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PDS लाइसेंस को रद्द रखने का मामला: पटना हाईकोर्ट ने प्रधान सचिव से मांगा जवाब - etv bharat

पीडीएस लाइसेंस रद्द रखने के मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई (Hearing in Patna High Court on Cancellation of PDS License) हुई. कोर्ट ने खाद्य व आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव को तलब किया.

Patna High Court
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Published : Feb 22, 2022, 10:48 PM IST

पटना: पीडीएस लाइसेंस को महीनों तक रद्द रखे रहने के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. शिव शंकर साह की याचिका पर जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की. इस मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के खाद्य और आपूर्ति सचिव कोर्ट में उपस्थित रहे है. कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि पीडीएस कंट्रोल आर्डर के अनुसार 60 दिनों की निर्धारित समय सीमा में अपील का निष्पादन नहीं करना गंभीर मामला है. इस विवाद का निष्पादन निर्धारित समय सीमा में होना चाहिए.

ये भी पढ़ें- 16 साल से अटकी हाजीपुर सुगौली रेल लाइन परियोजना पर पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

इसके बावजूद इन मामलों को महीनों तक लंबित रखा जाता है. कोर्ट ने उपस्थित सचिव को कहा कि इस मामले में कोई रूल बनाये या सरकार के नोटिस में दीजिए, ताकि इस तरह के सभी मुकदमों की समीक्षा की जा सकें. लगातार इस तरह के मामले कोर्ट में आ रहे हैं, लेकिन निष्पादन नहीं हो पा रहा है. कोर्ट में मौजूद सचिव ने कहा कि वे इस तरह के मामले के संबंध में रूल तैयार करके सरकार के समक्ष मामले को रखेंगे और मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाएंगे.

याचिकाकर्ता का कहना था कि पीडीएस दुकान ही जीविका का एकमात्र साधन है, जिसे समस्तीपुर के एसडीओ ने रद्द कर दिया है. आरोप लगाया गया था कि तौलने की मशीन खराब थी. एसडीओ के आदेश के विरुद्ध समस्तीपुर के जिलाधिकारी के समक्ष अपील की गई, लेकिन अपील साल 2020 से लंबित है. जबकि पीडीएस कंट्रोल ऑर्डर के मुताबिक अपील का निष्पादन 60 दिनों की निर्धारित समय सीमा के भीतर कर दिया जाना चाहिए था.

कोर्ट ने की गई कार्रवाई के संबंध में हलफनामा दाखिल करने को भी कहा है. सचिव ने कोर्ट से उक्त मामले को निष्पादित करने का अनुरोध किया, लेकिन कोर्ट का कहना था कि यदि इस मामले को निष्पादित कर दिया जाता है, तो नियम बनाने का मामला शिथिल पड़ जाएगा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया कि इस मामले पर आगे की सुनवाई अब दो सप्ताह बाद होगी.

ये भी पढ़ें- साइबर क्राइम की प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर थाना इंचार्ज पर होगी अवमानना की कार्रवाईः पटना हाईकोर्ट

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पटना: पीडीएस लाइसेंस को महीनों तक रद्द रखे रहने के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. शिव शंकर साह की याचिका पर जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की. इस मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के खाद्य और आपूर्ति सचिव कोर्ट में उपस्थित रहे है. कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि पीडीएस कंट्रोल आर्डर के अनुसार 60 दिनों की निर्धारित समय सीमा में अपील का निष्पादन नहीं करना गंभीर मामला है. इस विवाद का निष्पादन निर्धारित समय सीमा में होना चाहिए.

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इसके बावजूद इन मामलों को महीनों तक लंबित रखा जाता है. कोर्ट ने उपस्थित सचिव को कहा कि इस मामले में कोई रूल बनाये या सरकार के नोटिस में दीजिए, ताकि इस तरह के सभी मुकदमों की समीक्षा की जा सकें. लगातार इस तरह के मामले कोर्ट में आ रहे हैं, लेकिन निष्पादन नहीं हो पा रहा है. कोर्ट में मौजूद सचिव ने कहा कि वे इस तरह के मामले के संबंध में रूल तैयार करके सरकार के समक्ष मामले को रखेंगे और मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाएंगे.

याचिकाकर्ता का कहना था कि पीडीएस दुकान ही जीविका का एकमात्र साधन है, जिसे समस्तीपुर के एसडीओ ने रद्द कर दिया है. आरोप लगाया गया था कि तौलने की मशीन खराब थी. एसडीओ के आदेश के विरुद्ध समस्तीपुर के जिलाधिकारी के समक्ष अपील की गई, लेकिन अपील साल 2020 से लंबित है. जबकि पीडीएस कंट्रोल ऑर्डर के मुताबिक अपील का निष्पादन 60 दिनों की निर्धारित समय सीमा के भीतर कर दिया जाना चाहिए था.

कोर्ट ने की गई कार्रवाई के संबंध में हलफनामा दाखिल करने को भी कहा है. सचिव ने कोर्ट से उक्त मामले को निष्पादित करने का अनुरोध किया, लेकिन कोर्ट का कहना था कि यदि इस मामले को निष्पादित कर दिया जाता है, तो नियम बनाने का मामला शिथिल पड़ जाएगा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया कि इस मामले पर आगे की सुनवाई अब दो सप्ताह बाद होगी.

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