पटना: स्थायीकरण की मांग को लेकर बिहार के सभी प्रखंडों में कार्यरत संविदा कर्मी (Contract workers of all blocks of Bihar) इन दिनों आंशिक हड़ताल पर हैं. वे काला बिल्ला लगाकर सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. ऐसे में मसौढ़ी अनुमंडल के मसौढ़ी, धनरूआ एवं पुनपुन के सभी संविदा कर्मियों ने सरकार की नीति का विरोध (Masaurhi contractual workers protest for confirmation) किया. बताया जाता है कि 31 जनवरी तक सभी संविदा कर्मी काला बिल्ला लगाकर अपना काम करेंगे.
संविदा कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर बिहार के तमाम प्रखंडों में कार्यरत सभी संविदा कर्मी इन दिनों आंशिक हड़ताल पर है. बताया जा रहा है कि बिहार के तकरीबन 11 लाख से ज्यादा संविदा कर्मी स्थायीकरण के लिए लगातार विरोध कर रहे हैं. उनकी सेवा शर्त नियमावली बनाने की मांग की जा रही है ताकि समय से पहले किसी भी संविदा कर्मी को कोई भी अधिकारी हटा नहीं सके. संविदा कर्मियों को नौकरी तो दी जाती है लेकिन बाद में किसी कारण से उन्हें हटा दिया जाता है. 2015 में नीतीश कुमार ने संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों के स्थायीकरण करने के लिए कमेटी का गठन किया था.
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उस कमेटी की रिपोर्ट भी आ चुकी है लेकिन अभी तक संविदा पर कार्य कर रहे कर्मियों का स्थायीकरण नहीं किया गया है. इसको लेकर सभी संविदा कर्मी लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं. वहीं, बिहार राज्य संविदा कर्मी महासंघ के तहत गांधी मैदान पटना में एक बड़ा आंदोलन करने का आह्वान किया गया है. बिहार के तमाम कार्यालयों में कार्यरत संविदा कर्मियों का स्थायीकरण की मांग को लेकर विरोध चल रहा है. 31 जनवरी तक काला बिल्ला लगाकर आंशिक हड़ताल करते हुए विरोध करेंगे. वहीं, मसौढ़ी प्रखंड के सभी संविदा कर्मियों ने आज काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया.
संविदा कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर हम सभी संविदा कर्मी काला बिल्ला लगाकर आंशिक हड़ताल पर हैं. स्थाई नौकरी और ससमय वेतनमान की मांग को लेकर लगातार विरोध हो रहा है.
सुजीत कुमार, प्रखंड कार्यालय मसौढ़ी.
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