पटना: सावन की अंतिम सोमवारी के दिन राज्य के सभी शिवालयों में शिव भक्तों की काफी भीड़ उमड़ी. मंदिरों में हरहर महादेव की गूंज सुनाई दी. श्रद्धालु बाबा भोले नाथ का अभिषेक बेलपत्र, धतूरा, अकमन के फूल, दूध, दही से करते नजर आए.
गौरीशंकर मन्दिर में भक्तों की भारी भीड़
गायघाट स्थित गौरीशंकर मन्दिर में भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में माता पार्वती और भोले शंकर का उद्गम एक साथ हुआ है. इसलिए सच्चे दिल से गौरी शंकर महाराज का जलाभिषेक या उनकी पूजा करते है, उन्हें मनोवांछित फल हासिल होता है.
महादेव के जयकारों से गूंजा मंदिर परिसर
किशनगंज में भी अंतिम सोमवार के दिन स्थानीय गौशाला शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. हर हर महादेव के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा. मंदिर में हजारों भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया. औधरा घाट में स्नान करने के बाद भक्तों ने पवित्र जल के साथ बेलपत्र, धतूरा, भांग और चंदन के साथ पूजा अर्चना की. इस दौरान शिवालय में सुबह से ही भोले शंकर का उद्योष होता रहा और मंदिरों में घंटियां बजती रही.
मंदिर प्रबंधन की ओर से विशेष तैयारी
इस दौरान मंदिर प्रबंधन की ओर से विशेष तैयारी की गई थी. मंदिर के आसपास कई तरह की दुकाने सजी रही. मंदिर प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए जगह जगह पर नींबू-पानी और फर्स्ट एड की सुविधाओं का इंतजाम किया गया था. इस मौके पर पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद रहा.
महादेव को जल चढ़ाने से पाप मुक्त हो जाता है मनुष्य
दरभंगा के लहेरियासराय स्थित बाबा धर्मेश्वर नाथ महादेव मंदिर में भी भक्तों का जनसैलाब उमड़ा. मान्यता है कि सावन में धर्मेश्वर नाथ महादेव को जल चढ़ाने से मानव पाप मुक्त हो जाता है और उनकी मनोकामना भी पूरी होती है. मंदिर के पुजारी ने कहा कि साल के 12 महीनों में सावन को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. उन्होंने कहा कि बाबा धर्मेश्वर नाथ महादेव मंदिर 100 वर्षों भी से भी पुराना है. दूर-दराज से लोग यहां आकर पूजा पाठ करते हैं और बाबा भोलेनाथ उनकी सारी मनोकामना पूरी करने के साथ ही उनके दुख हरने का काम करते हैं.