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पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी पर सुनवाई, तीसरी लहर से रोकथाम के उपायों की ली जानकारी

बिहार में कोरोना के नए वैरिएंट (New Variants of Corona in Bihar) से रोकथाम की तैयारियों को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. बिहार सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित ने कोर्ट को तैयारियों के बारे में बताया. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी पर सुनवाई
पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी पर सुनवाई
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Published : Jan 5, 2022, 2:47 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी पर सुनवाई (Hearing on Corona Pandemic in Patna High Court) हुई. बिहार में कोरोना के नए वैरिएंट के बढ़ते प्रभाव के रोकथाम और नियंत्रित किए जाने के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने इस महामारी के रोकथाम और नियंत्रित करने के लिए की जा रही कार्यवाईयों का ब्यौरा दिया. शिवानी कौशिक और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई.

ये भी पढ़ें- नीतीश कैबिनेट की बैठक में 6 एजेंडों पर लगी मुहर, कोरोना पॉजिटिव मंत्री और डिप्टी CM वर्चुअली जुड़े

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा की क्या कदम उठाए जा रहे हैं. एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि इस महामारी पर नियंत्रण के कई तरह के राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए दिए गए दिशा निर्देशों का पालन सख्ती से किया जा रहा है. सार्वजानिक स्थलों, सिनेमा हाल, मॉल और पार्क को फिलहाल बंद कर दिया गया है. साथ ही रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू भी प्रशासन ने लागू कर दिया है.

सरकारी और निजी दफ्तरों में कर्मचारियों के 50 फीसदी उपस्थिति के साथ ही कार्य होगा. स्कूलों और कॉलेजों में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवा को इस महामारी से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है. सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज के इलाज की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.

ये भी पढ़ें- बड़ी खबर: बिहार के दोनों उप मुख्यमंत्री के साथ-साथ 3 मंत्री हुए कोरोना पॉजिटिव

कोर्ट को यह भी बताया गया कि अभी दो लाख व्यक्तियों का प्रति दिन टेस्ट किया जा रहा है. ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त है और अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की पूरी कार्यवाई हो रही है. जो व्यक्ति कोरोना से पीड़ित हैं, उनके लिए इलाज की व्यवस्था की गई है. उन्हें आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है. अभी जो ओमीक्रोन नामक नए वैरिएंट के तेजी से बढ़ने के कारण स्थिति में परिवर्तन हो रहा है.

महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि कोरोना के वैरिएंट की पहचान को लेकर पटना के आईजीआईएमएस समेत कुछ निजी अस्पतालों में लैब की व्यवस्था की गई है. इस बार पिछले बार के कोरोना के 'पीक टाइम' से 130 गुना अधिक ऑक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध कराई गई है. 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन राज्य सरकार के पास उपलब्ध है. 10 स्टोरेज प्लांट प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लगाए गए हैं. 65 भारत सरकार की मदद से और 68 बिहार सरकार अपने तरफ से पीएसए प्लांट स्थापित किए गए हैं.

उन्होने कहा कि 16,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हर अस्पताल और पब्लिक हेल्थ सेंटर में उपलब्ध कराया गया है. 38,000 बी टाइप सिलेंडर और 15,000 डी टाइप सिलेंडर उपलब्ध करवाए गए हैं. राज्य में प्रतिदिन 2 लाख से भी ज्यादा रैपिड एंटीजन और आरटी पीसीआर जांच की जा रही है. एयरपोर्ट और बस स्टैंड जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर भी जांच की व्यवस्था की गई है. इस बार जो कोरोना के लक्षण मिल रहे हैं, वो पिछली बार से कम प्रभाव वाले हैं.

दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों से लेकर देश के अन्य भागों में ओमीक्रोन बहुत तेजी से फैल रहा है. सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और अन्य कई हाईकोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई शुरू कर दी गई है. इस स्थिति को देखते हुए कल से ही पटना हाईकोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई प्रारम्भ हो चुकी है. इस मामले पर 12 जनवरी 2022 को अगली सुनवाई होगी.

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पटना: पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी पर सुनवाई (Hearing on Corona Pandemic in Patna High Court) हुई. बिहार में कोरोना के नए वैरिएंट के बढ़ते प्रभाव के रोकथाम और नियंत्रित किए जाने के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने इस महामारी के रोकथाम और नियंत्रित करने के लिए की जा रही कार्यवाईयों का ब्यौरा दिया. शिवानी कौशिक और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई.

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा की क्या कदम उठाए जा रहे हैं. एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि इस महामारी पर नियंत्रण के कई तरह के राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए दिए गए दिशा निर्देशों का पालन सख्ती से किया जा रहा है. सार्वजानिक स्थलों, सिनेमा हाल, मॉल और पार्क को फिलहाल बंद कर दिया गया है. साथ ही रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू भी प्रशासन ने लागू कर दिया है.

सरकारी और निजी दफ्तरों में कर्मचारियों के 50 फीसदी उपस्थिति के साथ ही कार्य होगा. स्कूलों और कॉलेजों में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवा को इस महामारी से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है. सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज के इलाज की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.

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कोर्ट को यह भी बताया गया कि अभी दो लाख व्यक्तियों का प्रति दिन टेस्ट किया जा रहा है. ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त है और अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की पूरी कार्यवाई हो रही है. जो व्यक्ति कोरोना से पीड़ित हैं, उनके लिए इलाज की व्यवस्था की गई है. उन्हें आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है. अभी जो ओमीक्रोन नामक नए वैरिएंट के तेजी से बढ़ने के कारण स्थिति में परिवर्तन हो रहा है.

महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि कोरोना के वैरिएंट की पहचान को लेकर पटना के आईजीआईएमएस समेत कुछ निजी अस्पतालों में लैब की व्यवस्था की गई है. इस बार पिछले बार के कोरोना के 'पीक टाइम' से 130 गुना अधिक ऑक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध कराई गई है. 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन राज्य सरकार के पास उपलब्ध है. 10 स्टोरेज प्लांट प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लगाए गए हैं. 65 भारत सरकार की मदद से और 68 बिहार सरकार अपने तरफ से पीएसए प्लांट स्थापित किए गए हैं.

उन्होने कहा कि 16,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हर अस्पताल और पब्लिक हेल्थ सेंटर में उपलब्ध कराया गया है. 38,000 बी टाइप सिलेंडर और 15,000 डी टाइप सिलेंडर उपलब्ध करवाए गए हैं. राज्य में प्रतिदिन 2 लाख से भी ज्यादा रैपिड एंटीजन और आरटी पीसीआर जांच की जा रही है. एयरपोर्ट और बस स्टैंड जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर भी जांच की व्यवस्था की गई है. इस बार जो कोरोना के लक्षण मिल रहे हैं, वो पिछली बार से कम प्रभाव वाले हैं.

दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों से लेकर देश के अन्य भागों में ओमीक्रोन बहुत तेजी से फैल रहा है. सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और अन्य कई हाईकोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई शुरू कर दी गई है. इस स्थिति को देखते हुए कल से ही पटना हाईकोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई प्रारम्भ हो चुकी है. इस मामले पर 12 जनवरी 2022 को अगली सुनवाई होगी.

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