पटना: राजधानी के बेउर जेल में जहानाबाद जेल ब्रेक कांड जैसी घटना को दोहराया जा सकता है. इसके इंटेलिजेंस इनपुट मिलते ही बेउर जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सुबह बीएमपी के जवानों और सैफ के जवानों को तैनात किया गया है. साथ ही एसएसपी गरिमा मलिक और जिलाधिकारी कुमार रवि के नेतृत्व में जेल में छापेमारी जारी है.
डीजीपी समेत गृह सचिव भी पहुंचे बेउर
मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे और गृह सचिव आमिर सुबहानी भी केंद्रीय कारा पहुंच गए हैं. साथ ही पुलिस लाइन से अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. इससे पहले सिटी एसपी, एएसपी, डीएसपी समेत 6 थानों की पुलिस पहले ही देर रात बेउर जेल पहुंच चुके थे. जेल के तमाम बैरकों और वॉर्डो के अलावा दीवारों के आसपास और कैम्पस में सघन तलाशी अभियान भी चलाया गया. हालांकि उस दौरान कोइ संदिग्ध वस्तु नहीं पाई गयी. जेल के अंदर स्थित 6 खंडों के बाहर भी पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है.
कई कुख्यात और हाई प्रोफाइल अपराधी बंद
बेउर जेल की सुरक्षा इसीलिए भी जरुरी है क्योंकि कई कुख्यात और हाई प्रोफाइल अपराधी इसमे बंद हैं. इनमें 2013 में पटना के गांधी मैदान में हुए सीरियल बम ब्लास्ट की घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादी, बांग्लादेशी आतंकवादियों के अतिरिक्त कई कुख्यात नक्सली और अपराधी इस जेल में कैद हैं. साथ ही जहानाबाद जेल ब्रेक कांड का मुख्य आरोपी नक्सली अजय कानू और कई अंडर ट्रायल भी यहां बन्द हैं.
क्या है मामला
आपको बता दें कि बुधवार देर रात इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम को इनपुट मिली कि बेउर जेल में जहानाबाद जेल ब्रेक कांड जैसी घटना को दोहराया जा सकता है. कुछ कुख्यात नक्सलियों को छुड़ाने की साजिश के तहत पूरी घटना को अंजाम दिया जा सकता है. जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.