पटना: राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में पर्यावरण की पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई है. राजभवन की ओर से जारी पत्र में पर्यावरण की पढ़ाई को अनिवार्य करने का आदेश किया गया है. यूजीसी ने भी उच्च शिक्षण संस्थानों में पर्यावरण की पढ़ाई को लेकर जोर दिया है. इसके पीछे छात्र-छात्राओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना मुख्य उद्देश्य है. इसके अलावा इसे रोजगार से जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है.
6 महीने का कोर्स है इनवायरमेंटल स्टडीज
राजभवन से जारी पत्र के मुताबिक पर्यावरण का यह कोर्स 6 महीने का है. इसे यूजीसी ने पर्यावरण विशेषज्ञों की मदद से तैयार कराया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत छात्रों में पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए अंडर ग्रेजुएट स्तर के सभी कोर्सों के साथ एक अतिरिक्त विषय के रूप में इनवायरमेंटल स्टडीज को शामिल किया गया है.
UGC का दिशा-निर्देश
पाठ्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण के अलावा जल संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और उससे बचाव आदि को भी रखा गया है. बताया जाता है कि राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने सभी विश्वविद्यालयों के लिए कैरियर एडवांसमेंट स्कीम से संबंधित नियम और परीनियमों में सुधार के लिए एडवायजरी कमिटी का गठन किया है. यह कदम यूजीसी के दिशा निर्देश के अनुसार उठाया गया है.