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पटना हाईकोर्ट ने BSRTC प्रशासक प्रमुख को लगाई फटकार, 17 साल बाद भी बेटे को नहीं मिल पाई अनुकंपा नौकरी - etv bihar

गया के संजीत कुमार को अनुकंपा नौकरी नहीं देने के मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के प्रमुख प्रशासक को कड़ी फटकार लगाई है. पढ़ें रिपोर्ट..

अनुकंपा नौकरी नहीं देने पर पटना हाईकोर्ट
अनुकंपा नौकरी नहीं देने पर पटना हाईकोर्ट
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Published : Dec 15, 2021, 11:02 PM IST

पटना: बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (Bihar State Road Transport Corporation) के चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी शांति देवी की मृत्यु 17 साल पहले हो गई थी. इतने साल बीत जाने के बाद भी उसके बेटे को अनुकंपा नौकरी नहीं देने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. परिवहन निगम के प्रशासन प्रमुख पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में अधीनस्थ कर्मचारी से जवाब क्यों मांगा.

ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट में BSSC प्रथम स्तरीय संयुक्त परीक्षा के प्रारंभिक परीक्षा परिणाम को चैलेंज करने वाली याचिका रद्द

जस्टिस पी बी बजन्थरी ने संजीत कुमार ऊर्फ संजीव कुमार (Sanjit Kumar of Gaya) की याचिका पर सुनवाई करते हुए परिवहन निगम के प्रशासन प्रमुख को हलफनामा दायर कर बताने को कहा कि 1993 से बिहार राज्य पथ परिवहन निगम में बहाली क्यों नहीं हुई है. कोर्ट ने उपस्थित निगम के प्रमुख प्रशासक से पूछा कि जब उन्होंने पद संभाला, तो लंबित मामलों के फाइल पर क्यों जानकारी लेकर कार्रवाई नहीं की. बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि 1993/94 से निगम में बहाली नहीं हुई. साथ ही अनुकंपा के आधार पर भी बहाली नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें- कोरोना महामारी पर सुनवाई के दौरान HC ने तलब किया केंद्र से ब्यौरा, बिहार को ऑक्सीजन और उपलब्धता की मांगी रिपोर्ट

पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता निर्मल कुमार सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि गया में पथ परिवहन निगम में 12 जुलाई 1975 में शांति देवी की नियुक्ति वाटर मैन (पानी पिलाने वाली कर्माचारी) के रूप में हुई थी. 1अगस्त 2004 को शांति देवी की उनकी सेवा के दौरान ही निधन हो गया था. संजीत कुमार को उनकी मां के स्थान पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्त करने के लिए गया बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक ने अनुशंसा करते हुए आवेदन को निगम के प्रमुख प्रशासक पटना को भेज दिया. लेकिन, संजीत कुमार की अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति नहीं हुई.

साल 2005, 2006, 2012, 2016, 2018, 2019 और 2020 में अधिकारियों को लगातार इस अनुशंसा की प्रतिरूपी दी गई. लेकिन, उसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला. 15 जनवरी 2020 को संजीत कुमार के अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए दिए गए आवेदन को क्षेत्रीय प्रबंधक गया ने अनुशंसा के साथ प्रमुख प्रशासक पटना को भेजा था, लेकिन अब तक उसकी नियुक्ति नहीं हुई है. इस मामले पर कोर्ट में अगली सुनवाई जनवरी 2022 के दूसरे सप्ताह में होगी.

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पटना: बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (Bihar State Road Transport Corporation) के चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी शांति देवी की मृत्यु 17 साल पहले हो गई थी. इतने साल बीत जाने के बाद भी उसके बेटे को अनुकंपा नौकरी नहीं देने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. परिवहन निगम के प्रशासन प्रमुख पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में अधीनस्थ कर्मचारी से जवाब क्यों मांगा.

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जस्टिस पी बी बजन्थरी ने संजीत कुमार ऊर्फ संजीव कुमार (Sanjit Kumar of Gaya) की याचिका पर सुनवाई करते हुए परिवहन निगम के प्रशासन प्रमुख को हलफनामा दायर कर बताने को कहा कि 1993 से बिहार राज्य पथ परिवहन निगम में बहाली क्यों नहीं हुई है. कोर्ट ने उपस्थित निगम के प्रमुख प्रशासक से पूछा कि जब उन्होंने पद संभाला, तो लंबित मामलों के फाइल पर क्यों जानकारी लेकर कार्रवाई नहीं की. बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि 1993/94 से निगम में बहाली नहीं हुई. साथ ही अनुकंपा के आधार पर भी बहाली नहीं हुई है.

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पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता निर्मल कुमार सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि गया में पथ परिवहन निगम में 12 जुलाई 1975 में शांति देवी की नियुक्ति वाटर मैन (पानी पिलाने वाली कर्माचारी) के रूप में हुई थी. 1अगस्त 2004 को शांति देवी की उनकी सेवा के दौरान ही निधन हो गया था. संजीत कुमार को उनकी मां के स्थान पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्त करने के लिए गया बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक ने अनुशंसा करते हुए आवेदन को निगम के प्रमुख प्रशासक पटना को भेज दिया. लेकिन, संजीत कुमार की अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति नहीं हुई.

साल 2005, 2006, 2012, 2016, 2018, 2019 और 2020 में अधिकारियों को लगातार इस अनुशंसा की प्रतिरूपी दी गई. लेकिन, उसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला. 15 जनवरी 2020 को संजीत कुमार के अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए दिए गए आवेदन को क्षेत्रीय प्रबंधक गया ने अनुशंसा के साथ प्रमुख प्रशासक पटना को भेजा था, लेकिन अब तक उसकी नियुक्ति नहीं हुई है. इस मामले पर कोर्ट में अगली सुनवाई जनवरी 2022 के दूसरे सप्ताह में होगी.

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