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अगस्त में भी बिगड़ा रहेगा मौसम का मिजाज, बिहार में बाढ़ की फिर आशंका

मौसम विभाग ने बिहार में अगले महीने भी बारिश की संभावना जतायी है. मौसम विभाग का कहना है कि अगस्त में बारिश के साथ ही नेपाल से पानी छोड़े जाने से बिहार के कई जिलों में स्थिति बिगड़ सकती है. बाढ़ के हालात फिर उत्पन्न हो सकते हैं.

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Published : Jul 31, 2021, 8:08 AM IST

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पटना: बिहार के विभिन्न जिलों में लगातार बारिश दर्ज की जा रही है. ऐसे में मौसम विभाग (Meteorological Center Patna) के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले महीने भी बारिश होगी. इसके साथ ही बिहार के सीमावर्ती जिलों में एक बार फिर बाढ़ की स्थिति भयावह होने की आशंका जतायी गयी है. इससे कई नदियों के जलस्तर में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है.

ये भी पढ़ें: Bihar Weather Update: इन जिलों में बारिश के साथ वज्रपात की संभावना, मौसम विभाग ने किया अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार अगस्त महीने में भी अच्छी बारिश दर्ज होने की संभावना है. इसके साथ ही नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण सीमावर्ती जिलों में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है. इससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की पूरी संभावना है.

बता दें कि उत्तर बिहार की अधिकांश नदियां इन दिनों उफान पर हैं. हालांकि धीरे-धीरे अब इन नदियों का जलस्तर घटने लगा है. गंगा नदी का जलस्तर सभी स्थानों पर खतरे से नीचे है. लेकिन बारिश होने और नेपाल से पानी छोड़े जाने पर स्थिति बिगड़ सकती है.

केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) के अनुसार गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, अधवारा नदी, महानंदा और कोसी नदी का जलस्तर (Water Level Of Various River) कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर है. गंडक नदी का जलस्तर डुमरिया घाट में खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर ऊपर है.

बिहार को हर साल बाढ़ (Bihar Flood) के चलते हजारों करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ता है. नेपाल (Nepal) से आने वाला पानी बिहार में बाढ़ का प्रमुख कारण है. मानसून आते ही जैसे ही नेपाल में मूसलाधार बारिश होती है नेपाल से बिहार आने वाली नदियां उफनाने लगतीं हैं. इसके चलते उत्तर बिहार का बड़ा हिस्सा हर साल बाढ़ झेलता है.

पटना: बिहार के विभिन्न जिलों में लगातार बारिश दर्ज की जा रही है. ऐसे में मौसम विभाग (Meteorological Center Patna) के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले महीने भी बारिश होगी. इसके साथ ही बिहार के सीमावर्ती जिलों में एक बार फिर बाढ़ की स्थिति भयावह होने की आशंका जतायी गयी है. इससे कई नदियों के जलस्तर में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है.

ये भी पढ़ें: Bihar Weather Update: इन जिलों में बारिश के साथ वज्रपात की संभावना, मौसम विभाग ने किया अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार अगस्त महीने में भी अच्छी बारिश दर्ज होने की संभावना है. इसके साथ ही नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण सीमावर्ती जिलों में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है. इससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की पूरी संभावना है.

बता दें कि उत्तर बिहार की अधिकांश नदियां इन दिनों उफान पर हैं. हालांकि धीरे-धीरे अब इन नदियों का जलस्तर घटने लगा है. गंगा नदी का जलस्तर सभी स्थानों पर खतरे से नीचे है. लेकिन बारिश होने और नेपाल से पानी छोड़े जाने पर स्थिति बिगड़ सकती है.

केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) के अनुसार गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, अधवारा नदी, महानंदा और कोसी नदी का जलस्तर (Water Level Of Various River) कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर है. गंडक नदी का जलस्तर डुमरिया घाट में खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर ऊपर है.

बिहार को हर साल बाढ़ (Bihar Flood) के चलते हजारों करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ता है. नेपाल (Nepal) से आने वाला पानी बिहार में बाढ़ का प्रमुख कारण है. मानसून आते ही जैसे ही नेपाल में मूसलाधार बारिश होती है नेपाल से बिहार आने वाली नदियां उफनाने लगतीं हैं. इसके चलते उत्तर बिहार का बड़ा हिस्सा हर साल बाढ़ झेलता है.

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