पटना: बुधवार को बिहार विधानसभा में माननीयों को सम्मान का मामला उठा. बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा (BJP MLA Nitish Mishra) ने सदन में सवाल को उठाया तो पक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की. हालांकि सीएम ने कहा कि सरकार ने पहले से इस बारे में अधिकारियों को दिशा-निर्देश (Instructions to Respect MP MLA in Bihar) दे रखा है.
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बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने ध्यानकर्षण में अपने एक सवाल को लेकर मंत्री के जवाब पर कहा शिलान्यास में बुलाने की बात तो छोड़िए, मेरे क्षेत्र में जो विकास के कार्य हो रहे हैं उसकी जानकारी भी पिछले 1 साल में उपलब्ध नहीं कराई गई है. वहीं, कांग्रेस विधायक विजय शंकर दुबे ने इस बारे में कहा कि पहले जनप्रतिनिधियों को बहुत सम्मान मिलता था, लेकिन अब अधिकारी माननीयों को सम्मान नहीं देते हैं.
आरजेडी विधायक आलोक मेहता ने भी स्वीकार किया कि जनप्रतिनिधियों की सुनी नहीं जाती है. हालांकि उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया है कि सरकार ने पहले ही गाइडलाइन जारी कर दिया है तो उम्मीद है कि अब उस गाइडलाइन का पालन अधिकारी करेंगे.
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उधर, सीपीएम विधायक अजय कुमार ने कहा यह केवल एक विधायक का मामला नहीं है. उन्होंने कहा कि तमाम विधायकों के साथ यही हो रहा है. अधिकारी माननीयों को सम्मान देना नहीं चाहते हैं.
हालांकि बिहार सरकार ने जनप्रतिनिधियों को सम्मान देने और तमाम जानकारी उपलब्ध कराने को लेकर कई बार अधिकारियों को पत्र लिखा है. इस साल ऐसे चार पत्र लिखे गए हैं, लेकिन इसके बावजूद अधिकांश माननीयों की यही शिकायत है कि उन्हें उचित सम्मान नहीं मिलता है. शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रम में भी नहीं बुलाया जाता है और जो जानकारी मांगते हैं, वह भी अधिकारी नहीं देते हैं.
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