पटना: बिहार सरकार की ओर से पहली से 12वीं कक्षा तक की सभी किताबों को जब ऑनलाइन किया गया तो इसकी बड़ी तारीफ हुई. लेकिन, पहले दिन ही जब यह उम्मीद की जा रही थी कि बच्चे पाठ्यक्रम डाउनलोड करेंगे तब तक साइबर क्राइम के जरिए कुछ लोगों ने लाखों की कमाई कर ली.
अज्ञात व्यक्तियों ने एक ऐप के जरिए कंटेट को प्ले स्टोर पर डाला
बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक और बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम के एमडी डॉक्टर रणजीत कुमार सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से अपलोड किए गए पुस्तकों की सभी विषय सामग्री को पूरी तरह नकल करके अज्ञात व्यक्तियों ने एक ऐप के जरिए अनाधिकृत रूप से गूगल प्ले स्टोर पर लॉन्च कर दिया और लाखों की कमाई भी कर ली है. इसी वजह से पहली से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्रा के साथ शिक्षक भी दिग्भ्रमित हो रहे हैं.
'आपत्तिजनक और कॉपीराइट नियमों के खिलाफ है प्ले स्टोर पर लॉन्च'
एमडी ने साफ किया कि बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम लिमिटेड की तरफ से अभी तक किसी प्रकार का लॉन्च नहीं किया गया है. जिन लोगों ने अपलोड किए गए पुस्तकों की सभी विषय सामग्री को कॉपी करके यह ऐप प्ले स्टोर पर लॉन्च किया है,वो पूरी तरह आपत्तिजनक और कॉपीराइट नियमों के खिलाफ है. इन लोगों ने निगम से कोई अनुमति नहीं ली है और इसीलिए ये साइबर अपराध की श्रेणी में आता है.
सरकार कर रही है साइबर क्राइम के तहत मामला दर्ज
बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम के एमडी डॉक्टर रणजीत कुमार सिंह ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के किसी भी ऐप का इस्तेमाल ना करें. ये पूरी तरह फर्जी है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस ऐप पर दी गई सामग्री का अध्ययन भी ना करें क्योंकि इसमें पुराने पाठ्यक्रम को भी शामिल कर लिया गया है. जब निगम कोई ऐप लॉन्च करेगा तो इसकी सूचना सभी को दे दी जाएगी. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने यह भी कहा कि साइबर क्राइम को लेकर सरकार की ओर से मामला भी दर्ज कराया जा रहा है.