पटनाः मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा अंतर्गत राजन साह की 5 वर्षीय पुत्री खुशी के अपहरण मामले पर शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई (Hearing In Patna High Court on Muzaffarpur Khusi Kidnapping case) की. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद के समक्ष सुनवाई के दौरान मुजफ्फरपुर एसएसपी कोर्ट में उपस्थित हुए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस केस में संलिप्त संदिग्ध का पॉलीग्राफी टेस्ट करवाया जाएगा. एक बार पुनः इस केस को नए सिरे से अनुसंधान किया जाएगा.
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केस डायरी अवलोकन में मिली कई खामियांः उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में कोई सकारात्मक परिणाम निकाल कर देंगे. इस पर कोर्ट ने कहा के मुजफ्फरपुर एसएसपी से कहा कि इस केस को चैलेंज के रूप में ले और सकारात्मक जांच रिपोर्ट 4 सप्ताह में दायर करें. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में एकलपीठ ने अनुसंधान पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि पूर्व के अनुसंधानकर्ताओं ने अनुसंधान के नाम पर केवल कागजी कार्रवाई की है. कोर्ट ने केस डायरी का अवलोकन कर यह पाया कि पुलिस ने संदिग्धों पर उचित ढंग से कार्रवाई नहीं कर अनुसंधान में उदासीन रवैय्या अपनाया है.
सुनवाई 16 अगस्त को होगीः कोर्ट ने इस मामले पहले से गठित एसआईटी को समाप्त कर मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में नए एसआईटी को गठित करके जांच करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने मामले के अवलोकन पर पाया कि अनुसंधान में पाए गए संदिग्ध व्यक्ति आकाश कुमार के बयान को भी पुलिस की ओर से नजरअंदाज किया गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओमप्रकाश ने कोर्ट को बताया कि 16 फरवरी 2021 को बच्ची का अपहरण कर लिया गया था लेकिन 1 साल 4 महीने बीत जाने के बाद भी आज तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है. इस मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी.
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