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CM नीतीश ने की घोषणा- विपश्यना केंद्र जाने वाले कर्मचारियों को मिलेगी 15 दिनों की छुट्टी

बिहार के सरकारी कर्मचारियों को विपश्यना केन्द्र जाने के लिए 15 दिनों की छुट्टी देने का ऐलान किया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की.

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Published : Oct 22, 2021, 8:52 AM IST

नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

पटनाः बिहार विधानसभा भवन (Bihar Assembly Bhawan) के 100 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित शताब्दी समारोह (Centenary Celebrations) के दौरान बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने विपश्यना केन्द्र में जाने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए 15 दिनों का अवकाश देने की घोषणा की है. सीएम ने कहा है कि कर्मचारी विपश्यना केन्द्र जाकर अनुभव जरूर प्राप्त करें.

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दरअसल, राष्ट्रपति के बिहार दौरे के दौरान बुद्ध स्मृति पार्क और विपश्यना केंद्र जाने का कार्यक्रम है. 3 जुलाई 2018 से विपश्यना केंद्र का नियमित संचालन हो रहा है. करीब-करीब 1200 लोग इसमें भाग ले चुके हैं. इसका जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि जितने भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हैं, वे विपश्यना केन्द्र जाएं और वहां अनुभव प्राप्त करें.

सीएम ने घोषणा करते हुए कहा कि विपश्यना केंद्र जाने वाले सरकारी कर्मचारियों या अधिकारियों को 15 दिनों का अवकाश दिया जाएगा. वहीं, शताब्दी स्मृति स्तंभ का राष्ट्रपति के द्वारा शिलान्यास करने पर सीएम ने कहा कि यह जब बनकर तैयार हो जाएगा, तो बहुत सुंदर लगेगा. वहीं, परिसर में बोधगया से लाए गए बोधि वृक्ष का शिशु पौधे के रोपण किए जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि यहां आने वाले प्रतिनिधियों को भी इस वृक्ष के जरिए ज्ञान बढ़ सकेगा.

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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बोधि वृक्ष के नीचे ही महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. उन्होंने बताया कि बुद्ध स्मृति पार्क में करुणा स्तूप का बुद्ध स्मृति संग्रहालय का निर्माण कराया गया है. उसमें पहले हम लोगों ने मेडिटेशन केंद्र बनाया था. करुणा स्तूप में 5 देशों से जापान, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका एवं थाईलैंड से लाए गए भगवान बुद्ध के अवशेष को रखा गया है. यहां पर विपश्यना केंद्र भी बनाया गया है. मेडिटेशन केंद्र को ही एक्सटेंशन करके विपश्यना केंद्र बनाया गया.

विपश्यनाः कैसे-कब करें, क्या होता है लाभ?
विपश्यना केन्द्र एक प्राचीन और अद्भुत ध्यान प्रयोग है. यह आत्मशुद्धि और आत्मनिरीक्षण की सबसे बेहतरीन ध्यान पद्धति है. हजारों साल पहले भगवान बुद्ध ने विपश्यना के जरिए ही बुद्धत्व को हासिल किया था. उन्होंने इसका अभ्यास लोगों से भी करवाया था. यह ध्यान आपको खुद को जानने में मदद करता है. आज के दौर में दुनिया भर में इस ध्यान से होने वाले लाभ के बारे में चर्चा है और लोग बड़े उत्साह के साथ इसका अभ्यास कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- बिहार विधानसभा भवन में राष्ट्रपति के सम्मान में सांस्कृतिक कार्यक्रम और भोज का आयोजन, राज्यपाल ने किया स्वागत

विपश्यना के पांच सिद्धांत हैं. इनमें किसी भी प्रकार की जीव-हिंसा न करना, चोरी से दूर रहना, ब्रह्मचर्य का पालन करना, अपशब्दों का प्रयोग न करना तथा नशे आदि से दूर रहना शामिल हैं. विपश्यना का ध्यान सुबह और शाम दोनों वक्त किया जा सकता है. एक घंटा सुबह और एक घंटा शाम को इसका अभ्यास करना काफी लाभकारी होता है. सोने से पांच मिनट पहले और उठने के पांच मिनट बाद भी इसका अभ्यास अच्छा माना जाता है.

विपस्सना का अभ्यास करने के लिए सबसे जरूरी है कि उसके लिए आप पूरी मनोस्थिति के साथ तैयार हो जाएं. इसमें ध्यान की अवस्था में बैठकर अपने सांसों पर ध्यान केंद्रित करें. सांसों के आने जाने पर ध्यान लगाएं. सांस आपकी नाक के छिद्रों से अंदर आ रहा है और फिर बाहर जा रहा है, ऐसा महसूस करें. जब सांस आप अंदर खींचते हैं तब आपका पेट फूल जाता है, जब छोड़ते हैं तो पेट पिचकता है. इस तरह से अपने ध्यान को अपने सांसों पर केंद्रित करने की कोशिश करें. नियमित रूप से इसका अभ्यास करने पर कुछ ही दिन बाद आपको इसका असर महसूस होने लगेगा.

विपस्सना ध्यान मन की अद्भुत शांति के लिए, तनाव से पूर्णतः छुटकारा दिलाने के लिए, हर तरह की मानसिक समस्या के पूर्णतः निदान के लिए जानी जाती है। दिमाग को स्वस्थ बनाने के लिए यह एक दिव्य अभ्यास है.

पटनाः बिहार विधानसभा भवन (Bihar Assembly Bhawan) के 100 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित शताब्दी समारोह (Centenary Celebrations) के दौरान बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने विपश्यना केन्द्र में जाने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए 15 दिनों का अवकाश देने की घोषणा की है. सीएम ने कहा है कि कर्मचारी विपश्यना केन्द्र जाकर अनुभव जरूर प्राप्त करें.

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दरअसल, राष्ट्रपति के बिहार दौरे के दौरान बुद्ध स्मृति पार्क और विपश्यना केंद्र जाने का कार्यक्रम है. 3 जुलाई 2018 से विपश्यना केंद्र का नियमित संचालन हो रहा है. करीब-करीब 1200 लोग इसमें भाग ले चुके हैं. इसका जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि जितने भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हैं, वे विपश्यना केन्द्र जाएं और वहां अनुभव प्राप्त करें.

सीएम ने घोषणा करते हुए कहा कि विपश्यना केंद्र जाने वाले सरकारी कर्मचारियों या अधिकारियों को 15 दिनों का अवकाश दिया जाएगा. वहीं, शताब्दी स्मृति स्तंभ का राष्ट्रपति के द्वारा शिलान्यास करने पर सीएम ने कहा कि यह जब बनकर तैयार हो जाएगा, तो बहुत सुंदर लगेगा. वहीं, परिसर में बोधगया से लाए गए बोधि वृक्ष का शिशु पौधे के रोपण किए जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि यहां आने वाले प्रतिनिधियों को भी इस वृक्ष के जरिए ज्ञान बढ़ सकेगा.

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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बोधि वृक्ष के नीचे ही महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. उन्होंने बताया कि बुद्ध स्मृति पार्क में करुणा स्तूप का बुद्ध स्मृति संग्रहालय का निर्माण कराया गया है. उसमें पहले हम लोगों ने मेडिटेशन केंद्र बनाया था. करुणा स्तूप में 5 देशों से जापान, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका एवं थाईलैंड से लाए गए भगवान बुद्ध के अवशेष को रखा गया है. यहां पर विपश्यना केंद्र भी बनाया गया है. मेडिटेशन केंद्र को ही एक्सटेंशन करके विपश्यना केंद्र बनाया गया.

विपश्यनाः कैसे-कब करें, क्या होता है लाभ?
विपश्यना केन्द्र एक प्राचीन और अद्भुत ध्यान प्रयोग है. यह आत्मशुद्धि और आत्मनिरीक्षण की सबसे बेहतरीन ध्यान पद्धति है. हजारों साल पहले भगवान बुद्ध ने विपश्यना के जरिए ही बुद्धत्व को हासिल किया था. उन्होंने इसका अभ्यास लोगों से भी करवाया था. यह ध्यान आपको खुद को जानने में मदद करता है. आज के दौर में दुनिया भर में इस ध्यान से होने वाले लाभ के बारे में चर्चा है और लोग बड़े उत्साह के साथ इसका अभ्यास कर रहे हैं.

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विपश्यना के पांच सिद्धांत हैं. इनमें किसी भी प्रकार की जीव-हिंसा न करना, चोरी से दूर रहना, ब्रह्मचर्य का पालन करना, अपशब्दों का प्रयोग न करना तथा नशे आदि से दूर रहना शामिल हैं. विपश्यना का ध्यान सुबह और शाम दोनों वक्त किया जा सकता है. एक घंटा सुबह और एक घंटा शाम को इसका अभ्यास करना काफी लाभकारी होता है. सोने से पांच मिनट पहले और उठने के पांच मिनट बाद भी इसका अभ्यास अच्छा माना जाता है.

विपस्सना का अभ्यास करने के लिए सबसे जरूरी है कि उसके लिए आप पूरी मनोस्थिति के साथ तैयार हो जाएं. इसमें ध्यान की अवस्था में बैठकर अपने सांसों पर ध्यान केंद्रित करें. सांसों के आने जाने पर ध्यान लगाएं. सांस आपकी नाक के छिद्रों से अंदर आ रहा है और फिर बाहर जा रहा है, ऐसा महसूस करें. जब सांस आप अंदर खींचते हैं तब आपका पेट फूल जाता है, जब छोड़ते हैं तो पेट पिचकता है. इस तरह से अपने ध्यान को अपने सांसों पर केंद्रित करने की कोशिश करें. नियमित रूप से इसका अभ्यास करने पर कुछ ही दिन बाद आपको इसका असर महसूस होने लगेगा.

विपस्सना ध्यान मन की अद्भुत शांति के लिए, तनाव से पूर्णतः छुटकारा दिलाने के लिए, हर तरह की मानसिक समस्या के पूर्णतः निदान के लिए जानी जाती है। दिमाग को स्वस्थ बनाने के लिए यह एक दिव्य अभ्यास है.

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