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UPSC में फिर बजा बिहार का डंका, इतिहास रहा है सुनहरा

यूपीएससी को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. हर साल लाखों युवा इस परीक्षा में सम्मिलित होते हैं. यूपीएससी की 2020 की परीक्षा का परिणाम घोषित हो गया है. इसमें बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले शुभम कुमार ने टॉप किया है. शुभम कुमार की चर्चा पूरे देश में हो रही है. बिहार से पहले भी यूपीएससी टॉपर होते रहे हैं. पढ़ें इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट.

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Published : Sep 25, 2021, 9:46 AM IST

पटना: बिहार की प्रतिभा ने हर फिल्ड में अपना लोहा नहीं मनवाया है. बात अगर सिविल सर्विसेज (UPSC) की जाये तो बिहार का इसमें दबदबे का इतिहास रहा है. यूपीएससी मेन 2020 फाइनल परीक्षा का परिणाम ( UPSC CSE Main 2020 result) घोषित हो चुका है. बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले शुभम कुमार (Shubham Kumar) ने इस परीक्षा में टॉप किया है. इसकी देश में भर चर्चा हो रही है लेकिन इससे पहले भी बिहार के लाल यूपीएससी में टॉपर होते रहे हैं.

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बिहार सरकार के विकास आयुक्त आमिर सुबहानी (Aamir Subhani) ने वर्ष 1987 में यूपीएससी का परीक्षा में टॉप किया था. चर्चा है कि आमिर सुबहानी बिहार के अगले मुख्य सचिव बन सकते हैं. वर्ष 1988 में बिहार के प्रशांत (Prashant) यूपीएससी परीक्षा में टॉपर थे. वर्ष 1997 में गया के सुनील बर्णवाल (Sunil Barnwal) को देश के इस प्रतिष्ठित और कठिन प्रतियोगी परीक्षा में पहला रैंक हासिल करने का गौरव प्राप्त है. शुभम से पहले वर्ष 2000 में आलोक रंजन झा (Alok Ranjan Jha) यूपीएससी टॉपर थे.

करीब दो दशक बाद यूपीएससी 2020 की फाइनल परीक्षा परिणाम (UPSC CSE Main 2020 result) कटिहार जिले के शुभम कुमार (Shubham Kumar UPSC topper) ने टॉप किया है. शुभम अभी महाराष्ट्र के पुणे में इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विसेज की ट्रेनिंग कर रहे हैं. बता दें कि पिछले वर्ष भी शुभम ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. उन्हें 290 रैंक मिली थी. इससे वह संतुष्ट नहीं हुए थे और दोबारा परीक्षा में शामिल होकर सर्वोच्च स्थान हासिल किया. उनके पिता देवानंद सिंह पूर्णिया में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबंधक हैं. शुभम सपना गांव के लोगों का विकास करना है. उनका कहना है कि अगर रूरल डेवलपमेंट (ग्रामीण विकास) के क्षेत्र में काम करने का मौका मिला तो यह सौभाग्य होगा.

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बिहार के जमुई जिले के रहने वाले प्रवीण कुमार (Topper Pravin Kumar) ने यूपीएससी (UPSC) परीक्षा में टॉप-10 में जगह बनाई है. उन्होंने परीक्षा में 7वां रैंक स्थान प्राप्त किया है. उनकी सफलता पर बिहार समेत पूरे देश के लोग बधाई दे रहे हैं. प्रवीण कुमार को ये सफलता दूसरे प्रयास में मिली है. प्रवीण ने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की तैयारी पूरी कर दिल्ली से यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी. प्रवीण ने बताया कि उन्होंने बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में अपनी च्वाइस दी है.

मधेपुरा के लाल नीतेश जैन ने UPSC में 22 रैंक लाकर मधेपुरा का नाम रौशन किया है. मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड के रहने बाले नीतेश जैन सिविल सेवा परीक्षा 22 वां स्थान पाने वाले नीतेश जैन ने मधेपुरा का नाम रौशन किया है. नीतेश जैन वर्तमान में इनकमटैक्स कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं.

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किशनगंज के रहने वाले अनिल बसाक (Anil Basak) को 45वीं रैंक मिली है. अनिल का ये दूसरा प्रयास था. अनिल को यूपीएससी 2019 में 616 रैंक मिला था. इस रैंक से वे संतुष्ट नहीं थें. इस बार अनिल ऑल इंडिया 45वीं रैंक लाकर सफल हुए हैं. अनिल का पूरा परिवार किशनगंज के नेपालगढ़ कॉलोनी में रहता है. अनिल बोसाक के पिता संजय बोसाक फेरी का काम करते थे. माली हालत खराब रहने के बावजूद उन्होंने बेटे को पढ़ाया. आज अनिल ने पिता के सपनों को आकार दिया है.

बिहार (Bihar) के पूर्णिया (Purnea) जिले के महबूब खां टोला निवासी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) ने यूपीएससी में 52 वां स्थान प्राप्त किया है. उन्होंने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है. आशीष की स्कूलिंग डॉन बॉस्को में हुई. उसके बाद 10 वीं तक की पढ़ाई ब्राइट कैरियर स्कूल से हुई. प्लस टू की पढ़ाई मिलिया कॉन्वेंट से हुई. साल 2014 में उनका सेलेक्शन आईआईटी बीएचयू (IIT BHU) के लिये हुआ. वहां से पढ़ाई करने के बाद उनका कैंपस सेलेक्शन हो गया था मगर वे यूपीएससी की तैयारी में जुट गये. पहले प्रयास में वे इंटरव्यू तक पहंचे थे. दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफल हो गये.

नालंदा जिले के रहने वाले फैसल रजा (Topper Faisal Raza) ने सिविल सर्विसेज परीक्षा 2020 में उतीर्ण होकर सूबे और जिले नाम रोशन किया है. फैसल रजा को 447वां रैंक मिला है. फैसल रजा राजगीर प्रखंड क्षेत्र के मौलानाडीह गांव के रहने वाले एक किराना दुकानदार के पुत्र हैं.

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जहानाबाद के लाल राजेश रंजन ने यूपीएससी (Union Public Service Commission) की परीक्षा में 512वां रैंक पाकर जिले का नाम रोशन किया है. वे पहले ही बीपीएससी (BPSC) की परीक्षा में सफलता का परचम लहरा चुके हैं. बचपन से ही मेधावी छात्र रहे राजेश की प्रारंभिक शिक्षा जहानाबाद के बाल विद्या निकेतन स्कूल से हुई. उन्होंने एनआईटी राउरकेला (NIT Rourkela) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक (B.Tech) की डिग्री हासिल की. उसके बाद 2 वर्षों तक मारुति सुजुकी में बतौर इंजीनियर नौकरी की लेकिन सिविल सेवा में जाना उनका सपना था. अब यूपीएससी में पूरे भारत में 512वां रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है.

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पटना: बिहार की प्रतिभा ने हर फिल्ड में अपना लोहा नहीं मनवाया है. बात अगर सिविल सर्विसेज (UPSC) की जाये तो बिहार का इसमें दबदबे का इतिहास रहा है. यूपीएससी मेन 2020 फाइनल परीक्षा का परिणाम ( UPSC CSE Main 2020 result) घोषित हो चुका है. बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले शुभम कुमार (Shubham Kumar) ने इस परीक्षा में टॉप किया है. इसकी देश में भर चर्चा हो रही है लेकिन इससे पहले भी बिहार के लाल यूपीएससी में टॉपर होते रहे हैं.

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बिहार सरकार के विकास आयुक्त आमिर सुबहानी (Aamir Subhani) ने वर्ष 1987 में यूपीएससी का परीक्षा में टॉप किया था. चर्चा है कि आमिर सुबहानी बिहार के अगले मुख्य सचिव बन सकते हैं. वर्ष 1988 में बिहार के प्रशांत (Prashant) यूपीएससी परीक्षा में टॉपर थे. वर्ष 1997 में गया के सुनील बर्णवाल (Sunil Barnwal) को देश के इस प्रतिष्ठित और कठिन प्रतियोगी परीक्षा में पहला रैंक हासिल करने का गौरव प्राप्त है. शुभम से पहले वर्ष 2000 में आलोक रंजन झा (Alok Ranjan Jha) यूपीएससी टॉपर थे.

करीब दो दशक बाद यूपीएससी 2020 की फाइनल परीक्षा परिणाम (UPSC CSE Main 2020 result) कटिहार जिले के शुभम कुमार (Shubham Kumar UPSC topper) ने टॉप किया है. शुभम अभी महाराष्ट्र के पुणे में इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विसेज की ट्रेनिंग कर रहे हैं. बता दें कि पिछले वर्ष भी शुभम ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. उन्हें 290 रैंक मिली थी. इससे वह संतुष्ट नहीं हुए थे और दोबारा परीक्षा में शामिल होकर सर्वोच्च स्थान हासिल किया. उनके पिता देवानंद सिंह पूर्णिया में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबंधक हैं. शुभम सपना गांव के लोगों का विकास करना है. उनका कहना है कि अगर रूरल डेवलपमेंट (ग्रामीण विकास) के क्षेत्र में काम करने का मौका मिला तो यह सौभाग्य होगा.

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बिहार के जमुई जिले के रहने वाले प्रवीण कुमार (Topper Pravin Kumar) ने यूपीएससी (UPSC) परीक्षा में टॉप-10 में जगह बनाई है. उन्होंने परीक्षा में 7वां रैंक स्थान प्राप्त किया है. उनकी सफलता पर बिहार समेत पूरे देश के लोग बधाई दे रहे हैं. प्रवीण कुमार को ये सफलता दूसरे प्रयास में मिली है. प्रवीण ने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की तैयारी पूरी कर दिल्ली से यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी. प्रवीण ने बताया कि उन्होंने बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में अपनी च्वाइस दी है.

मधेपुरा के लाल नीतेश जैन ने UPSC में 22 रैंक लाकर मधेपुरा का नाम रौशन किया है. मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड के रहने बाले नीतेश जैन सिविल सेवा परीक्षा 22 वां स्थान पाने वाले नीतेश जैन ने मधेपुरा का नाम रौशन किया है. नीतेश जैन वर्तमान में इनकमटैक्स कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं.

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किशनगंज के रहने वाले अनिल बसाक (Anil Basak) को 45वीं रैंक मिली है. अनिल का ये दूसरा प्रयास था. अनिल को यूपीएससी 2019 में 616 रैंक मिला था. इस रैंक से वे संतुष्ट नहीं थें. इस बार अनिल ऑल इंडिया 45वीं रैंक लाकर सफल हुए हैं. अनिल का पूरा परिवार किशनगंज के नेपालगढ़ कॉलोनी में रहता है. अनिल बोसाक के पिता संजय बोसाक फेरी का काम करते थे. माली हालत खराब रहने के बावजूद उन्होंने बेटे को पढ़ाया. आज अनिल ने पिता के सपनों को आकार दिया है.

बिहार (Bihar) के पूर्णिया (Purnea) जिले के महबूब खां टोला निवासी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) ने यूपीएससी में 52 वां स्थान प्राप्त किया है. उन्होंने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है. आशीष की स्कूलिंग डॉन बॉस्को में हुई. उसके बाद 10 वीं तक की पढ़ाई ब्राइट कैरियर स्कूल से हुई. प्लस टू की पढ़ाई मिलिया कॉन्वेंट से हुई. साल 2014 में उनका सेलेक्शन आईआईटी बीएचयू (IIT BHU) के लिये हुआ. वहां से पढ़ाई करने के बाद उनका कैंपस सेलेक्शन हो गया था मगर वे यूपीएससी की तैयारी में जुट गये. पहले प्रयास में वे इंटरव्यू तक पहंचे थे. दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफल हो गये.

नालंदा जिले के रहने वाले फैसल रजा (Topper Faisal Raza) ने सिविल सर्विसेज परीक्षा 2020 में उतीर्ण होकर सूबे और जिले नाम रोशन किया है. फैसल रजा को 447वां रैंक मिला है. फैसल रजा राजगीर प्रखंड क्षेत्र के मौलानाडीह गांव के रहने वाले एक किराना दुकानदार के पुत्र हैं.

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जहानाबाद के लाल राजेश रंजन ने यूपीएससी (Union Public Service Commission) की परीक्षा में 512वां रैंक पाकर जिले का नाम रोशन किया है. वे पहले ही बीपीएससी (BPSC) की परीक्षा में सफलता का परचम लहरा चुके हैं. बचपन से ही मेधावी छात्र रहे राजेश की प्रारंभिक शिक्षा जहानाबाद के बाल विद्या निकेतन स्कूल से हुई. उन्होंने एनआईटी राउरकेला (NIT Rourkela) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक (B.Tech) की डिग्री हासिल की. उसके बाद 2 वर्षों तक मारुति सुजुकी में बतौर इंजीनियर नौकरी की लेकिन सिविल सेवा में जाना उनका सपना था. अब यूपीएससी में पूरे भारत में 512वां रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है.

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