ETV Bharat / city

फर्जी डिग्री पर बन गए PMCH अधीक्षक! अब आरोपों की जांच करेगा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो - Seeking clarification from IS Thakur

पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) के अधीक्षक डॉ.आईएस ठाकुर के ऊपर फर्जी तरीके से डिग्री प्राप्त करने का आरोप लगा है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Vigilance Investigation Bureau) को पत्र लिखकर शिक्षक अनुज किशोर प्रसाद ने पीएमसीएच अधीक्षक को बर्खास्त करने की मांग की है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

RAW
RAW
author img

By

Published : Aug 9, 2021, 9:36 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 10:49 PM IST

पटना: बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच (PMCH) के अधीक्षक डॉ.इंद्र शेखर ठाकुर के ऊपर फर्जी तरीके से डिग्री प्राप्त करने का आरोप लगा है. तेजस्वी स्वयं सेवी संस्था से जुड़े और राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षक अनुज किशोर प्रसाद ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Vigilance Investigation Bureau) को पत्र लिखकर पीएमसीएच के वर्तमान अधीक्षक को बर्खास्त करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- PMCH अधीक्षक का फरमान, अस्पताल के पदाधिकारियों और चिकित्सकों के मीडिया से बात करने पर रोक

अनुज किशोर प्रसाद ने अपने आवेदन में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से कहा कि डॉ.चंद्रशेखर ठाकुर ने फर्जी तरीके से लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एमएस की डिग्री प्राप्त की है. एमएस की डिग्री के लिए उन्होंने जो आवासीय प्रमाण पत्र दिया है, उसमें वो लखनऊ के निवासी बताए गए हैं. जबकि वो मूलतः बिहार के निवासी हैं और जिस समय उन्होंने एमएस की डिग्री हासिल की है उस दौरान स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार में मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड में पदस्थापित थे.

देखें रिपोर्ट

आईएस ठाकुर पर आरोप है कि 17-08-1985 से 14-10-1986 तक बतौर चिकित्सा पदाधिकारी वो मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड में पदस्थापित थे और इस दौरान उन्होंने वेतन के साथ-साथ छात्रवृत्ति भी प्राप्त की. जो सरकारी राशि का गबन और फर्जीवाड़ा भी है. छात्रवृत्ति और वेतन वाले मामले में वो पूर्व में निलंबित भी हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें- जून में शुरू होना था 20 हजार लीटर क्षमता वाला लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट, अब तक लगा है 'ग्रहण'

इसके साथ एमएस करने की अवधि के दौरान इन्होंने तीन तरह के अंक प्राप्त किए. पहला ग्रामीण अंक, दूसरा एमएस के लिए 4 अंक और तीसरा एमएस की अवधि में बिताए गए रेजीडेंसी के दो अंक मिले सभी अंक फर्जी तरीके से प्राप्त किए गए. इस तरह से यह प्रोफेसर नहीं बन सकते हैं. बावजूद इसके वह सर्जरी विभाग के प्रोफेसर हैं.

इसके अलावा डॉ.आईएस ठाकुर पर आरोप लगा है कि वो दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में 19 अप्रैल 1988 को पीएचडी सर्जरी के लिए निबंधन कराया और अप्रैल 1992 में यह लिट की डिग्री भी प्राप्त कर ली, जबकि 12 फरवरी 1990 से 22 मई 1990 तक ही ये दरभंगा में रहे हैं. यानी कि 4 माह में ही पीएचडी की डिग्री प्राप्त हो गई.

ये भी पढ़ें- PMCH में ड्रेसर की भारी कमी, बाहर से भी बुलाकर करानी पड़ती है मरीजों की ड्रेसिंग

अनुज किशोर प्रसाद ने ये भी आरोप लगाया है कि साल 2019 में 20 जुलाई को डॉक्टर आईएस ठाकुर पर डॉ. विनोद पासवान नाम के जूनियर पीजी छात्र ने जानबूझकर प्रताड़ित किए जाने और सर्जरी के पेपर तीन की परीक्षा में कम अंक देकर जानबूझकर असफल किए जाने का आरोप लगाया था.

जिसके बाद इस मामले की जांच राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने की. जांच के बाद डॉ. विनोद पासवान अच्छे अंक से परीक्षा में उत्तीर्ण हुए. इस मामले में आईएस ठाकुर दोषी साबित हुए और नीति संगत उन पर कार्रवाई भी अपेक्षित है, लेकिन अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें- लापरवाही: PMCH पोषण पुनर्वास केंद्र के बाहर कूड़े में मिले हजारों पैकेट आयोडाइज्ड नमक

अनुज किशोर प्रसाद ने अपने आवेदन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री बिहार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग और निगरानी के अपर मुख्य सचिव को भी भेजा है. ऐसे में इस पूरे मामले पर सरकार के उप सचिव एसके सिंह ने अधीक्षक डॉ.आईएस ठाकुर से स्पष्टीकरण की मांग की है. इसके अलावा स्पष्टीकरण की मांग की प्रतिलिपि पीएमसीएच के प्राचार्य को भी आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजी है.

पटना: बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच (PMCH) के अधीक्षक डॉ.इंद्र शेखर ठाकुर के ऊपर फर्जी तरीके से डिग्री प्राप्त करने का आरोप लगा है. तेजस्वी स्वयं सेवी संस्था से जुड़े और राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षक अनुज किशोर प्रसाद ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Vigilance Investigation Bureau) को पत्र लिखकर पीएमसीएच के वर्तमान अधीक्षक को बर्खास्त करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- PMCH अधीक्षक का फरमान, अस्पताल के पदाधिकारियों और चिकित्सकों के मीडिया से बात करने पर रोक

अनुज किशोर प्रसाद ने अपने आवेदन में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से कहा कि डॉ.चंद्रशेखर ठाकुर ने फर्जी तरीके से लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एमएस की डिग्री प्राप्त की है. एमएस की डिग्री के लिए उन्होंने जो आवासीय प्रमाण पत्र दिया है, उसमें वो लखनऊ के निवासी बताए गए हैं. जबकि वो मूलतः बिहार के निवासी हैं और जिस समय उन्होंने एमएस की डिग्री हासिल की है उस दौरान स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार में मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड में पदस्थापित थे.

देखें रिपोर्ट

आईएस ठाकुर पर आरोप है कि 17-08-1985 से 14-10-1986 तक बतौर चिकित्सा पदाधिकारी वो मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड में पदस्थापित थे और इस दौरान उन्होंने वेतन के साथ-साथ छात्रवृत्ति भी प्राप्त की. जो सरकारी राशि का गबन और फर्जीवाड़ा भी है. छात्रवृत्ति और वेतन वाले मामले में वो पूर्व में निलंबित भी हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें- जून में शुरू होना था 20 हजार लीटर क्षमता वाला लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट, अब तक लगा है 'ग्रहण'

इसके साथ एमएस करने की अवधि के दौरान इन्होंने तीन तरह के अंक प्राप्त किए. पहला ग्रामीण अंक, दूसरा एमएस के लिए 4 अंक और तीसरा एमएस की अवधि में बिताए गए रेजीडेंसी के दो अंक मिले सभी अंक फर्जी तरीके से प्राप्त किए गए. इस तरह से यह प्रोफेसर नहीं बन सकते हैं. बावजूद इसके वह सर्जरी विभाग के प्रोफेसर हैं.

इसके अलावा डॉ.आईएस ठाकुर पर आरोप लगा है कि वो दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में 19 अप्रैल 1988 को पीएचडी सर्जरी के लिए निबंधन कराया और अप्रैल 1992 में यह लिट की डिग्री भी प्राप्त कर ली, जबकि 12 फरवरी 1990 से 22 मई 1990 तक ही ये दरभंगा में रहे हैं. यानी कि 4 माह में ही पीएचडी की डिग्री प्राप्त हो गई.

ये भी पढ़ें- PMCH में ड्रेसर की भारी कमी, बाहर से भी बुलाकर करानी पड़ती है मरीजों की ड्रेसिंग

अनुज किशोर प्रसाद ने ये भी आरोप लगाया है कि साल 2019 में 20 जुलाई को डॉक्टर आईएस ठाकुर पर डॉ. विनोद पासवान नाम के जूनियर पीजी छात्र ने जानबूझकर प्रताड़ित किए जाने और सर्जरी के पेपर तीन की परीक्षा में कम अंक देकर जानबूझकर असफल किए जाने का आरोप लगाया था.

जिसके बाद इस मामले की जांच राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने की. जांच के बाद डॉ. विनोद पासवान अच्छे अंक से परीक्षा में उत्तीर्ण हुए. इस मामले में आईएस ठाकुर दोषी साबित हुए और नीति संगत उन पर कार्रवाई भी अपेक्षित है, लेकिन अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें- लापरवाही: PMCH पोषण पुनर्वास केंद्र के बाहर कूड़े में मिले हजारों पैकेट आयोडाइज्ड नमक

अनुज किशोर प्रसाद ने अपने आवेदन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री बिहार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग और निगरानी के अपर मुख्य सचिव को भी भेजा है. ऐसे में इस पूरे मामले पर सरकार के उप सचिव एसके सिंह ने अधीक्षक डॉ.आईएस ठाकुर से स्पष्टीकरण की मांग की है. इसके अलावा स्पष्टीकरण की मांग की प्रतिलिपि पीएमसीएच के प्राचार्य को भी आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजी है.

Last Updated : Aug 9, 2021, 10:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.