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शिक्षण संस्थानों के अनुदान में घोटाले की जांच की धीमी रफ्तार पर UGC को HC की फटकार

कोर्ट ने यूजीसी से पूछा कि अबतक आपने इस घोटाला मामले में क्या किया? इन कॉलेजों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की? इस मामले पर अगली सुनवाई 3 महीने बाद की जायेगी.

पटना हाई कोर्ट
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Published : Jul 29, 2019, 4:40 PM IST

पटना: यूजीसी की ओर से शिक्षण संस्थाओं को दिए गए अनुदान में घोटाले की जांच धीमी रफ्तार से बढ़ने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. आपको बता दें कि राज्य के शिक्षण संस्थाओं को यूजीसी की ओर से अनुदान दिया जाता है. वेटेरन फोरम की जनहित याचिका पर जस्टिस ज्योति शरण की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए यूजीसी को कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के लिए 3 महीने की मोहलत दी है.

यूजीसी से जवाब तलब
यूजीसी ने कोर्ट को बताया कि लगभग सौ करोड़ रुपए इन शिक्षण संस्थाओं से वसूले गये हैं या उपयोगिता प्रमाणपत्र मिले चुके हैं. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि अभी भी 187 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया गया है. कोर्ट ने यूजीसी से पूछा कि अबतक आपने क्या किया. इन कॉलेजों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की. इस मामले पर अगली सुनवाई 3 महीने बाद की जायेगी.

CBSE, राज्य सरकार और स्कूल प्रशासन को फटकार
वहीं, दूसरे मामले में पटना हाईकोर्ट ने निजी स्कूल कृष्णा निकेतन की प्राचार्या पुष्पा सिंह को मनमाने ढंग से हटाये जाने पर सख्त रुख अपनाया. कोर्ट ने इस मामले में सीबीएसई, राज्य सरकार और स्कूल प्रशासन से जवाब तलब किया है. जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय ने पुष्पा सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. आरोप है कि शिक्षक को सम्मानजनक वेतन दिलाने की मांग करने पर स्कूल प्रशासन ने पुष्पा सिंह को बिना किसी नोटिस के पद से हटा कर दूसरी शिक्षिका को प्राचार्या बना दिया. 2013 से वे प्राचार्या के पद पर कार्यरत थीं.

पटना: यूजीसी की ओर से शिक्षण संस्थाओं को दिए गए अनुदान में घोटाले की जांच धीमी रफ्तार से बढ़ने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. आपको बता दें कि राज्य के शिक्षण संस्थाओं को यूजीसी की ओर से अनुदान दिया जाता है. वेटेरन फोरम की जनहित याचिका पर जस्टिस ज्योति शरण की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए यूजीसी को कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के लिए 3 महीने की मोहलत दी है.

यूजीसी से जवाब तलब
यूजीसी ने कोर्ट को बताया कि लगभग सौ करोड़ रुपए इन शिक्षण संस्थाओं से वसूले गये हैं या उपयोगिता प्रमाणपत्र मिले चुके हैं. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि अभी भी 187 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया गया है. कोर्ट ने यूजीसी से पूछा कि अबतक आपने क्या किया. इन कॉलेजों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की. इस मामले पर अगली सुनवाई 3 महीने बाद की जायेगी.

CBSE, राज्य सरकार और स्कूल प्रशासन को फटकार
वहीं, दूसरे मामले में पटना हाईकोर्ट ने निजी स्कूल कृष्णा निकेतन की प्राचार्या पुष्पा सिंह को मनमाने ढंग से हटाये जाने पर सख्त रुख अपनाया. कोर्ट ने इस मामले में सीबीएसई, राज्य सरकार और स्कूल प्रशासन से जवाब तलब किया है. जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय ने पुष्पा सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. आरोप है कि शिक्षक को सम्मानजनक वेतन दिलाने की मांग करने पर स्कूल प्रशासन ने पुष्पा सिंह को बिना किसी नोटिस के पद से हटा कर दूसरी शिक्षिका को प्राचार्या बना दिया. 2013 से वे प्राचार्या के पद पर कार्यरत थीं.

[29/07, 14:55] Anand Verma: पटना हाईकोर्ट ने निजी स्कूल कृष्णा निकेतन की प्राचार्या पुष्पा सिंह को मनमाने ढंग से हटाये जाने पर सख्त रुख अपनाते हुए सीबीएसई,राज्य सरकार व स्कूल प्रशासन से जवाबतलब किया हैं।जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय ने पुष्पा सिंह की याचिका पर सुनवाई की।उन्होनें शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन दिलाने की मांग की,तो स्कूल प्रशासन ने उन्हें बगैर कोई नोटिस जारी किये पद से हटा कर दूसरी शिक्षिका को प्राचार्या बना दिया।2013 से।पुष्पा सिंह प्राचार्या के पद पर कार्यरत थी।इस मामलें पर आगे सुनवाई की जायेगी।
[29/07, 14:56] Anand Verma: Slug. Illegal removal of the principal.
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