछे की वजह बालू के काले कारोबारियों को सह देने से जोड़कर देखा जा रहा है.

बताते चलें कि बिहार में हाल के दिनों में बालू का अवैध कारोबार काफी जोर पकड़ा है. इसके लिए पुलिस को जिम्मेवार बताया जा रहा है. खनन विभाग के प्रधान सचिव हरजौत कौर बम्हरा ने DGP एसके सिंघल को एक पत्र भी लिख था. पत्र के जरिये हरजौत कौर ने यह कहा था कि बिना पुलिस की मिली भगत के यह सब कुछ संभव नहीं है और अब यह बात आर्थिक अपराध इकाई ( ( EOU ) की जांच के दौरान सामने आ चुकी है.

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इसके बाद सरकार ने पीले सोने की आड़ में काली कमाई करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई भी शुरू कर दी. सरकार ने बुधवार को दो SP और एक DSP को मुख्यालय तलब किया था. वहीं गुरुवार को 4 SDPO को तलब किया है.

वहीं, इस मामले पर ADG पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार का कहना है कि आर्थिक अपराध इकाई की जांच में जो भी पदाधिकारी या पुलिसकर्मी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ इसी तरह की कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वो किसी भी पद पर हों.

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'भ्रष्टाचार को लेकर पुलिस मुख्यालय और सरकार, दोनों का ही जीरो टॉलरेंस की नीति है. जो भी इस नीति के खिलाफ जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'- जितेंद्र कुमार, ADG, बिहार पुलिस मुख्यालय

वहीं, बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त होने की वजह से जिन आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है, उस पर उन्होंने कहा कि इन दोनों आईपीएस अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ी मछलियों को बचाने को लेकर छोटी मछलियों पर गाज गिराई जा रही है जबकि बालू माफियाओं का पैठ नीतीश कुमार के सरकार में है.

'नीतीश सरकार पूरी तरह से बालू माफियाओं के जेब में है. बालू माफियाओं की ईमानदारी से जांच किया जाए तो निश्चित तौर पर बिहार सरकार गिर जाएगी.' - अमिताभ दास, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी

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वहीं, सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, बिहार के कई और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का इस अवैध बालू के धंधे में संलिप्त हैं, जो इस वक्त केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. फिलहाल मामले की जांच चल रही है.

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