ETV Bharat / city

बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने 7 साल में भी पूरी नहीं की 13120 पदों पर बहाली, BSSC पर उठे सवाल - bssc latest news

लापरवाही के कारण अक्सर विवादों में रहने वाला बिहार कर्मचारी चयन आयोग की किताब में एक और नया अध्याय जुड़ गया है. यह अध्याय आज से करीब सात 7 पहले 13,120 पदों पर प्रथम इंटर स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा के लिए निकली बहाली की है जो आज तक पूरी नहीं हो पाई है. पढ़ें खास रिपोर्ट-

बिहार कर्मचारी चयन आयोग
बिहार कर्मचारी चयन आयोग
author img

By

Published : Sep 14, 2021, 9:21 PM IST

पटनाः साल 2014 में बिहार में बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) ने एक बहाली निकाली थी. प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2014 के तहत बिहार के विभिन्न सरकारी दफ्तरों में ग्रुप सी के तहत 13120 पदों पर बहाली होनी थी. इस बहाली के 7 साल से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन अब तक बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. अब तो इस बावत पूछने पर अभ्यर्थियों को चेतावनी भी दी जाने लगी है.

इसे भी पढ़ें- पटना: BSSC कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ पुलिसकर्मी ने किया गाली गलौज

बिहार कर्मचारी चयन आयोग ग्रुप सी और डी के पदों पर नियुक्ति करता है. लेकिन, पिछले कई सालों से यह लगातार विवादों में रहा है. विडंबना यह रही है कि आयोग ने जब भी किसी परीक्षा का आयोजन किया तो उसमें कुछ न कुछ गड़बड़ी सामने आती रही है. हाल के वर्षों में गड़बड़ी का बड़ा मामला सामने तो नहीं आया लेकिन कर्मचारी चयन आयोग की कोई भी बहाली समय पर पूरी नहीं हो पाई है.

Etv Bharat की रिपोर्ट

विशेष तौर पर प्रथम इंटर स्तरीय बहाली परीक्षा के मामले में तो बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने नया रिकॉर्ड बना दिया है. वर्ष 2014 में 13,120 पदों पर निकाली गई बहाली प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है.

साल 2014 में 13 हजार से ज्यादा पदों के लिए कर्मचारी चयन आयोग ने आवेदन लिए थे. आवेदन लेने के तीन सालों के बाद पीटी परीक्षा का आयोजन साल 2017 में किया गया. फरवरी महीने में होने वाली इस परीक्षा में पेपर लीक कांड तब सुर्खियों में था. इसके बाद इस परीक्षा को रद्द करते हुए बीएसएससी के तत्कालीन अध्यक्ष और सचिव सहित कई लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया.

लंबे अंतराल के बाद दोबारा पीटी परीक्षा का आयोजन साल 2018 के दिसंबर महीने में हुआ, लेकिन इसके बाद फिर बिहार कर्मचारी चयन आयोग जैसे रिजल्ट देना ही भूल गया. अभ्यर्थियों ने बताया कि रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर छात्रों ने लगातार आंदोलन किया. तब जाकर 20 फरवरी 2020 को पीटी का रिजल्ट प्रकाशित हुआ.

इसे भी पढ़ें- BSSC कार्यलय पर छात्रों का प्रदर्शन, SSC मुख्य परीक्षा के एडमिट कार्ड की मांग

कहानी अभी और लंबी है. छात्रों का आंदोलन यहीं नहीं थमा. इसके बाद भी छात्रों ने एक और बड़ा आंदोलन किया तब मुख्य परीक्षा का आयोजन दिसंबर 2020 में हुआ. जिसमें लगभग 62,000 परीक्षार्थी शामिल हुए थे.

ईटीवी भारत को अभ्यर्थियों ने बताया कि इस परीक्षा में शामिल हुए करीब 52,000 कैंडिडेट्स को साल 2021 में अगले चरण के लिए सफल घोषित किया गया. आयोग का काम इसके बाद भी उसी रफ्तार में रहा तो अभ्यर्थियों ने एक और बड़ा आंदोलन किया. फिर 13 जुलाई से 13 अगस्त के बीच टाइपिंग, शॉर्टहैंड और शारीरिक योग्यता का टेस्ट का आयोजन आयोग ने करवाया.

सारे स्तर के टेस्ट लेने के करीब एक महीने बाद भी आयोग ने चुप्पी साध ली है. बिहार कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से फाइनल रिजल्ट को लेकर अब तक कोई सूचना जारी नहीं की गई है. अंधेरे में जाते छात्रों के भविष्य को देखते हुए ईटीवी भारत ने भी कई बार कर्मचारी चयन आयोग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.

अब आगे भी अभ्यर्थी अपने रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर बार-बार प्रदर्शन और आंदोलन करें, इससे पहले ही आयोग ने अपनी वेबसाइट पर एक चेतावनी अभ्यर्थियों के लिए जारी कर दी. अभ्यर्थियों ने बताया कि इस चेतावनी के मुताबिक कोई भी अभ्यर्थी बिहार कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन नहीं कर सकता है. ऐसा करते पकड़े जाने पर उनकी अभ्यर्थी की योग्यता खत्म कर दी जाएगी. इस फैसले के बाद आयोग की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं.

इसे भी पढ़ें- आवेदकों के आरोप पर बोले BSSC के सचिव- नहीं बढ़ेगी तारीख, परेशानी है तो मेल करें

शिक्षा मामलों के जानकार डॉ संजय कुमार ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग अपनी भूमिका का निर्वहन सही तरीके से नहीं कर रहा है. अभ्यर्थियों से आंदोलन और प्रदर्शन का हक छीनना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. यह कहीं से भी उचित नहीं है. डॉ संजय कुमार ने इसके लिए सीधे-सीधे सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि बिना सरकार की जानकारी या अनुमति के इस तरह का आदेश आयोग नहीं जारी कर सकता है.

छात्र नेता दिलीप कुमार ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग और बिहार सरकार से मांग की है कि हजारों छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए बहाली को जल्द पूरा करे. उन्होंने कहा कि इस बहाली के सात साल बीत चुके हैं लेकिन अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. अभ्यर्थियों की हालत ये हो गई है कि अब वे मानसिक प्रताड़ना से गुजर रहे हैं. कई अभ्यर्थियों की उम्र सीमा भी खत्म हो गई है. वे अब किसी सरकारी नौकरी का फॉर्म भी नहीं भर सकते हैं.

दिलीप ने आगे कहा कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग को मानवीय रुख अपनाते हुए एक सप्ताह के अंदर इस बहाली के काउंसलिंग से संबंधित नोटिस जारी करना चाहिए. अगर इस अवधि के दौरान आयोग काउंसलिंग की तिथि जारी नहीं करता तो हम फिर से आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

नोटः बिहार कर्मचारी चयन आयोग https://bssc.bihar.gov.in/NoticeBoard.htm पर सभी सूचनाओं और जानकारियों का प्रकाशन करता है.

पटनाः साल 2014 में बिहार में बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) ने एक बहाली निकाली थी. प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2014 के तहत बिहार के विभिन्न सरकारी दफ्तरों में ग्रुप सी के तहत 13120 पदों पर बहाली होनी थी. इस बहाली के 7 साल से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन अब तक बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. अब तो इस बावत पूछने पर अभ्यर्थियों को चेतावनी भी दी जाने लगी है.

इसे भी पढ़ें- पटना: BSSC कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ पुलिसकर्मी ने किया गाली गलौज

बिहार कर्मचारी चयन आयोग ग्रुप सी और डी के पदों पर नियुक्ति करता है. लेकिन, पिछले कई सालों से यह लगातार विवादों में रहा है. विडंबना यह रही है कि आयोग ने जब भी किसी परीक्षा का आयोजन किया तो उसमें कुछ न कुछ गड़बड़ी सामने आती रही है. हाल के वर्षों में गड़बड़ी का बड़ा मामला सामने तो नहीं आया लेकिन कर्मचारी चयन आयोग की कोई भी बहाली समय पर पूरी नहीं हो पाई है.

Etv Bharat की रिपोर्ट

विशेष तौर पर प्रथम इंटर स्तरीय बहाली परीक्षा के मामले में तो बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने नया रिकॉर्ड बना दिया है. वर्ष 2014 में 13,120 पदों पर निकाली गई बहाली प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है.

साल 2014 में 13 हजार से ज्यादा पदों के लिए कर्मचारी चयन आयोग ने आवेदन लिए थे. आवेदन लेने के तीन सालों के बाद पीटी परीक्षा का आयोजन साल 2017 में किया गया. फरवरी महीने में होने वाली इस परीक्षा में पेपर लीक कांड तब सुर्खियों में था. इसके बाद इस परीक्षा को रद्द करते हुए बीएसएससी के तत्कालीन अध्यक्ष और सचिव सहित कई लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया.

लंबे अंतराल के बाद दोबारा पीटी परीक्षा का आयोजन साल 2018 के दिसंबर महीने में हुआ, लेकिन इसके बाद फिर बिहार कर्मचारी चयन आयोग जैसे रिजल्ट देना ही भूल गया. अभ्यर्थियों ने बताया कि रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर छात्रों ने लगातार आंदोलन किया. तब जाकर 20 फरवरी 2020 को पीटी का रिजल्ट प्रकाशित हुआ.

इसे भी पढ़ें- BSSC कार्यलय पर छात्रों का प्रदर्शन, SSC मुख्य परीक्षा के एडमिट कार्ड की मांग

कहानी अभी और लंबी है. छात्रों का आंदोलन यहीं नहीं थमा. इसके बाद भी छात्रों ने एक और बड़ा आंदोलन किया तब मुख्य परीक्षा का आयोजन दिसंबर 2020 में हुआ. जिसमें लगभग 62,000 परीक्षार्थी शामिल हुए थे.

ईटीवी भारत को अभ्यर्थियों ने बताया कि इस परीक्षा में शामिल हुए करीब 52,000 कैंडिडेट्स को साल 2021 में अगले चरण के लिए सफल घोषित किया गया. आयोग का काम इसके बाद भी उसी रफ्तार में रहा तो अभ्यर्थियों ने एक और बड़ा आंदोलन किया. फिर 13 जुलाई से 13 अगस्त के बीच टाइपिंग, शॉर्टहैंड और शारीरिक योग्यता का टेस्ट का आयोजन आयोग ने करवाया.

सारे स्तर के टेस्ट लेने के करीब एक महीने बाद भी आयोग ने चुप्पी साध ली है. बिहार कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से फाइनल रिजल्ट को लेकर अब तक कोई सूचना जारी नहीं की गई है. अंधेरे में जाते छात्रों के भविष्य को देखते हुए ईटीवी भारत ने भी कई बार कर्मचारी चयन आयोग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.

अब आगे भी अभ्यर्थी अपने रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर बार-बार प्रदर्शन और आंदोलन करें, इससे पहले ही आयोग ने अपनी वेबसाइट पर एक चेतावनी अभ्यर्थियों के लिए जारी कर दी. अभ्यर्थियों ने बताया कि इस चेतावनी के मुताबिक कोई भी अभ्यर्थी बिहार कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन नहीं कर सकता है. ऐसा करते पकड़े जाने पर उनकी अभ्यर्थी की योग्यता खत्म कर दी जाएगी. इस फैसले के बाद आयोग की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं.

इसे भी पढ़ें- आवेदकों के आरोप पर बोले BSSC के सचिव- नहीं बढ़ेगी तारीख, परेशानी है तो मेल करें

शिक्षा मामलों के जानकार डॉ संजय कुमार ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग अपनी भूमिका का निर्वहन सही तरीके से नहीं कर रहा है. अभ्यर्थियों से आंदोलन और प्रदर्शन का हक छीनना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. यह कहीं से भी उचित नहीं है. डॉ संजय कुमार ने इसके लिए सीधे-सीधे सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि बिना सरकार की जानकारी या अनुमति के इस तरह का आदेश आयोग नहीं जारी कर सकता है.

छात्र नेता दिलीप कुमार ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग और बिहार सरकार से मांग की है कि हजारों छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए बहाली को जल्द पूरा करे. उन्होंने कहा कि इस बहाली के सात साल बीत चुके हैं लेकिन अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. अभ्यर्थियों की हालत ये हो गई है कि अब वे मानसिक प्रताड़ना से गुजर रहे हैं. कई अभ्यर्थियों की उम्र सीमा भी खत्म हो गई है. वे अब किसी सरकारी नौकरी का फॉर्म भी नहीं भर सकते हैं.

दिलीप ने आगे कहा कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग को मानवीय रुख अपनाते हुए एक सप्ताह के अंदर इस बहाली के काउंसलिंग से संबंधित नोटिस जारी करना चाहिए. अगर इस अवधि के दौरान आयोग काउंसलिंग की तिथि जारी नहीं करता तो हम फिर से आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

नोटः बिहार कर्मचारी चयन आयोग https://bssc.bihar.gov.in/NoticeBoard.htm पर सभी सूचनाओं और जानकारियों का प्रकाशन करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.