पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र (Bihar Assembly Budget Session 2022) शुरू हो गया. प्रथम दिन राज्यपाल फागू चौहान विधानसभा और विधान परिषद को संयुक्त रूप से संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार के कार्यों की जमकर सराहना (Governor Fagu Chauhan praised CM Nitish Kumar government) की और उपलब्धियों का उल्लेख किया. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार की सरकार की जनहित और राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया. राज्यपाल ने कहा कि न्याय के साथ विकास सरकार का मूल मंत्र है.
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में भारत सहित पूरा विश्व कोरोना महामारी की तीसरी लहर (third wave of corona pandemic) से जूझ रहा है. कोरोना महामारी के कारण हमारा देश मार्च, 2020 से प्रभावित हैं, विश्व के अनेक देश तो और ज्यादा समय से प्रभावित हैं. इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार लोगों के साथ रही है लेकिन कोरोना से बचाव तभी संभव है जब सभी लोग इसके प्रति सजग एवं सचेत रहेंगे और कोरोना से संबंधित सभी प्रकार के नियमों एवं दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे.
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उन्होंने कहा कि राज्य में कानून का राज स्थापित रखना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. राज्य सरकार ने हमेशा से सुशासन एवं न्याय के साथ विकास पर जोर दिया है. सरकार द्वारा अपराध नियंत्रण एवं विधि-व्यवस्था संधारण के लिए सभी आयामों पर योजनाबद्ध तरीके से काम किया गया है. इसके लिए पुलिस बल की संख्या में बढ़ोत्तरी की गयी है. पुलिस के लिए वाहन एवं संसाधन उपलब्ध कराये गये है.
साथ ही राज्यपाल ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध राज्य सरकार की नीति जीरो टॉलरेन्स की रही है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा वर्ष 2021 में भ्रष्टाचार, आय से अधिक सम्पत्ति अथवा पदों के दुरूपयोग में संलिप्त भ्रष्ट लोक सेवकों के विरूद्ध कुल 57 कार्ड दर्ज किये गये हैं. बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम के तहत अवैध अर्जित सम्पत्ति के अधिहरण हेतु विशेष न्यायालयों में 13 बाद दायर किये गये हैं.
राज्य में प्रशासनिक सुधार के कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है. बिहार लोक सेवाओं का अधिकार कानून को लागू कर नागरिकों को विभिन्न लोक सेवाए एक नियत समय-सीमा के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही है. सरकार द्वारा पिछले कार्यकाल में बिहार के विकास के लिए सात निश्चय कार्यक्रम लागू किये गये.
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हर घर तक बिजली पहुंचा दी गई है. हर घर तक नल का जल, हर घर तक पक्की गली और नाली का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. शौचालय निर्माण का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि विकसित बिहार की परिकल्पना को साकार करने के लिए सरकार द्वारा सात निश्चय - 2 के तहत कुछ नए संकल्प लिए गए हैं जिनमें कई योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू हो चुका है.
राज्यपाल ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड-19 महामारी एवं लॉकडाउन के कारण पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को गहरा आघात पहुंचा है. इस दौरान राज्य सरकार के व्यय में कोरोना पूर्व काल से लगभग 13 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई है, जो राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी दायित्वों के प्रति कटिबद्धता को दर्शाता है.
आधारभूत संरचना एवं मानव संसाधन के विकास की किरण बिहार के कोने कोने तक पहुच रही है. बिहार में सड़कों तथा पुल-पुलियों का जाल बिछाकर, अब राज्य के सुदूर क्षेत्र से 5 घंटे में राजधानी पटना पहुंचने के लक्ष्य पर कार्य योजना बनाकर निर्माण कार्य चल रहा है. आधारभूत संरचना के निर्माण के बाद राज्य में पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग की सड़को पुल-पुलियों तथा सरकारी भवनों के अनुरक्षण की नीति बनाई जा रही है.
शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचना विकास का कार्य कराया जा रहा है. पटना में मेट्रो रेल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. राज्य में नये नगर निकाय बनाये गये हैं तथा कई नगर निकायों को पुनर्गठित एवं उत्क्रमित किया गया है, जिसके फलस्वरूप नगर निकायों की संख्या 142 से बढ़कर 262 हो गयी है. इससे शहरी क्षेत्र का विस्तार हुआ है और आने वाले समय में नये शहरी क्षेत्रों में भी बेहतर नागरिक सुविधायें उपलब्ध हो सकेंगी.
राज्य में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार हुआ है जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2005-06 में जहां शिशु मृत्यु दर प्रति हजार 61 थी वह अब घटकर 29 हो गई है जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है. इसी दौरान मातृ मृत्यु दर प्रति लाख पर 312 से घटकर 149 हो गयी है. अस्पतालों में बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना का विकास एवं कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं.
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राज्यपाल ने दोनों सदनों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया है और महिलाओं को रोजगार देने एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी आयामों पर काम किया जा रहा है. महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल रहा है. जीविका के अंतर्गत 10 लाख के लक्ष्य से आगे बढ़कर 10 लाख 31 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है, जिनसे 1 करोड़ 27 लाख से भी अधिक महिलाएं जुड़ चुकी है.
बिहार में ईको-टूरिज्म के विकास के कार्यों को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से कराने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए विभाग में ईको-टूरिज्म विंग की स्थापना की गयी है जिसके अंतर्गत पहाड़ी, वन एवं वन्य प्राणी क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए उच्चस्तरीय सुविधाओं का निर्माण एवं रख-रखाव किया जायेगा. इसके लिए उपयुक्त ईको-टूरिज्म पॉलिसी का निर्धारण भी किया जा रहा है. वर्ष 2021 में राजगीर में नेचर सफारी की स्थापना की गयी है जिसमें ग्लास स्काई वाक का निर्माण कराया गया है. इस प्रकार का ग्लास स्काई वाक देश में पहला है.
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