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पटना में बढ़ा डेंगू का कहर, सोमवार को मिले 7 नए केस

बिहार की राजधानी पटना में डेंगू के मामले बढ़ गए हैं. सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि कुछ बड़े हॉस्पिटल में अगर डेंगू के मामले आते हैं तो उसकी रिपोर्टिंग स्वास्थ्य विभाग को मिल रही है. बीते 2 महीनों में डेंगू के मामले की संख्या बढ़कर 249 हो गई है. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना
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Published : Nov 15, 2021, 6:37 PM IST

पटना: राजधानी पटना में डेंगू (Dengue) के मामले बढ़ गए हैं और बीते 2 महीने में बात करें तो डेंगू के मामले की संख्या बढ़कर 249 हो गई है. पटना जिला सिविल सर्जन डॉक्टर विभा कुमारी ने जानकारी दी कि सोमवार को शाम 4 बजे तक उनके पास 7 नए मामले की रिपोर्टिंग पहुंची है. उन्होंने बताया कि उनके पास जो कुछ भी डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं वो पीएमसीएच, आरएमआरआई, एनएमसीएच जैसे संस्थानों में जो मिल रहे हैं, वही आ रहे हैं.


ये भी पढ़ें- डेंगू : भूलकर भी न करें इन लक्षणों को नजरअंदाज, ये हैं बचाव के तरीके

सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि कुछ बड़े हॉस्पिटल में अगर डेंगू के मामले आते हैं तो उसकी रिपोर्टिंग स्वास्थ्य विभाग को मिल रही है. इसके अलावा अभी भी प्राइवेट पैथोलॉजी सेंटर से डेंगू की जांच रिपोर्ट सामने नहीं आ रही है. उन्होंने बताया कि लेटर लिख कर सभी को डेंगू के मामले की जानकारी आने पर स्वास्थ विभाग को देने को कहा है, ताकि उस हिसाब से डेंगू से निपटने के लिए विभाग रणनीति बना सकें.

देखें वीडियो

सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि पटना में डेंगू के मामले सर्वाधिक बांकीपुर और पटना सिटी के क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं. कंकड़बाग, खजांची रोड, सब्जीबाग, संदलपुर, महेंद्रु, बाजार समिति, पुनाइचक, छज्जू बाग जैसे इलाके में डेंगू के मरीजों की संख्या अभी अधिक है. जिन इलाकों में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं तो मरीज के घर में एंटी लाडवा का फॉकिंग कराया जा रहा है इसके अलावा इलाके के 500 मीटर के दायरे में भी फागिंग कराया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- बदलते मौसम में बढ़ा डेंगू और मलेरिया का खतरा, डॉक्टर से जानिए सुरक्षित रहने के तरीके

बता दें कि डेंगू एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या डिजीज है. डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं. डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं. एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है. यह संक्रमण फ्लेविविरिडे परिवार के एक वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 के कारण होता है. हालांकि, ये वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहते हैं. जब डेंगू का संक्रमण गंभीर रूप ले लेता है, तो डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ होने का खतरा बढ़ जाता है. इसमें भारी रक्तस्राव, ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट, यहां तक ​​कि पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है.

पटना: राजधानी पटना में डेंगू (Dengue) के मामले बढ़ गए हैं और बीते 2 महीने में बात करें तो डेंगू के मामले की संख्या बढ़कर 249 हो गई है. पटना जिला सिविल सर्जन डॉक्टर विभा कुमारी ने जानकारी दी कि सोमवार को शाम 4 बजे तक उनके पास 7 नए मामले की रिपोर्टिंग पहुंची है. उन्होंने बताया कि उनके पास जो कुछ भी डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं वो पीएमसीएच, आरएमआरआई, एनएमसीएच जैसे संस्थानों में जो मिल रहे हैं, वही आ रहे हैं.


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सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि कुछ बड़े हॉस्पिटल में अगर डेंगू के मामले आते हैं तो उसकी रिपोर्टिंग स्वास्थ्य विभाग को मिल रही है. इसके अलावा अभी भी प्राइवेट पैथोलॉजी सेंटर से डेंगू की जांच रिपोर्ट सामने नहीं आ रही है. उन्होंने बताया कि लेटर लिख कर सभी को डेंगू के मामले की जानकारी आने पर स्वास्थ विभाग को देने को कहा है, ताकि उस हिसाब से डेंगू से निपटने के लिए विभाग रणनीति बना सकें.

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सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि पटना में डेंगू के मामले सर्वाधिक बांकीपुर और पटना सिटी के क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं. कंकड़बाग, खजांची रोड, सब्जीबाग, संदलपुर, महेंद्रु, बाजार समिति, पुनाइचक, छज्जू बाग जैसे इलाके में डेंगू के मरीजों की संख्या अभी अधिक है. जिन इलाकों में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं तो मरीज के घर में एंटी लाडवा का फॉकिंग कराया जा रहा है इसके अलावा इलाके के 500 मीटर के दायरे में भी फागिंग कराया जा रहा है.

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बता दें कि डेंगू एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या डिजीज है. डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं. डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं. एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है. यह संक्रमण फ्लेविविरिडे परिवार के एक वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 के कारण होता है. हालांकि, ये वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहते हैं. जब डेंगू का संक्रमण गंभीर रूप ले लेता है, तो डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ होने का खतरा बढ़ जाता है. इसमें भारी रक्तस्राव, ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट, यहां तक ​​कि पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है.

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