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मसौढ़ी में किसानों को जलवायु अनुकूल खेती का तरीका बताया गया, किसान गोष्ठी में सैकड़ों लोग जुटे

मसौढ़ी में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें किसानों को जलवायु के अनुकूल (Climate Friendly Farming) खेती करने की जानकारी दी गई और लोगों के फसल उत्पादन बढ़ाने के तरीके के बारे में बताया गया. पढ़ें पूरी खबर..

मसौढ़ी में किसान गोष्ठी का आयोजन
मसौढ़ी में किसान गोष्ठी का आयोजन
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Published : Sep 29, 2022, 3:17 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना से मसौढ़ी प्रखंड के ई किसान भवन के सभागार में गुरुवार को किसान गोष्ठी का आयोजन (Farmer Seminar Organized in Masaurhi) किया गया. यह कार्यक्रम कृषि पदाधिकारी की अध्यक्षता हुई. किसान गोष्ठी में जलवायु परिवर्तन, जल-जीवन हरियाली, विशेष फसल, सूखाग्रस्त क्षेत्र के लिए वैकल्पिक खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई.

ये भी पढ़ेंः मसौढ़ी: धनरूआ में किसान गोष्ठी का आयोजन, सूक्ष्म सिंचाई तकनीक के सिखाये गये गुर

किसानों ने जलवायु अनुकूल खेती के गुर सीखेः प्रखंड मुख्यालय के ई किसान भवन में आत्मा के तहत खरीफ मौसम की जलवायु अनुकूल खेती और जल जीवन हरियाली विषय पर आधारित किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ने जमीन में पोषक तत्व बढ़ाने, जैविक खाद तैयार करने और उपयोगिता को लेकर विस्तृत जानकारी दी. इसके अलावा जलवायु परिवर्तन और खेती की जानकारी दी गई. कृषि समन्वयक नवीन कुमार ने मृदा जांच और उर्वरक उपयोग के बारे में किसानों को उसके बारे में जागरूक किया कृषि विभाग के आत्मा द्वारा चलने वाली योजनाओं के बारे में बिंदुवार सभी किसानों को जानकारी दी गई.

फसल सुरक्षा महत्वपूर्णः गोष्ठी में किसानों को बताया गया कि जलवायु के अनुसार खेतों में लगे फसलों की पैदावार कैसे बढ़ाएं. मृदा की उर्वरा शक्ति को कैसे सुरक्षित रखें और मौसम बदलते मौसम के अनुसार अपनी फसलों को सुरक्षा कैसे प्रदान करें. कृषि प्रौद्योगिकी और आधुनिक विज्ञान के उपयोग से खेती की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने को लेकर मसौढ़ी प्रखंड मुख्यालय में सभी किसानों के बीच किसान गोष्ठी के दौरान कृषकों को रबी फसलों पर लगने वाली बीमारियों और उसके उपचार के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही फसलों में उपज को प्रभावित करने वाली समस्याओं को सुना गया. इसके बाद वैज्ञानिकों इन समस्याओं का समाधान भी बताया.

मौसम में बदलाव से किसान परेशानः कृषकों के बीच जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करते हुए बताया गया कि वर्तमान समय में मौसम का मिजाज बिगड़ गया है. इसका सबसे अधिक प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ रहा है. इस कारण देश में कहीं जोरदार तरीके से बारिश, तो कहीं सूखा पड़ रहा है. इससे किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं. इससे फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है. इस बात को ध्यान में रखकर किसानों को रबी फसल में होने वाली बीमारियों से फसलों को बचाने के लिए सही रसायनिक दवा का इस्तेमाल करें. इस कार्यक्रम के दौरान सभी किसान सलाहकार कृषि समन्वयक बीपीएम प्रखंड कृषि पदाधिकारी जिला परिषद सदस्य एवं कई राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल रहे.

"जलवायु अनुकूल खेती पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया था. इसमें हमलोगों ने किसानों को बदल रहे जलवायु से फसल को बचाने के तरीके की जानकारी दी" - शकिल अहमद खां,कृषि पदाधिकारी, मसौढ़ी

ये भी पढ़ेंः आत्मा के गोष्ठी में किसानों को दी गई तकनीकी जानकारी

पटना: बिहार की राजधानी पटना से मसौढ़ी प्रखंड के ई किसान भवन के सभागार में गुरुवार को किसान गोष्ठी का आयोजन (Farmer Seminar Organized in Masaurhi) किया गया. यह कार्यक्रम कृषि पदाधिकारी की अध्यक्षता हुई. किसान गोष्ठी में जलवायु परिवर्तन, जल-जीवन हरियाली, विशेष फसल, सूखाग्रस्त क्षेत्र के लिए वैकल्पिक खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई.

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किसानों ने जलवायु अनुकूल खेती के गुर सीखेः प्रखंड मुख्यालय के ई किसान भवन में आत्मा के तहत खरीफ मौसम की जलवायु अनुकूल खेती और जल जीवन हरियाली विषय पर आधारित किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ने जमीन में पोषक तत्व बढ़ाने, जैविक खाद तैयार करने और उपयोगिता को लेकर विस्तृत जानकारी दी. इसके अलावा जलवायु परिवर्तन और खेती की जानकारी दी गई. कृषि समन्वयक नवीन कुमार ने मृदा जांच और उर्वरक उपयोग के बारे में किसानों को उसके बारे में जागरूक किया कृषि विभाग के आत्मा द्वारा चलने वाली योजनाओं के बारे में बिंदुवार सभी किसानों को जानकारी दी गई.

फसल सुरक्षा महत्वपूर्णः गोष्ठी में किसानों को बताया गया कि जलवायु के अनुसार खेतों में लगे फसलों की पैदावार कैसे बढ़ाएं. मृदा की उर्वरा शक्ति को कैसे सुरक्षित रखें और मौसम बदलते मौसम के अनुसार अपनी फसलों को सुरक्षा कैसे प्रदान करें. कृषि प्रौद्योगिकी और आधुनिक विज्ञान के उपयोग से खेती की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने को लेकर मसौढ़ी प्रखंड मुख्यालय में सभी किसानों के बीच किसान गोष्ठी के दौरान कृषकों को रबी फसलों पर लगने वाली बीमारियों और उसके उपचार के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही फसलों में उपज को प्रभावित करने वाली समस्याओं को सुना गया. इसके बाद वैज्ञानिकों इन समस्याओं का समाधान भी बताया.

मौसम में बदलाव से किसान परेशानः कृषकों के बीच जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करते हुए बताया गया कि वर्तमान समय में मौसम का मिजाज बिगड़ गया है. इसका सबसे अधिक प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ रहा है. इस कारण देश में कहीं जोरदार तरीके से बारिश, तो कहीं सूखा पड़ रहा है. इससे किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं. इससे फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है. इस बात को ध्यान में रखकर किसानों को रबी फसल में होने वाली बीमारियों से फसलों को बचाने के लिए सही रसायनिक दवा का इस्तेमाल करें. इस कार्यक्रम के दौरान सभी किसान सलाहकार कृषि समन्वयक बीपीएम प्रखंड कृषि पदाधिकारी जिला परिषद सदस्य एवं कई राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल रहे.

"जलवायु अनुकूल खेती पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया था. इसमें हमलोगों ने किसानों को बदल रहे जलवायु से फसल को बचाने के तरीके की जानकारी दी" - शकिल अहमद खां,कृषि पदाधिकारी, मसौढ़ी

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