पटना: बिहार विधान परिषद के शीतकालीन सत्र (Winter Session Of Bihar Legislature) में गुरुवार को भूमि दाखिल खारिज संशोधन विधेयक (Bihar Land filing rejected amendment bill) पारित हो गया. संशोधन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भू राजस्व मंत्री रामसूरत राय (Minister Ramsurat Rai) ने कई सवालों के जवाब दिए. उन्होंने इस संशोधन की जरुरत से भी लोगों को अवगत कराया. सदन में मंत्री रामसूरत राय ने सभी सदस्यों को सलाह दी कि वे जल्द से जल्द पारिवारिक बंटवारा भी कर लें ताकि भविष्य में होने वाली परेशानियों से बचा जा सके.
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उन्होंने आम लोगों को भी सलाह दी है कि समय रहते पारिवारिक बंटवारा मिल बैठकर कर लेना चाहिए ताकि भविष्य में कोई परेशानी ना हो. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास से बिहार में पारिवारिक बंटवारा बिल्कुल फ्री होता है. इसलिए इसमें देर नहीं करनी चाहिए. वहीं, भाजपा एमएलसी नवल किशोर राय के एक सवाल के जवाब में रामसूरत राय ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति की संपत्ति 2 नाम से है तो उसमें निश्चित तौर पर एक नाम ही सही होगा. दूसरे नाम वाली संपत्ति बेनामी मानी जाएगी और सरकार उसे अपने कब्जे में ले लेगी.
इसे लेकर सत्ता पक्ष ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर कटाक्ष किया है. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि ऐसे लोगों को अब सावधान हो जाना चाहिए जो बेनामी संपत्ति रखे हुए हैं. इसका कोई रिकॉर्ड उन्होंने सरकार के सामने नहीं दिया है. अगर किसी और नाम से संपत्ति है, किसी से दान में ली गई है और उसका दाखिल-खारिज नहीं कराया गया है तो जाहिर तौर पर अब सरकार उसे कब्जे में ले लेगी.
नीरज कुमार ने सीधे-सीधे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर (Attack on Tejashwi Yadav) आरोप लगाया कि तरुण नाम से कई संपत्तियां सामने आई हैं. तरुण नाम वाली संपत्ति का कोई ब्योरा उन्होंने अपनी संपत्ति के रिकॉर्ड में नहीं दिया है. इसलिए अब ऐसे लोगों को सावधान हो जाना चाहिए. इधर, भाजपा एमएलसी नवल किशोर यादव ने भी कहा कि जिन लोगों ने फर्जी नाम से संपत्ति खरीदी है, उनके लिए आज सदन में पारित विधेयक खतरे की घंटी है. अब उस पर उनका अधिकार नहीं रह जाएगा. उन्होंने भी इशारों इशारों में लालू परिवार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर हमला बोला.
हालांकि राजद नेता रामबली चंद्रवंशी इस सवाल का जवाब टाल गए. उन्होंने कहा कि सदन में मंत्री रामसूरत राय ने हंसी-मजाक में यह बात कही है. आपको बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का घरेलू नाम तरुण है. इस नाम का जिक्र लालू यादव (Lalu Yadav) ने भी किया है. सरकारी रिकॉर्ड में उनका नाम तेजस्वी यादव ही है. हालांकि जो अवैध संपत्तियों का मामला चल रहा है, उनमें तरुण नाम से भी कई संपत्तियों का खुलासा हुआ है. यही सवाल नीरज कुमार ने उठाया है कि जब आधिकारिक रिकॉर्ड में तरुण नाम है ही नहीं तो इस नाम से कोई संपत्ति कैसे हो सकती है. इसे बेनामी संपत्ति मानते हुए जब्त कर लेना चाहिए.
इधर कांग्रेस एमएलसी समीर कुमार सिंह ने इस विधेयक की सदन में और सदन के बाहर भी जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि मैंने कुछ सुझाव सरकार को दिए हैं. इतना जरूर है कि अगर सरकार के कहे अनुसार काम होता है तो पारिवारिक विवाद में कमी आएगी. अगर भूमि विवाद से जुड़े मामले कम हो गए तो बिहार में शांति-व्यवस्था कायम हो पाएगी.
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