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पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के कभी हितैषी नहीं रहे हैं CM नीतीश- निखिल आनंद

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Published : Oct 4, 2022, 3:33 PM IST

बिहार नगर निकाय चुनाव को लेकर सूबे की राजनीति तेज हो गई है. पटना हाईकोर्ट ने नगर निगम चुनाव को लेकर बड़ा फैसला दिया है. जिसके बाद बीजेपी सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर हो गई है. भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते (BJP Target CM Nitish Kumar) हुए कहा कि पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार बिहार में किस तरह की राजनीति कर रहे हैं. कभी भी वो उनके हितेषी नहीं रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद
बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद

पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. आरक्षण के नियम को ठीक से पालन नहीं करने को लेकर उच्च न्यायलय ने तत्काल इस पर रोक लगाने की भी बात कह दी है. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद (BJP Spokesperson Nikhil Anand) ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के हित का काम कभी भी नहीं करना चाहते हैं. यही कारण है कि नगर निकाय का जो चुनाव होने वाला था उसमें पिछड़ा और अति पिछड़ा के सीट को लेकर जो बंटवारा करना था उसमें कोई गाइडलाइन का पालन राज्य सरकार ने नहीं किया है.

ये भी पढ़ें- बिहार नगर निकाय चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने दिया हाईकोर्ट को निर्देश, चुनाव में OBC Reservation पर करे सुनवाई

'हाईकोर्ट ने ऐसे चुनाव पर रोक लगा दिया है. नीतीश कुमार शुरू से ही पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज को लेकर कभी भी कार्य नहीं किया है. ऐसे चुनाव में जो आरक्षण का रोस्टर होना चाहिए उसका पालन नहीं किया है. आज तक बिहार में पिछड़ा, अति पिछड़ा आयोग का गठन नहीं हो पाया है. अभी तक कोई ऐसा निर्णय नीतीश कुमार ने नहीं लिया जिससे कि पिछड़ा और अति पिछड़े समाज के लोगों का कल्याण हो सके. जानबूझकर मुख्यमंत्री ने इस तरह का काम किया है और आनन-फानन में निकाय का चुनाव करवाना शुरू कर दिया था. हाईकोर्ट में जिस तरह से सरकार ने हलफनामा दिया था, वह पूरी तरह से बेबुनियाद था. यही कारण रहा कि हाईकोर्ट को अंततः नगर निकाय चुनाव के प्रक्रिया को लेकर रोक लगा देनी पड़ी.' - निखिल आनंद, बीजेपी प्रवक्ता

बिहार नगर निकाय चुनाव को लेकर HC का बड़ा फैसला : उन्होंने साफ-साफ कहा कि पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार बिहार में किस तरह की राजनीति कर रहे हैं, कभी भी वो उनके हितेषी नहीं रहे हैं. यही कारण है कि जो आरक्षण उन समाज को मिलना चाहिए उसमें अन्य पिछड़ी जातियों को जोड़कर पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के आरक्षण को खत्म करने का काम नीतीश कुमार ने किया है. आज उनके नेता तरह-तरह के बयान देते हैं लेकिन बिहार में जो पिछड़ा अति पिछड़ा समाज के लोग हैं, वह सच्चाई को जानते हैं. समय आने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वो समाज जवाब देंगे जिसको लेकर कभी भी नीतीश कुमार सोचते तक नहीं हैं.

ईबीसी आरक्षण पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई : गौरतलब है कि बिहार में इस महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव (Bihar Municipal Election 2022) को लेकर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court On EBC Reservation) ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव कराने से फिलहाल रोक लगाने के आदेश दिए हैं. ऐसे में 10 और 20 अक्टूबर को निकायों की इन सीटों पर मतदान हो नहीं हो पाएगा. सिर्फ अनारक्षित और सामान्य महिला वाली सीटों पर ही मतदान हो सकेगा.

पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. आरक्षण के नियम को ठीक से पालन नहीं करने को लेकर उच्च न्यायलय ने तत्काल इस पर रोक लगाने की भी बात कह दी है. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद (BJP Spokesperson Nikhil Anand) ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के हित का काम कभी भी नहीं करना चाहते हैं. यही कारण है कि नगर निकाय का जो चुनाव होने वाला था उसमें पिछड़ा और अति पिछड़ा के सीट को लेकर जो बंटवारा करना था उसमें कोई गाइडलाइन का पालन राज्य सरकार ने नहीं किया है.

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'हाईकोर्ट ने ऐसे चुनाव पर रोक लगा दिया है. नीतीश कुमार शुरू से ही पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज को लेकर कभी भी कार्य नहीं किया है. ऐसे चुनाव में जो आरक्षण का रोस्टर होना चाहिए उसका पालन नहीं किया है. आज तक बिहार में पिछड़ा, अति पिछड़ा आयोग का गठन नहीं हो पाया है. अभी तक कोई ऐसा निर्णय नीतीश कुमार ने नहीं लिया जिससे कि पिछड़ा और अति पिछड़े समाज के लोगों का कल्याण हो सके. जानबूझकर मुख्यमंत्री ने इस तरह का काम किया है और आनन-फानन में निकाय का चुनाव करवाना शुरू कर दिया था. हाईकोर्ट में जिस तरह से सरकार ने हलफनामा दिया था, वह पूरी तरह से बेबुनियाद था. यही कारण रहा कि हाईकोर्ट को अंततः नगर निकाय चुनाव के प्रक्रिया को लेकर रोक लगा देनी पड़ी.' - निखिल आनंद, बीजेपी प्रवक्ता

बिहार नगर निकाय चुनाव को लेकर HC का बड़ा फैसला : उन्होंने साफ-साफ कहा कि पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार बिहार में किस तरह की राजनीति कर रहे हैं, कभी भी वो उनके हितेषी नहीं रहे हैं. यही कारण है कि जो आरक्षण उन समाज को मिलना चाहिए उसमें अन्य पिछड़ी जातियों को जोड़कर पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के आरक्षण को खत्म करने का काम नीतीश कुमार ने किया है. आज उनके नेता तरह-तरह के बयान देते हैं लेकिन बिहार में जो पिछड़ा अति पिछड़ा समाज के लोग हैं, वह सच्चाई को जानते हैं. समय आने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वो समाज जवाब देंगे जिसको लेकर कभी भी नीतीश कुमार सोचते तक नहीं हैं.

ईबीसी आरक्षण पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई : गौरतलब है कि बिहार में इस महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव (Bihar Municipal Election 2022) को लेकर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court On EBC Reservation) ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव कराने से फिलहाल रोक लगाने के आदेश दिए हैं. ऐसे में 10 और 20 अक्टूबर को निकायों की इन सीटों पर मतदान हो नहीं हो पाएगा. सिर्फ अनारक्षित और सामान्य महिला वाली सीटों पर ही मतदान हो सकेगा.

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