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बिहार में शराबबंदी को और सख्ती से लागू कराएंगे: CM नीतीश - बिहार अपडेट न्यूज

दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि शराबबंदी से बिहार में बहुत बदलाव आया. घरेलू हिंसा के मामले में कमी आई है. शराबबंदी से महिलाएं सबसे ज्यादा खुश हैं. 5 साल से शराबबंदी ( Liquor Ban In Bihar ) ठीक से लागू है लेकिन इसको और बेहतर तरीके से लागू कराएंगे. पढ़ें पूरी खबर...

Nitish kumar
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Published : Nov 18, 2021, 8:42 PM IST

नई दिल्ली/पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने कहा कि बिहार में शराबबंदी ( Liquor Prohibition ) सख्ती से लागू रहेगा. कोई भी गड़बड़ करेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा. समीक्षा बैठक हमने की है और मजबूती से इसको लागू कराना है. विपक्ष को शराबबंदी के मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि शराबबंदी से बिहार में बहुत बदलाव आया. घरेलू हिंसा के मामले में कमी आई है. शराबबंदी से महिलाएं सबसे ज्यादा खुश हैं. 5 साल से शराबबंदी ( Liquor Ban In Bihar ) ठीक से लागू है लेकिन इसको और बेहतर तरीके से लागू कराएंगे. बराबर समीक्षा बैठक होती रहेगी. विपक्ष चाहे तो कुछ सुझाव दे सकता है लेकिन नकारात्मक सियासत विपक्ष को इस गंभीर मुद्दे पर नहीं करना चाहिए. जनता भी समझ रही है कि विपक्ष की मनसा क्या है और हमारा मन क्या है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

ये भी पढ़ें- 'RJD ने भी किया था बिहार में शराबबंदी का समर्थन, अब कर रहे गलत बयानबाजी'

उन्होंने कहा कि जब 2016 में बिहार में शराबबंदी हम लागू किए थे तो उस समय महागठबंधन की सरकार थी. कांग्रेस और राजद के साथ हमारा गठबंधन था. उस समय दोनों को शराबबंदी से कोई दिक्कत नहीं थी. किसी अधिकारी के बारे में विपक्ष को बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. अगर हमने शराबबंदी सख्ती से लागू करने के लिए किसी अधिकारी को जिम्मा दिया है तो इस पर पॉलिटिक्स नहीं होनी चाहिए.

बता दें बिहार में शराबबंदी 5 साल से ज्यादा से लागू है लेकिन पिछले कुछ समय में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हुई. आए दिन शराब बरामद की खबरें आती रहती हैं. नीतीश सरकार को शराबबंदी के निर्णय पर लगातार विपक्ष घेर रहा है. नीतीश ने शराबबंदी को लेकर बड़े अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की. बैठक में सभी मंत्री, सभी जिलों के डीएम और एसपी भी शामिल थे.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी को ललन सिंह का चैलेंज- 'हिम्मत है तो RJD अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी हटाने का करे वादा'

वहीं नीतीश ने शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के लिए फिर एक बार अपने पुराने अधिकारी एवं वरिष्ठ आईएस केके पाठक ( IAS KK Pathak ) को जिम्मा सौंप दिया है. केके पाठक वही अधिकारी हैं जिन्हें 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद कानून को सख्ती से लागू कराने का जिम्मा सौंपा गया था. अपने सख्त मिजाज के लिए जाने जाने वाले केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद बिहार सरकार ने निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग का अपर प्रमुख सचिव नियुक्त किया है.

ये भी पढ़ें- शराबबंदी पर सख्ती लाएगी रंग या चौकीदार और एसएचओ के भरोसे जीतेंगे जंग!

इधर, राजद का आरोप है कि जहरीली शराब से हुई मौत की घटना में छोटी मछलियों को गिरफ्तार किया जा रहा है. बड़ी मछलियों को सरकार बचा रही है. आए दिन शराब जो पकड़ी जा रही हैं. उस पर भी तेजस्वी का आरोप है कि नेक्सस के छोटे आरोपियों को पकड़ा जा रहा है. बड़े लोगों को सरकार बचा रही है. केके पाठक की नियुक्ति पर भी विपक्ष सवाल उठा रहा है.

नई दिल्ली/पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने कहा कि बिहार में शराबबंदी ( Liquor Prohibition ) सख्ती से लागू रहेगा. कोई भी गड़बड़ करेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा. समीक्षा बैठक हमने की है और मजबूती से इसको लागू कराना है. विपक्ष को शराबबंदी के मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि शराबबंदी से बिहार में बहुत बदलाव आया. घरेलू हिंसा के मामले में कमी आई है. शराबबंदी से महिलाएं सबसे ज्यादा खुश हैं. 5 साल से शराबबंदी ( Liquor Ban In Bihar ) ठीक से लागू है लेकिन इसको और बेहतर तरीके से लागू कराएंगे. बराबर समीक्षा बैठक होती रहेगी. विपक्ष चाहे तो कुछ सुझाव दे सकता है लेकिन नकारात्मक सियासत विपक्ष को इस गंभीर मुद्दे पर नहीं करना चाहिए. जनता भी समझ रही है कि विपक्ष की मनसा क्या है और हमारा मन क्या है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

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उन्होंने कहा कि जब 2016 में बिहार में शराबबंदी हम लागू किए थे तो उस समय महागठबंधन की सरकार थी. कांग्रेस और राजद के साथ हमारा गठबंधन था. उस समय दोनों को शराबबंदी से कोई दिक्कत नहीं थी. किसी अधिकारी के बारे में विपक्ष को बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. अगर हमने शराबबंदी सख्ती से लागू करने के लिए किसी अधिकारी को जिम्मा दिया है तो इस पर पॉलिटिक्स नहीं होनी चाहिए.

बता दें बिहार में शराबबंदी 5 साल से ज्यादा से लागू है लेकिन पिछले कुछ समय में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हुई. आए दिन शराब बरामद की खबरें आती रहती हैं. नीतीश सरकार को शराबबंदी के निर्णय पर लगातार विपक्ष घेर रहा है. नीतीश ने शराबबंदी को लेकर बड़े अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की. बैठक में सभी मंत्री, सभी जिलों के डीएम और एसपी भी शामिल थे.

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वहीं नीतीश ने शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के लिए फिर एक बार अपने पुराने अधिकारी एवं वरिष्ठ आईएस केके पाठक ( IAS KK Pathak ) को जिम्मा सौंप दिया है. केके पाठक वही अधिकारी हैं जिन्हें 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद कानून को सख्ती से लागू कराने का जिम्मा सौंपा गया था. अपने सख्त मिजाज के लिए जाने जाने वाले केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद बिहार सरकार ने निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग का अपर प्रमुख सचिव नियुक्त किया है.

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इधर, राजद का आरोप है कि जहरीली शराब से हुई मौत की घटना में छोटी मछलियों को गिरफ्तार किया जा रहा है. बड़ी मछलियों को सरकार बचा रही है. आए दिन शराब जो पकड़ी जा रही हैं. उस पर भी तेजस्वी का आरोप है कि नेक्सस के छोटे आरोपियों को पकड़ा जा रहा है. बड़े लोगों को सरकार बचा रही है. केके पाठक की नियुक्ति पर भी विपक्ष सवाल उठा रहा है.

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