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राज्यसभा के लिए सरकार गिरा देंगे मांझी? बोले HAM संरक्षक- 'अगर यहां नहीं मिला, तो दूसरी जगह मिलेगा' - ETV Bihar

क्या राज्यसभा की सीट नहीं मिलने से नाराज जीतनराम मांझी एनडीए छोड़ सकते हैं? अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए क्या जीतनराम मांझी आरजेडी के साथ जा सकते हैं (Jitan Ram Manjhi and RJD Come Together) ? ये सवाल इसलिए क्योंकि उन्होंने खुद सीएम नीतीश कुमार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर यहां नहीं मिला, तो दूसरी जगह मिलेगा. अब हमारे पास दूसरे विकल्प भी हैं. पढ़ें पूरी खबर...

राज्यसभा के लिए सरकार गिरा देंगे मांझी
राज्यसभा के लिए सरकार गिरा देंगे मांझी
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Published : May 18, 2022, 8:03 AM IST

पटना: ऐसा लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने राज्यसभा (Rajya Sabha Elections) जाने का मन बना लिया है. इसके लिए राजनीतिक तौर पर जो भी कीमत चुकानी होगी, उसके लिए वह तैयार हैं. एनडीए की ओर से राज्यसभा या विधान परिषद के लिए एक सीट पर उनकी दावेदारी को खारिज किए जाने के बाद हम संरक्षक ने साफ कर दिया कि अगर गठबंधन (NDA) में ऐसा नहीं हुआ तो अब हमारे पास दूसरे विकल्प भी हैं. माना जा रहा है कि उनका इशारा आरजेडी और महागठबंधन की ओर है.

ये भी पढ़ें: मांझी के डिमांड पर बोले नीतीश कुमार- 'मांग करने में क्या जाता है'

दूसरे विकल्प भी हैं हमारे पास: मंगलवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया था कि राज्यसभा चुनाव में हमें भी भागीदारी दी जाए. जिस पर उन्होंने (सीएम) कहा था कि सभी को एडजस्ट करना है. इसके बाद भी हमने कहा था कि हमे प्राथमिकता दी जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मांझी ने कहा कि अब हमारे पास दूसरे विकल्प भी हैं. अगर वहां नहीं मिला है, तो दूसरी जगह मिलेगा.

नीतीश ने ठुकरायी मांझी की मांग: दरअसल, पत्रकारों ने इस बारे में जब सीएम नीतीश कुमार से सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा कि मांग करने में क्‍या जाता है? इतना कहने के बाद वे अपनी कार में बैठ गए. इससे साफ हो गया कि मुख्यमंत्री मांझी की पार्टी को कोई भी सीट नहीं देंगे. सीएम के इसी बयान से नाराज होकर मांझी ने साफ-साफ कह दिया है कि अगर यहां नहीं मिला, तो दूसरी जगह मिलेगा.

एनडीए को धर्मसंकट में डाला: पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के नेतृत्व वाली पार्टी हम ने राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव के ठीक पहले दावेदारी कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शीर्ष नेताओं को धर्मसंकट में डाल दिया है. मांझी की पार्टी ने राज्यसभा या विधान परिषद के लिए एक सीट पर दावेदारी की है. आपको बता दें कि राज्यपाल कोटे से मनोनयन के दौरान भी मांझी ने दावेदारी की थी लेकिन उन्हें एक भी सीट नहीं मिली थी. उसके बाद स्थानीय निकाय के चुनाव में भी सीट नहीं मिली. दोनों मौकों पर मांझी नाराज हुए थे.

बिहार में 5 सीटों पर राज्यसभा का चुनाव: आपको बता दें कि बिहार में 5 सीटों पर राज्यसभा का चुनाव होना है. जिन पांच राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं, उनके सदस्यों का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है. जिसमें केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता आरसीपी सिंह, आरजेडी की मीसा भारती, बीजेपी के गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दुबे के साथ-साथ शरद यादव की सीट शामिल है. इन राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को वोटिंग होगी. उसी दिन ही शाम 5:00 बजे से वोटों की गिनती की जाएगी और पूरी प्रक्रिया 13 जून तक पूरी कर ली जाएगी. वैसे विधायकों की संख्या के हिसाब से माना जा रहा है कि दो सीट बीजेपी, दो आरजेडी और एक सीट जेडीयू के हिस्से में जाएगी.

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पटना: ऐसा लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने राज्यसभा (Rajya Sabha Elections) जाने का मन बना लिया है. इसके लिए राजनीतिक तौर पर जो भी कीमत चुकानी होगी, उसके लिए वह तैयार हैं. एनडीए की ओर से राज्यसभा या विधान परिषद के लिए एक सीट पर उनकी दावेदारी को खारिज किए जाने के बाद हम संरक्षक ने साफ कर दिया कि अगर गठबंधन (NDA) में ऐसा नहीं हुआ तो अब हमारे पास दूसरे विकल्प भी हैं. माना जा रहा है कि उनका इशारा आरजेडी और महागठबंधन की ओर है.

ये भी पढ़ें: मांझी के डिमांड पर बोले नीतीश कुमार- 'मांग करने में क्या जाता है'

दूसरे विकल्प भी हैं हमारे पास: मंगलवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया था कि राज्यसभा चुनाव में हमें भी भागीदारी दी जाए. जिस पर उन्होंने (सीएम) कहा था कि सभी को एडजस्ट करना है. इसके बाद भी हमने कहा था कि हमे प्राथमिकता दी जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मांझी ने कहा कि अब हमारे पास दूसरे विकल्प भी हैं. अगर वहां नहीं मिला है, तो दूसरी जगह मिलेगा.

नीतीश ने ठुकरायी मांझी की मांग: दरअसल, पत्रकारों ने इस बारे में जब सीएम नीतीश कुमार से सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा कि मांग करने में क्‍या जाता है? इतना कहने के बाद वे अपनी कार में बैठ गए. इससे साफ हो गया कि मुख्यमंत्री मांझी की पार्टी को कोई भी सीट नहीं देंगे. सीएम के इसी बयान से नाराज होकर मांझी ने साफ-साफ कह दिया है कि अगर यहां नहीं मिला, तो दूसरी जगह मिलेगा.

एनडीए को धर्मसंकट में डाला: पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के नेतृत्व वाली पार्टी हम ने राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव के ठीक पहले दावेदारी कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शीर्ष नेताओं को धर्मसंकट में डाल दिया है. मांझी की पार्टी ने राज्यसभा या विधान परिषद के लिए एक सीट पर दावेदारी की है. आपको बता दें कि राज्यपाल कोटे से मनोनयन के दौरान भी मांझी ने दावेदारी की थी लेकिन उन्हें एक भी सीट नहीं मिली थी. उसके बाद स्थानीय निकाय के चुनाव में भी सीट नहीं मिली. दोनों मौकों पर मांझी नाराज हुए थे.

बिहार में 5 सीटों पर राज्यसभा का चुनाव: आपको बता दें कि बिहार में 5 सीटों पर राज्यसभा का चुनाव होना है. जिन पांच राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं, उनके सदस्यों का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है. जिसमें केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता आरसीपी सिंह, आरजेडी की मीसा भारती, बीजेपी के गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दुबे के साथ-साथ शरद यादव की सीट शामिल है. इन राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को वोटिंग होगी. उसी दिन ही शाम 5:00 बजे से वोटों की गिनती की जाएगी और पूरी प्रक्रिया 13 जून तक पूरी कर ली जाएगी. वैसे विधायकों की संख्या के हिसाब से माना जा रहा है कि दो सीट बीजेपी, दो आरजेडी और एक सीट जेडीयू के हिस्से में जाएगी.

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