पटना: बिहार सरकार ने जहां एक ओर सभी मंदिर, मठों को बिहार धार्मिक न्यास परिषद (Bihar State Religious Trust Council) से निबंधन अनिवार्य कराने का निर्देश दिया है, वहीं मंदिरों की घेराबंदी को लेकर भी तेजी की जा रही है. बिहार सरकार ने कब्रिस्तानों की तर्ज पर अतिक्रमण और टकराव से बचने के लिए उन सभी पंजीकृत मंदिरों का सर्वेक्षण कराने का फैसला (Bihar government urvey of all registered temples) लिया है जिसमे बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
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मुख्यमंत्री ने हाल ही में बक्सर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के नजदीक स्थित रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ रेलवे स्टेशन करने की मांग की है. ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के विकास और सौंदर्यीकरण योजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में ही बिहार मंदिर चहारदीवारी निर्माण योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक पुराने मंदिर जो धार्मिक न्यास परिषद से जुड़े हुये हैं, उनकी चहारदीवारी के निर्माण का काम हमलोगों ने शुरू किया है. अब तक लगभग 295 मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है.
सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि इस काम के पूरा होने के बाद चहारदीवारी के लिए उन सभी मंदिरों का सर्वेक्षण कराया जाएगा जहां श्रद्धालु पूजा करने पहुँचते हैं. मंदिरों की घेराबंदी होने से श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी. साथ ही मंदिर की जमीन अतिक्रमणमुक्त रहेगी और मंदिर परिसर से किसी वस्तु के चोरी होने का भय भी नहीं रहेगा.
अब लोग इसे मुख्यमंत्री की धर्मनिरपेक्ष छवि को बरकरार रखते हुए भाजपा के 'हिंदुत्व' के मुकाबले से जोड़ कर देख रहे हैं. जेडीयू विधान पार्षद नीरज कुमार (JDU MLC Neeraj Kumar) कहते हैं कि सरकार ने हमेशा सामाजिक एकता और सौहार्द के लिए काम किया है. जेडीयू की विकास नीति ही सभी को साथ लेकर चलने की है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तहत कोई बड़ी सांप्रदायिक घटना नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले एक दशक में लगभग 8,000 कब्रिस्तानों की घेराबंदी की है, उसी तरह हम किसी भी अतिक्रमण या टकराव को रोकने के लिए मंदिरों की घेराबंदी भी शुरू की गई है.
बताया जाता है कि बिहार के 38 जिलों में से 26 में 355 मंदिरों की पहचान की गई है, जिसमें घेराबंदी का अनुरोध किया गया है. राज्य भर में कुल 4,321 एकड़ भूमि के साथ 2,512 अपंजीकृत सार्वजनिक मंदिर और मठ हैं, जिन्हें अब अनिवार्य रूप से पंजीकृत कराया जाना है.
प्रमुख विपक्षी आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि ''एनडीए सरकार की विकास नीति ही तुष्टिकरण पर आधारित है. बिहार में जरूरत बेरोजगारों को रोजगार देने, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने और किसानों को सूखा से मुक्ति दिलाने का कार्य कराने की है.'' बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने बिहार में एनडीए सरकार द्वारा मठों और मंदिरों का सर्वेक्षण और घेराबंदी कराने के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि ''धार्मिक परिसरों का विकास आज की आवश्यकता है. इससे अतिक्रमण पर भी अंकुश लगेगा.''