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बिहार के 26 जिलों में बाढ़ से कोहराम, 20 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित

बिहार में गंगा सहित सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि के बाद राज्य के 15 जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. पटना के रिहाइशी इलाकों में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोग उंचे स्थानों पर जा रहे हैं. गंगा के किनारे रहने वालों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. पढ़ें पूरी खबर

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Published : Aug 16, 2021, 12:46 PM IST

पटना: बिहार में बाढ़ ( Flood In Bihar ) का कहर जारी है. राज्य के 26 जिलों की 20 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है जबकि सात लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच, आपदा प्रबंधन विभाग ( Disaster Management Department ) का दावा है कि बाढ प्रभवित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं.

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक राज्य के 26 जिलों के 86 प्रखंडों की कुल 570 पंचायतें बाढ़ से आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित है. वहां की 20 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में है. आपदा प्रबांन विभाग ने इन जिलों में राहत व बचाव का कार्य तेज कर दिया है. साथ ही सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर पर जल संसाान विभाग के इंजीनियरों के साथ लगातार निगरानी हो रही है.

यह भी पढ़ें- VIDEO: 3 नदियों के पानी से घिरा 'भखरी गांव' बना टापू, देखिए ये तस्वीरें..

विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पटना के अलावा वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, मुजफरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर और समस्तीपुर जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की आठ और एसडीआरएफ की नौ टीमों को लगाया गया है.

इसके अलावा चार एनडीआरएफ की और पांच एसडीआरएफ की अन्य टीमें दूसरे बाढ़ प्रभावित जिलों में पहले से तैनात हैं. प्रभावित इलाकों में 1948 नावों का परिचालन किया जा रहा है. अधिकारी का कहना है कि जरूरत के अनुसार इन नावों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है.

ये भी पढ़ें- गंडक छोड़ बिहार की सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे, कोसी से मुश्किलें बढ़ने की संभावना

एक लाख 39 हजार से ज्यादा पॉलीथीन शीट और 27 हजार 387 सूखा राशन पॉकेट बांटे गये हैं. इसके अलावा सभी जिलों में फसल के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है. आकलन होने के बाद किसानों को क्षतिपूर्ति की जाएगी. प्रभावित क्षेत्रों में 31 राहत शिविर और 254 सामुदायिक किचन का संचालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है.

इस बीच, बाढ़ के पानी ने ट्रेनों की रफ्तार कम कर दी. बाढ़ के कारण सुल्तानगंज से रतनपुर तक ट्रैक पर पानी आने के कारण पूर्व मध्य रेलवे ने कई ट्रेनों का परिचालन रद्द किया है तो कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है. पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने शनिवार की शाम बताया कि 16 किलोमीटर लंबे रतनपुर- सुल्तानगंज रेलखंड के मय रेल पुलों के निकट बाढ़ का पानी आ जाने के कारण इस रेलखंड के अप एवं डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है.

दूसरी तरफ, बिहार सरकार ने कहा है कि, इस साल आई बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई सरकार करेगी. सरकार फसलों की हुई क्षति का आकलन करवा कर किसानों को इसके लिए मदद करेगी. बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बाढ़ के कारण, अत्यधिक बारिश के कारण कई जिलों में फसल खराब हो गई. उन्होंने कहा कि फसलों को हुए नुकसान का आकलन करके उसकी क्षतिपूर्ति की भरपाई की जाएगी.

बता दें कि पटना जिला आपदा शाखा का कहना है कि गंगा, सोन और पुनपुन में आई बाढ़ के कारण पटना जिले के 10 प्रखंडों में 1 लाख 58 हजार एकड़ में लगी फसल को नुकसान हुआ है. दियारा क्षेत्र में सब्जी और धान की फसल को नुकसान पहुंचा है.

पटना: बिहार में बाढ़ ( Flood In Bihar ) का कहर जारी है. राज्य के 26 जिलों की 20 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है जबकि सात लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच, आपदा प्रबंधन विभाग ( Disaster Management Department ) का दावा है कि बाढ प्रभवित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं.

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक राज्य के 26 जिलों के 86 प्रखंडों की कुल 570 पंचायतें बाढ़ से आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित है. वहां की 20 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में है. आपदा प्रबांन विभाग ने इन जिलों में राहत व बचाव का कार्य तेज कर दिया है. साथ ही सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर पर जल संसाान विभाग के इंजीनियरों के साथ लगातार निगरानी हो रही है.

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विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पटना के अलावा वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, मुजफरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर और समस्तीपुर जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की आठ और एसडीआरएफ की नौ टीमों को लगाया गया है.

इसके अलावा चार एनडीआरएफ की और पांच एसडीआरएफ की अन्य टीमें दूसरे बाढ़ प्रभावित जिलों में पहले से तैनात हैं. प्रभावित इलाकों में 1948 नावों का परिचालन किया जा रहा है. अधिकारी का कहना है कि जरूरत के अनुसार इन नावों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है.

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एक लाख 39 हजार से ज्यादा पॉलीथीन शीट और 27 हजार 387 सूखा राशन पॉकेट बांटे गये हैं. इसके अलावा सभी जिलों में फसल के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है. आकलन होने के बाद किसानों को क्षतिपूर्ति की जाएगी. प्रभावित क्षेत्रों में 31 राहत शिविर और 254 सामुदायिक किचन का संचालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है.

इस बीच, बाढ़ के पानी ने ट्रेनों की रफ्तार कम कर दी. बाढ़ के कारण सुल्तानगंज से रतनपुर तक ट्रैक पर पानी आने के कारण पूर्व मध्य रेलवे ने कई ट्रेनों का परिचालन रद्द किया है तो कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है. पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने शनिवार की शाम बताया कि 16 किलोमीटर लंबे रतनपुर- सुल्तानगंज रेलखंड के मय रेल पुलों के निकट बाढ़ का पानी आ जाने के कारण इस रेलखंड के अप एवं डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है.

दूसरी तरफ, बिहार सरकार ने कहा है कि, इस साल आई बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई सरकार करेगी. सरकार फसलों की हुई क्षति का आकलन करवा कर किसानों को इसके लिए मदद करेगी. बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बाढ़ के कारण, अत्यधिक बारिश के कारण कई जिलों में फसल खराब हो गई. उन्होंने कहा कि फसलों को हुए नुकसान का आकलन करके उसकी क्षतिपूर्ति की भरपाई की जाएगी.

बता दें कि पटना जिला आपदा शाखा का कहना है कि गंगा, सोन और पुनपुन में आई बाढ़ के कारण पटना जिले के 10 प्रखंडों में 1 लाख 58 हजार एकड़ में लगी फसल को नुकसान हुआ है. दियारा क्षेत्र में सब्जी और धान की फसल को नुकसान पहुंचा है.

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