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BJP बोली- '4 लाख से अधिक जातियों की गणना असंभव'.. तो लालू यादव ने फेंका पासा - पीएम नरेंद्र मोदी

जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करने को लेकर बिहार भाजपा ने एक प्रेस कांफ्रेंस की. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने साफ शब्दों में कहा कि 4 लाख से ज्यादा जातियों का कास्ट सेंसस कराना संभव नहीं है. पढ़िए पूरी खबर..

caste census Politics in Bihar
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Published : Sep 24, 2021, 5:50 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 7:55 PM IST

पटना: केंद्र सरकार के जातीय जनगणना (Caste Census) पर सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे पर बिहार भाजपा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सफाई दी है. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल (Sanjay Jaiswal) ने कहा कि पिछली जनगणना में चार लाख से ज्यादा जातियां भारत में होने का पता चला था. इतनी सारी जातियों का कॉलम बनाना संभव नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना नहीं कराने का फैसला किया है.

यह भी पढ़ें- PM ने नकार दिया तो क्या हुआ? बिहार सरकार अपने खर्चे से कराए जातीय जनगणना: कांग्रेस

बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल ने कहा कि जिस राज्य ने भी जातीय जनगणना कराई है, वह खुद आज तक इसे रिलीज नहीं कर पाया, क्योंकि इसमें कई परेशानियां हैं.

देखें वीडियो

"वर्ष 2011 में जो जातिगत जनगणना हुई थी उसमें चार लाख से ज्यादा जातियों का पता चला था. नीति आयोग ने भी कहा है कि इतनी सारी जातियों का कॉलम बनाना संभव नहीं है, इसलिए जातीय जनगणना नहीं कराने का फैसला केंद्र सरकार ने किया है."- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

यह भी पढ़ें- जातीय जनगणना पर आगे क्या? राबड़ी आवास में महागठबंधन की बैठक

वहीं जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी पर लगातार हमला बोला जा रहा है.लालू यादव ने ट्वीट कर बीजेपी पर हमला बोला है. लालू यादव ने कहा बीजेपी- आरएसएस को पिछड़ों/अति पिछड़ों से इतनी नफ़रत क्यों? जातीय जनगणना से सभी वर्गों का भला होगा. इससे सबकी वास्तविक स्थिति का पता चलेगा. लालू ने कहा कि BJP-RSS पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है. अगर केंद्र सरकार जनगणना फ़ॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फ़ीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है. ऐसे लोगों का सामूहिक सामाजिक बहिष्कार हो.

  • BJP-RSS पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है। अगर केंद्र सरकार जनगणना फ़ॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फ़ीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है। इनका बहिष्कार हो।

    — Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इससे पहले कर्नाटक और उड़ीसा ने अपने राज्य में जातीय जनगणना कराई थी, लेकिन वह आज तक इसे प्रकाशित नहीं कर पाए क्योंकि इसमें कई प्रैक्टिकल परेशानियां सामने आ रही है. यही वजह है कि केंद्र सरकार ने कास्ट सेंसस नहीं कराने का फैसला किया है.

वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि अभी केंद्र सरकार ने फैसला नहीं सुनाया है. केंद्र सरकार का फैसला आना बाकी है. बता दें कि बिहार सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते दिनों पीएम मोदी से मुलाकात कर बिहार सहित देशभर में जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी. जिसके जवाब में केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि वह 2021 की जनगणना में जाति के आधार पर जनगणना का निर्देश नहीं दें.

दरअसल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. जिसमें यह बताया गया है कि जाति आधारित जनगणना काफी मुश्किल प्रक्रिया है. केंद्र ने यह स्पष्ट किया है कि वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना में जातीय जनगणना शामिल नहीं है.

यह भी पढ़ें- Caste Census पर चिराग का नीतीश पर निशाना, कहा- आंख मूंदे बैठी है सरकार

यह भी पढ़ें- जातीय जनगणना बोले मंत्री संजय झा- कर रहे हैं केंद्र के फैसले का इंतजार

पटना: केंद्र सरकार के जातीय जनगणना (Caste Census) पर सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे पर बिहार भाजपा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सफाई दी है. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल (Sanjay Jaiswal) ने कहा कि पिछली जनगणना में चार लाख से ज्यादा जातियां भारत में होने का पता चला था. इतनी सारी जातियों का कॉलम बनाना संभव नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना नहीं कराने का फैसला किया है.

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बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल ने कहा कि जिस राज्य ने भी जातीय जनगणना कराई है, वह खुद आज तक इसे रिलीज नहीं कर पाया, क्योंकि इसमें कई परेशानियां हैं.

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"वर्ष 2011 में जो जातिगत जनगणना हुई थी उसमें चार लाख से ज्यादा जातियों का पता चला था. नीति आयोग ने भी कहा है कि इतनी सारी जातियों का कॉलम बनाना संभव नहीं है, इसलिए जातीय जनगणना नहीं कराने का फैसला केंद्र सरकार ने किया है."- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

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वहीं जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी पर लगातार हमला बोला जा रहा है.लालू यादव ने ट्वीट कर बीजेपी पर हमला बोला है. लालू यादव ने कहा बीजेपी- आरएसएस को पिछड़ों/अति पिछड़ों से इतनी नफ़रत क्यों? जातीय जनगणना से सभी वर्गों का भला होगा. इससे सबकी वास्तविक स्थिति का पता चलेगा. लालू ने कहा कि BJP-RSS पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है. अगर केंद्र सरकार जनगणना फ़ॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फ़ीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है. ऐसे लोगों का सामूहिक सामाजिक बहिष्कार हो.

  • BJP-RSS पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है। अगर केंद्र सरकार जनगणना फ़ॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फ़ीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है। इनका बहिष्कार हो।

    — Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इससे पहले कर्नाटक और उड़ीसा ने अपने राज्य में जातीय जनगणना कराई थी, लेकिन वह आज तक इसे प्रकाशित नहीं कर पाए क्योंकि इसमें कई प्रैक्टिकल परेशानियां सामने आ रही है. यही वजह है कि केंद्र सरकार ने कास्ट सेंसस नहीं कराने का फैसला किया है.

वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि अभी केंद्र सरकार ने फैसला नहीं सुनाया है. केंद्र सरकार का फैसला आना बाकी है. बता दें कि बिहार सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते दिनों पीएम मोदी से मुलाकात कर बिहार सहित देशभर में जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी. जिसके जवाब में केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि वह 2021 की जनगणना में जाति के आधार पर जनगणना का निर्देश नहीं दें.

दरअसल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. जिसमें यह बताया गया है कि जाति आधारित जनगणना काफी मुश्किल प्रक्रिया है. केंद्र ने यह स्पष्ट किया है कि वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना में जातीय जनगणना शामिल नहीं है.

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Last Updated : Sep 24, 2021, 7:55 PM IST
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