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बिहार के 54 थाने नहीं है कार्यरत, सिर्फ कागज पर ही दिख रहा है पुलिस स्टेशन

सरकार बिहार पुलिस को समृद्ध बनाने की कोशिश (Efforts to Make Bihar Police Prosperous) कर रही है. बीते वर्षों के दौरान नये थाना खोलने को लेकर निर्णय लिया गया है. 54 नये थाना को लेकर गृह विभाग की तरफ से अधिसूचना भी जारी कर दी गई. मगर आज तक ये थाने अस्तित्व में नहीं आए हैं.

ADG जितेंद्र सिंह गंगवार
ADG जितेंद्र सिंह गंगवार
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Published : Jun 1, 2022, 5:55 PM IST

पटना: बिहार की बिगड़ी कानून व्यवस्था (Bihar Deteriorating Law and Order) को पटरी पर लाने की बात प्रशासन करती है. सरकार के स्तर पर इसके लिए पहल भी की गई. बीते पिछले सालों के दौरान नये थाना खोलने को लेकर निर्णय लिया गया. एक-एक कर 54 नये थाना को लेकर गृह विभाग की तरफ से अधिसूचना भी जारी कर दी गई. मगर आज तक ये थाने अस्तित्व में नहीं आ सका. हालांकि इस दौरान पूर्व से संचालित कई पुराने थानों को अपना नया अत्याधुनिक बिल्डिंग जरूर नसीब हो गया है.

ये भी पढ़ें- PHQ में बैठक के बाद DGP का सख्त निर्देश- 'सभी जिलों में बढ़ाएं गश्ती, रोको..टोको..फोटो पर हो अमल'

'नोटीफाई थाने और उसके हिसाब से मानक स्टैंडर्ड भवन की दिशा में बहुत तेजी से कार्रवाई हो रही है. और ये लगातार कार्रवाई पिछले कई सालों से चल रही है, लगभग सभी थानों का अपना भवन हो जाएगा. कुछ ऐसे थाने जरूर हैं, जो चल रहे हैं. परंतु इनका नोटिफिकेशन नहीं हैं. कई सालों से थाने चल रहे हैं तो उनको सीधे थाने में परिवर्तित करेंगे.' - जितेंद्र सिंह गंगवार, ADG पुलिस मुख्यालय बिहार

54 नये थाना अभी तक नहीं बन पाए: मिली जानकारी के अनुसार 54 नये थाना ये सिर्फ कागज पर हैं, वो धरातल पर नहीं उतर सका. हालांकि ADG जितेंद्र सिंह गंगवार का कहना है कि किन कारणों से ये थाने अस्तित्व में अब तक नहीं आ सकें, इस पर मंथन हो रहा है. जिन थानों के सृजन को लेकर गृह विभाग की तरफ से वर्षो पहले अधिसूचना जारी की गई, उनमें पटना जिले में पांच रोहतास जिला में तीन, भभुआ में चार, गया में एक, नवादा में तीन, औरंगाबाद में तीन, मुजफ्फरपुर में नौ, वैशाली में चार, सीतामढ़ी में तीन, शिवहर में एक है.

अधिसूचना के बाद भी थाने नहीं बने: दरभंगा में एक, समस्तीपुर में एक, बांका में दो, शेखपुरा में एक, लखीसराय में तीन, जमुई में आठ, बेगूसराय में एक और जमालपुर रेल क्षेत्र से एक है. पटना में जो पांच नये थाने अस्तित्व में आने वाले थे उनमें से ही एक थाना पीपलावा है, जो की पितवास में आता है. इसका निर्माण अबतक नही हो सका है. जबकि पितवास में आए दिन आपराधिक घटनाएं होते रहती है. यहां के निवासियों का भी कहना है की यहां थाना खुलने की बात तो इन्होंने सुनी थी, पर आजतक तस्वीर भी नजर नहीं आई.

बिहार पुलिस को समृद्ध बनाने की कवायद: गौरतलब है कि राज्य सरकार बिहार पुलिस को समृद्ध बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. बिहार पुलिस को पहले से ज्यादा मजबूत बनाने के लिए लगातार नए-नए वाहन, नए तरह के आधुनिक हथियार के साथ-साथ पुलिसकर्मियों के रहने के लिए बैरक और उनके सुख-सुविधा के लिए अन्य स्थलों का भी निर्माण कराया जा रहा है.

अपराध के ग्राफ में भी बढ़ोतरी: भले ही ADG पुलिस मुख्यालय अपने महकमे की नाकामी को छुपाने के लिए चाहे जितनी दलील दे दे. मगर यह हकीकत है की बिहार पुलिस महकमा ने सरकार के सपने को ना सिर्फ अनदेखा कर दिया है. बल्कि अपराध को रोकने को लेकर जितनी पहल होनी चाहिए थी वो भी नहीं दिख रही है. जिसका कारण है कि बिहार में कहीं ना कहीं अपराध के ग्राफ में भी बढ़ोतरी हो रही है.

ये भी पढ़ें- बिहार पुलिस मुख्यालय में अंतर प्रभागीय समन्वय समिति की बैठक, अधिकारियों को दिए गए निर्देश

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पटना: बिहार की बिगड़ी कानून व्यवस्था (Bihar Deteriorating Law and Order) को पटरी पर लाने की बात प्रशासन करती है. सरकार के स्तर पर इसके लिए पहल भी की गई. बीते पिछले सालों के दौरान नये थाना खोलने को लेकर निर्णय लिया गया. एक-एक कर 54 नये थाना को लेकर गृह विभाग की तरफ से अधिसूचना भी जारी कर दी गई. मगर आज तक ये थाने अस्तित्व में नहीं आ सका. हालांकि इस दौरान पूर्व से संचालित कई पुराने थानों को अपना नया अत्याधुनिक बिल्डिंग जरूर नसीब हो गया है.

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'नोटीफाई थाने और उसके हिसाब से मानक स्टैंडर्ड भवन की दिशा में बहुत तेजी से कार्रवाई हो रही है. और ये लगातार कार्रवाई पिछले कई सालों से चल रही है, लगभग सभी थानों का अपना भवन हो जाएगा. कुछ ऐसे थाने जरूर हैं, जो चल रहे हैं. परंतु इनका नोटिफिकेशन नहीं हैं. कई सालों से थाने चल रहे हैं तो उनको सीधे थाने में परिवर्तित करेंगे.' - जितेंद्र सिंह गंगवार, ADG पुलिस मुख्यालय बिहार

54 नये थाना अभी तक नहीं बन पाए: मिली जानकारी के अनुसार 54 नये थाना ये सिर्फ कागज पर हैं, वो धरातल पर नहीं उतर सका. हालांकि ADG जितेंद्र सिंह गंगवार का कहना है कि किन कारणों से ये थाने अस्तित्व में अब तक नहीं आ सकें, इस पर मंथन हो रहा है. जिन थानों के सृजन को लेकर गृह विभाग की तरफ से वर्षो पहले अधिसूचना जारी की गई, उनमें पटना जिले में पांच रोहतास जिला में तीन, भभुआ में चार, गया में एक, नवादा में तीन, औरंगाबाद में तीन, मुजफ्फरपुर में नौ, वैशाली में चार, सीतामढ़ी में तीन, शिवहर में एक है.

अधिसूचना के बाद भी थाने नहीं बने: दरभंगा में एक, समस्तीपुर में एक, बांका में दो, शेखपुरा में एक, लखीसराय में तीन, जमुई में आठ, बेगूसराय में एक और जमालपुर रेल क्षेत्र से एक है. पटना में जो पांच नये थाने अस्तित्व में आने वाले थे उनमें से ही एक थाना पीपलावा है, जो की पितवास में आता है. इसका निर्माण अबतक नही हो सका है. जबकि पितवास में आए दिन आपराधिक घटनाएं होते रहती है. यहां के निवासियों का भी कहना है की यहां थाना खुलने की बात तो इन्होंने सुनी थी, पर आजतक तस्वीर भी नजर नहीं आई.

बिहार पुलिस को समृद्ध बनाने की कवायद: गौरतलब है कि राज्य सरकार बिहार पुलिस को समृद्ध बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. बिहार पुलिस को पहले से ज्यादा मजबूत बनाने के लिए लगातार नए-नए वाहन, नए तरह के आधुनिक हथियार के साथ-साथ पुलिसकर्मियों के रहने के लिए बैरक और उनके सुख-सुविधा के लिए अन्य स्थलों का भी निर्माण कराया जा रहा है.

अपराध के ग्राफ में भी बढ़ोतरी: भले ही ADG पुलिस मुख्यालय अपने महकमे की नाकामी को छुपाने के लिए चाहे जितनी दलील दे दे. मगर यह हकीकत है की बिहार पुलिस महकमा ने सरकार के सपने को ना सिर्फ अनदेखा कर दिया है. बल्कि अपराध को रोकने को लेकर जितनी पहल होनी चाहिए थी वो भी नहीं दिख रही है. जिसका कारण है कि बिहार में कहीं ना कहीं अपराध के ग्राफ में भी बढ़ोतरी हो रही है.

ये भी पढ़ें- बिहार पुलिस मुख्यालय में अंतर प्रभागीय समन्वय समिति की बैठक, अधिकारियों को दिए गए निर्देश

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