पटना: बिहार में सीएए और एनआरसी को लेकर शनिवार को आरजेडी की ओर से बिहार बंद बुलाया गया. सुबह से ही बिहार के कई जिलों में बंद का असर देखने को मिला तो कुछ जिलों में बंद पूरी तरह से बेअसर दिखा. वहीं, कई जगहों पर प्रदर्शन के नाम पर बंद समर्थकों ने खुलेआम गुंडई की. पटना के डाक बंगला चौराहे पर उपद्रवियों ने प्रदर्शन की कवरेज कर रहे पत्रकारों के साथ मारपीट की और उनके कैमरे तोड़ दिए. इन प्रदर्शनों के दौरान कई उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया गया है.
राजधानी में कई जगहों पर हुआ प्रदर्शन
बिहार बंद के दौरान पटना में कई जगहों पर प्रदर्शन हुआ. पालीगंज और दुल्हिन बाजार में आरजेडी समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन किया. बंद समर्थकों ने पालीगंज और दुल्हिन बाजार में सभी दुकानों को बंद कराया और सड़क जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान बंद समर्थकों के जरिए पटना-औरंगाबाद SH-2 को जामकर आगजनी भी की गई. यहां आरजेडी नेता नसीब लाल यादव की देखरेख में कार्यकर्ताओं ने सीएए और एनआरसी बिल की पर्ची को जलाकर कानून को वापस लेने की मांग की. आरजेडी नेता सुनील यादव ने बताया कि केंद्र सरकार की गलत नीति के कारण सीएए और एनआरसी कानून लाया गया है. उसके खिलाफ कानून को वापस लेने की मांग की. पालीगंज डीएसपी मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि बंद समर्थकों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.
नवादा में एनएच-31 पर आगजनी
नवादा में सीएए और एनआरसी के विरोध में आरजेडी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने पीएम और गृहमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सद्भावना चौक के समीप एनएच-31 पर आगजनी कर सड़क जाम कर दिया. इस वजह से वहां घंटों तक लंबा जाम लगा रहा. वहीं, बिहार बंद को लेकर शहर की ज्यादातर दुकानें बंद रहीं. बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा. यहां आरजेडी के समर्थन में भीम आर्मी, कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने अपना समर्थन दिया. आरजेडी जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव ने कहा कि हमारी पार्टी ने सीएए और एनआरसी के विरोध में बंद बुलाया है. सरकार का यह काला कानून लागू नहीं होने देंगे. वहीं, युवा नेता कुंदन ने कहा कि यह मोदी और शाह की साजिश है. वह धर्म के आधार पर देश को बांटना चाहते हैं.
वैशाली में जाम में फंसे परिक्षार्थी
वैशाली में बंद समर्थकों ने कब्जा कर उग्र प्रदर्शन किया. इस वजह से यहां घंटों जाम लगा रहा. जाम में जेपी सेतु पर सैकड़ों परिक्षार्थी फंसे रहे. इसमें गोरखपुर, सिवान, छपरा समेत सोनपुर के परीक्षार्थी भी शामिल थे. परीक्षार्थियों ने बताया कि उन्हें पटना में परीक्षा देने के लिए 10 बजे तक पहुंचना था. वहीं कई लोग ऐसे भी थे, जिन्हें किसी न किसी काम से पटना, आरा, बिहटा जाना था.
सुपौल में दिखा बंद का असर
सुपौल में बंद का असर देखने को मिला. यहां आरजेडी कार्यकर्ताओं ने सीएए और एनआरसी को वापस लेने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. यहां कड़ाके की ठंड के बावजूद राजद, रालोसपा, लोजपा और वीआईपी के कार्यकर्ता सड़क पर डटे रहे. यहां महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने अपनी-अपनी पार्टी के झंडे और बैनर के साथ एनएच 57, 106, 327 E और स्टेट हाइवे को कई स्थानों पर जाम कर दिया, जिसकी वजह से आवागमन कई घंटों तक बाधित रहा. इस कारण राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस दौरान आरजेडी विधायक यदुवंश कुमार यादव ने कहा कि सत्ता के मद में सरकार अंधी हो गई है. जनता के जनादेश का गलत उपयोग किया जा रहा है. आजादी के बाद बनाए गए संविधान में सभी जाति और धर्म के लोगों को सामान अधिकार दिया गया है, लेकिन भाजपा आरएसएस के एजेंडे पर कार्य करते हुए संविधान को खतरे में डालने का काम कर रही है. सरकार धर्म के नाम पर देश को बांटना चाहती है.
मधुबनी में एक साथ आई आरजेडी और कांग्रेस
बिहार बंद के दौरान मधुबनी में आरजेडी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप सें बंद का समर्थन किया. यहां भी बंद का व्यापक असर देखने को मिला. मधुबनी मुख्यालय सहित पूरे जिले में एनआरसी और सीएए के खिलाफ हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, बंद के कारण बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और अन्य सार्वजनिक जगहों पर सन्नाटा छाया रहा. बाटा चौक और गिलेशन बाजार के पास प्रदर्शनकारियों ने कुछ दुकानों को जबरन बंद कराने की कोशिश की तो दोनों ओर से तीखी झड़प भी हुई. हालांकि बाद में प्रदर्शनकारी वहां से लौट गए.