पटना: भारतमाला-2 परियोजना के अंतर्गत पथ निर्माण विभाग (Road Construction Department) ने सड़क परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्रालय भारत सरकार को अतिरिक्त मार्गों को शामिल करने के लिए फिर पत्र भेजा है. पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Minister Nitin Naveen) ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि व्यापार और यात्रियों के सुगम आवागमन के लिए चार नए पथों को शामिल करने का भारत सरकार (Government Of India) से अनुरोध किया है.
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पथ निर्माण विभाग ने जिन 4 नए पथों को लेकर पत्र लिखा है, उसमें बक्सर से भागलपुर एक्स्प्रेस-वे जिसकी कुल लम्बाई 350 किलोमीटर होगी. इसके अलावा नवादा-बरौनी-झंझारपुर-लडनिया राष्ट्रीय उच्च पथ 220 किलोमीटर, मांझी-बारौलि-बेतिया-बगहा-कुशीनगर 215 किलोमीटर, कहलगाओ-क़ुरसेला-फ़रबेसगंज 4 लेन 120 किलोमीटर शामिल है. इन मार्गों को अगर शामिल किया जाता है, तो राज्य के औद्योगिक विकास में सहायता मिलेगी.
भागलपुर का रेशम उद्योग पूर्वांचल एक्स्प्रेस से दिल्ली से जुड़ जाएगा और इसका व्यापक बाजार मिलने की सम्भावना बढ़ जाएगी. बिहार के दक्षिणी भाग से नेपाल के सीमवर्ती इलाकों की दूरी कम होगी. कोशी और कमला बालन के क्षेत्र में अभी सड़क का घनत्व कम है. इससे इस क्षेत्र में सड़क संपर्कता बढ़ेगी.
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प्रस्ताव देते वक्त इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि राज्य के वैसे क्षेत्र जहां पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं, जैसे लौरिया, कुशीनगर, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जैसे पर्यटन स्थल पर पर्यटक सुगमता पूर्वक जा सकेंगे. इसके लिए भी पथों के अलायन्मेंट को ध्यान में रखा गया है.
''बिहार राज्य के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में गन्ने की खेती की जाती है. इन सड़कों के शामिल होने से कृषकों को गन्ने की फसल के लिए कम दूरी तय करते हुए फसल बेचना आसान हो जाएगा और उन्हें उचित मूल्य भी प्राप्त हो पाएगा. इस बात का भी ख़्याल रखा गया है कि पूर्वी बिहार की संपर्कता झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र से बढ़े. कहलगांव के समीप एक 4 लेन का गंगा नदी के ऊपर पुल बनाए जाने का भी प्रस्ताव शामिल है.''- नितिन नवीन, मंत्री, पथ निर्माण विभाग
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि बिहार में सड़कों का विस्तारीकरण के लिए राज्य सरकार प्रयत्नशील हैं और मुख्यमंत्री के द्वारा निर्धारित लक्ष्य के प्राप्ति के उद्देश्य से उनके विभाग को जो भी कदम उठाना पड़ेगा, उसमें वो पीछे नहीं हटेंगे.