पटना: बिहार में 74 दिनों से जारी शिक्षकों की हड़ताल को लेकर एक बार फिर शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने पत्र जारी कर अपील की है. उन्होंने शिक्षकों से मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए हड़ताल से वापस लौटने की अपील की है. इधर शिक्षकों ने भी दो टूक कह दिया है कि पहले हड़ताल के दौरान शिक्षकों पर हुई दंडात्मक कार्रवाई वापस लेने और वार्ता को तैयार होने पर ही वे लोग काम पर लौटेंगे.
पत्र के जरिए शिक्षकों से शिक्षा मंत्री की अपील
शिक्षा मंत्री के पत्र में लिखा है कि जो शिक्षक हड़ताल पर हैं, उन्हें बार-बार हड़ताल वापस लेने के लिए अपील की गई है. कुछ शिक्षकों ने मेरी अपील के बाद योगदान भी दिया है. कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार का पूरा तंत्र और सरकार के सभी संसाधन पूरी क्षमता के साथ लगे हुए हैं. इसलिए मैं फिर से अनुरोध करता हूं कि हड़ताली शिक्षक काम पर लौटें और कोरोना वायरस से बचाव कार्य में जुटकर मानवता की सेवा में अपना योगदान दें. शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा है कि स्थिति सामान्य होने पर शिक्षक संघ और उनके प्रतिनिधियों के साथ सरकार वार्ता करेगी.
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की दो टूक
शिक्षा मंत्री की इस अपील के बाद बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि शिक्षा मंत्री बार-बार हड़ताली शिक्षकों को ही मानवता का पाठ क्यों पढ़ा रहे हैं. उन्हें खुद भी मानवीय आधार पर शिक्षकों पर की गई कार्रवाई को वापस लेना चाहिए. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि एक तरफ इतनी कठिन परिस्थिति में राज्य के लगभग 29 हजार से ज्यादा शिक्षक सरकार की दंडात्मक कार्रवाई जैसे कि एफआईआर, निलंबन और बर्खास्तगी झेल रहे हैं. दूसरी तरफ शिक्षा विभाग के अधिकारी अभी भी उन्हें अपने पत्रों के जरिए धमकी दे रहे हैं.
संघ के प्रवक्ता की मांग
संघ के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार और शिक्षा मंत्री में अगर थोड़ी भी संवेदना बची है तो पहले विभाग, हड़ताल के दौरान शिक्षकों पर हुई दंडात्मक कार्रवाई को वापस ले. हड़ताल अवधि के काम का एडजस्ट करते हुए फौरन ही उस अवधि का वेतन जारी करे और वार्ता के जरिए सम्मानजनक ढंग से हड़ताल खत्म करने की कार्रवाई करे.