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4 वर्षो के बाद भी केस में अंतिम प्रपत्र दायर नहीं होने पर HC सख्त, पटना एसएसपी मांगा स्पष्टीकरण

पटना हाईकोर्ट ने मामला दर्ज होने के बाद भी अंतिम प्रपत्र दायर नहीं होने पर पटना के एसएसपी को कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना के एसएसपी को 17 अक्टूबर 2022 को कोर्ट में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी. पढ़ें पूरी खबर..

पटना हाईकोर्ट न्यूज
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Published : Oct 16, 2022, 11:03 PM IST

पटना: हाईकोर्ट ने एफआईआर दर्ज होने के चार वर्षो के बाद भी अंतिम प्रपत्र दायर नहीं होने पर पटना के एसएसपी को (HC Seeks Clarification From Patna SSP) कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. जस्टिस मोहित कुमार शाह (Justice Mohit Kumar Shah) ने मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने सावित्री देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना के एसएसपी से स्पष्टीकरण मांगा है कि, आख़िर 2018 में दायर प्राथमिकी में अब तक अंतिम प्रपत्र दायर क्यों नहीं किया गया?. याचिकाकर्ता के पति पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग में सहायक निदेशक के पद से सेवानिवृत हुए थे.

ये भी पढ़ें- पटना: नहर के बांध और चार्ट भूमि पर अतिक्रमण हटाने को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

पटना SSP से HC ने मांगा स्पष्टीकरण : याचिकाकर्ता ने अपनी रिट याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि उनके पति को याददाश्त की समस्या थी. वे 20.12.18 को शनि मंदिर, भूतनाथ रोड (पटना) से लापता हो गए थे. इसके विरुद्ध उनके पुत्र ने उसी दिन अगमकुआं थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी. लेकिन चार वर्ष बीत जाने के बाद भी न तो उनका कुछ पता चला और न तो पुलिस ने अनुसंधान के संदर्भ में अंतिम प्रपत्र दायर किया. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अपूर्व हर्ष ने कोर्ट को बताया कि पुलिस के उदासीन रवैये से याचिकाकर्ता को उसके पति का पेन्शन चार साल तक नहीं मिल सका है.

जस्टिस मोहित कुमार शाह ने मामले में सुनवाई की : उन्होंने 24.02.1990 को राज्य सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना का संदर्भ देते हुए कहा कि यदि संबंधित सरकारी पेंशनर के आश्रित परिवार द्वारा निकटवर्ती थाने में उसके लापता होने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई हो, साथ ही पुलिस प्रतिवेदन से यह प्रमाणित होता है, कि सभी संभव प्रयास एवं खोजबीन के बावजूद उसके लापता होने की बात सही है, तो सर्वप्रथम सरकारी सेवक द्वारा पूर्व में दिए गए नामांकन पत्र के आधार पर उसके आश्रित परिवार को बकाए वेतन, भविष्य निधि आदि का भुगतान तुरंत किया जाए. इस पर कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना के एसएसपी को 17 अक्टूबर 2022 को कोर्ट में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी.

पटना: हाईकोर्ट ने एफआईआर दर्ज होने के चार वर्षो के बाद भी अंतिम प्रपत्र दायर नहीं होने पर पटना के एसएसपी को (HC Seeks Clarification From Patna SSP) कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. जस्टिस मोहित कुमार शाह (Justice Mohit Kumar Shah) ने मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने सावित्री देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना के एसएसपी से स्पष्टीकरण मांगा है कि, आख़िर 2018 में दायर प्राथमिकी में अब तक अंतिम प्रपत्र दायर क्यों नहीं किया गया?. याचिकाकर्ता के पति पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग में सहायक निदेशक के पद से सेवानिवृत हुए थे.

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पटना SSP से HC ने मांगा स्पष्टीकरण : याचिकाकर्ता ने अपनी रिट याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि उनके पति को याददाश्त की समस्या थी. वे 20.12.18 को शनि मंदिर, भूतनाथ रोड (पटना) से लापता हो गए थे. इसके विरुद्ध उनके पुत्र ने उसी दिन अगमकुआं थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी. लेकिन चार वर्ष बीत जाने के बाद भी न तो उनका कुछ पता चला और न तो पुलिस ने अनुसंधान के संदर्भ में अंतिम प्रपत्र दायर किया. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अपूर्व हर्ष ने कोर्ट को बताया कि पुलिस के उदासीन रवैये से याचिकाकर्ता को उसके पति का पेन्शन चार साल तक नहीं मिल सका है.

जस्टिस मोहित कुमार शाह ने मामले में सुनवाई की : उन्होंने 24.02.1990 को राज्य सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना का संदर्भ देते हुए कहा कि यदि संबंधित सरकारी पेंशनर के आश्रित परिवार द्वारा निकटवर्ती थाने में उसके लापता होने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई हो, साथ ही पुलिस प्रतिवेदन से यह प्रमाणित होता है, कि सभी संभव प्रयास एवं खोजबीन के बावजूद उसके लापता होने की बात सही है, तो सर्वप्रथम सरकारी सेवक द्वारा पूर्व में दिए गए नामांकन पत्र के आधार पर उसके आश्रित परिवार को बकाए वेतन, भविष्य निधि आदि का भुगतान तुरंत किया जाए. इस पर कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना के एसएसपी को 17 अक्टूबर 2022 को कोर्ट में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी.

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