पटना: आस्था और उपासना का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. भगवान भास्कर को प्रसाद चढ़ाने के लिए छठ व्रतियों द्वारा ठेकुआ और लडुआ बनाने की परंपरा है. उसके बाद शाम को सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है. बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर स्नान और गंगा जल ले जाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है.
बाढ़ में ऐसी मान्यता है कि छठव्रती ठेकुआ और लडुआ गंगाजल में ही बनाती हैं क्योंकि यहां उत्तरवाहिनी गंगा है. यहां से गंगाजल ले जाने के लिए दूर-दूर के सैकड़ों गांव के लोग आते हैं. उत्तरवाहिनी गंगा भारतवर्ष में मात्र चार जगह है. वाराणसी, बाढ़, हरिद्वार और सुल्तानपुर. सभी छठ व्रती श्रद्धा और पवित्रता के साथ छठ पूजा में जुटे हुए हैं. वहीं कई महिलाएं गंगा तट के किनारे पूजा पाठ में व्यस्त दिखीं.
महापर्व छठ का पहला अर्घ्य आज
4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में कल यानि खरना के ही छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया है. आज सभी व्रती डूबते सूरज को अर्घ्य देंगी और चौथे दिन सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पर्व का समापन हो जाता है.