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बाढ़ से जूझ रहे नेपाल को भारत सरकार ने भेजी मदद, राहत सामग्री से भरे 28 ट्रक रवाना - भारत नेपाल संबंध

नेपाल की बड़ी आबादी बाढ़ का दंश झेल रही है. भारत सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राहत सामग्री से भरे 28 ट्रक की खेप को रवाना किया है. रक्सौल सीमा पर इसे नेपाल को सौंपा जाएगा. पढ़ें पूरी खबर

एनडीआरएफ
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Published : Aug 20, 2021, 12:53 PM IST

Updated : Aug 20, 2021, 1:53 PM IST

पटनाः बिहार और नेपाल के कई इलाकों में इन दिनों बाढ़ (Flood In Bihar And Nepal) की स्थिति बनी हुई है. सीमावर्ती क्षेत्रों के हालात चिंताजनक हैं. गंगा और सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण सीमा से सटे लाखों लोगों की जिंदगी प्रभावित है. इस बीच भारत सरकार की पहल पर भारत नेपाल मित्रता को और प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से शुक्रवार को पटना से 28 ट्रक बाढ़ राहत समाग्री की खेप नेपाल के लिए रवाना किया गया है.

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राजधानी पटना से सटे बिहटा स्थित 9वीं बटालियन एनडीआरएफ मुख्यालय से शुक्रवार को कमांडेट विजय सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर इन ट्रकों को रवाना किया गया है. इन राहत सामग्रियों को नेपाल को सौंपा जाएगा. बता दें कि राहत सामग्री को भारत-नेपाल सहयोग के बैनर तले नेपाल भेजा गया है.

देखें वीडियो

"नेपाल हमारा हमेशा से मित्र राष्ट्र रहा है. वर्तमान में बाढ़ से प्रभावित नेपाल को सहायता पहुंचाने और मुश्किल समय में नेपाल के साथ दृढ़ता के साथ खड़े रहने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए यह राहत सामग्री नेपाल की जनता के लिए भेजी जा रही है. इसे भारत नेपाल सीमा पर नेपाल को सौंपी जायेगी.भारत सरकार की पहल और दिशा-निर्देश पर एनडीआरएफ ने फैमिली रिज टेंट, प्‍लासिटक सीट, सिंथेटिक स्‍लीपिंग मैट आदि से भरे 28 ट्रकों को नेपाल के लिए रवाना किया गया है." - विजय सिन्हा, कमांडेंट, 9वीं बटालियन एनडीआरएफ

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बता दें कि बिहार में कई नदियों के जलस्तर में भले ही कमी दर्ज की गई है, लेकिन राज्य के 16 जिलों की 37 लाख से ज्यादा की आबादी अभी भी बाढ से प्रभावित है. इस बीच, अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है. आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि बाढ़ प्रभवित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं. इस बीच बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद के लिए 22 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बांटी गई है.

आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर और पूर्णिया जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 14 और एसडीआरएफ की 12 टीमों को लगाया गया है.

इसके अलावा दो एनडीआरएफ की और तीन एसडीआरएफ की अन्य टीमें दूसरे बाढ़ प्रभावित जिलों में पहले से तैनात हैं. प्रभावित इलाकों में 2585 नावों का परिचालन किया जा रहा है. अधिकारी का कहना है कि जरूरत के अनुसार इन नावों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है.

विभाग के मुताबिक, दो लाख 22 हजार से ज्यादा पॉलीथीन शीट और एक लाख 4 हजार से ज्यादा सूखा राशन पॉकेट बांटे गए हैं. इसके अलावा सभी जिलों में फसल के नुकसान का आxकलन कराया जा रहा है. आंकलन होने के बाद किसानों को क्षतिपूर्ति की जाएगी.

प्रभावित क्षेत्रों में 68 राहत शिविर और 621 सामुदायिक किचेन का संचालन किया जा रहा है. इस बीच, अब तक 223899 बाढ़ प्रभवित परिवारों को अनुग्रहिक राहत (जीआर) की राशि के रूप में प्रति परिवार को 6000 रुपये की दर से कुल 134.34 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं.

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पटनाः बिहार और नेपाल के कई इलाकों में इन दिनों बाढ़ (Flood In Bihar And Nepal) की स्थिति बनी हुई है. सीमावर्ती क्षेत्रों के हालात चिंताजनक हैं. गंगा और सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण सीमा से सटे लाखों लोगों की जिंदगी प्रभावित है. इस बीच भारत सरकार की पहल पर भारत नेपाल मित्रता को और प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से शुक्रवार को पटना से 28 ट्रक बाढ़ राहत समाग्री की खेप नेपाल के लिए रवाना किया गया है.

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राजधानी पटना से सटे बिहटा स्थित 9वीं बटालियन एनडीआरएफ मुख्यालय से शुक्रवार को कमांडेट विजय सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर इन ट्रकों को रवाना किया गया है. इन राहत सामग्रियों को नेपाल को सौंपा जाएगा. बता दें कि राहत सामग्री को भारत-नेपाल सहयोग के बैनर तले नेपाल भेजा गया है.

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"नेपाल हमारा हमेशा से मित्र राष्ट्र रहा है. वर्तमान में बाढ़ से प्रभावित नेपाल को सहायता पहुंचाने और मुश्किल समय में नेपाल के साथ दृढ़ता के साथ खड़े रहने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए यह राहत सामग्री नेपाल की जनता के लिए भेजी जा रही है. इसे भारत नेपाल सीमा पर नेपाल को सौंपी जायेगी.भारत सरकार की पहल और दिशा-निर्देश पर एनडीआरएफ ने फैमिली रिज टेंट, प्‍लासिटक सीट, सिंथेटिक स्‍लीपिंग मैट आदि से भरे 28 ट्रकों को नेपाल के लिए रवाना किया गया है." - विजय सिन्हा, कमांडेंट, 9वीं बटालियन एनडीआरएफ

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बता दें कि बिहार में कई नदियों के जलस्तर में भले ही कमी दर्ज की गई है, लेकिन राज्य के 16 जिलों की 37 लाख से ज्यादा की आबादी अभी भी बाढ से प्रभावित है. इस बीच, अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है. आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि बाढ़ प्रभवित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं. इस बीच बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद के लिए 22 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बांटी गई है.

आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर और पूर्णिया जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 14 और एसडीआरएफ की 12 टीमों को लगाया गया है.

इसके अलावा दो एनडीआरएफ की और तीन एसडीआरएफ की अन्य टीमें दूसरे बाढ़ प्रभावित जिलों में पहले से तैनात हैं. प्रभावित इलाकों में 2585 नावों का परिचालन किया जा रहा है. अधिकारी का कहना है कि जरूरत के अनुसार इन नावों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है.

विभाग के मुताबिक, दो लाख 22 हजार से ज्यादा पॉलीथीन शीट और एक लाख 4 हजार से ज्यादा सूखा राशन पॉकेट बांटे गए हैं. इसके अलावा सभी जिलों में फसल के नुकसान का आxकलन कराया जा रहा है. आंकलन होने के बाद किसानों को क्षतिपूर्ति की जाएगी.

प्रभावित क्षेत्रों में 68 राहत शिविर और 621 सामुदायिक किचेन का संचालन किया जा रहा है. इस बीच, अब तक 223899 बाढ़ प्रभवित परिवारों को अनुग्रहिक राहत (जीआर) की राशि के रूप में प्रति परिवार को 6000 रुपये की दर से कुल 134.34 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं.

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Last Updated : Aug 20, 2021, 1:53 PM IST
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