पटना: बिहार (Bihar) में कुल 10,242 राजकीय नलकूप हैं. इसके जरिये किसान समय-समय पर अपने फसलों की सिंचाई करते हैं. लघु जल संसाधन विभाग द्वारा अब नए सरकारी नलकूप (State Tube Wells) नहीं लगाए जा रहे हैं. पिछले साल से ही इन सरकारी नलकुपों को चलाने की जिम्मेदारी पंचायतों को दी गयी है. विभागीय मंत्री संतोष कुमार सुमन (Minister Santosh Kumar Suman) का कहना है कि सरकार अब निजी नलकूप लगाने के लिए भी किसानों को अनुदान देती है.
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उन्होंने बताया कि राज्य में अभी तक 14 हजार से ज्यादा किसानों ने निजी नलकूप सरकारी सहायता से लगाया है. फिलहाल बिहार में एक हजार से ज्यादा राजकीय नलकूप मरम्मती के अभाव में बंद हैं. इनकी देखभाल पंचायत कर रहा था. मंत्री ने कहा कि विभाग में जो भी शिकायतें आती हैं, हमलोग अभियन्ता को भेजकर उसकी जांच करवाते हैं. साथ ही विभागीय अभियंता की देखरेख में उसकी मरम्मती होती है.
लघु सिंचाई विभाग के मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि जिन जिलों में राजकीय नलकूपों की मरम्मती पर 15 लाख रुपये तक खर्च होता है, वहां पंचायती राज विभाग के माध्यम से यह काम करवाया जाता है. पंचायती राज विभाग की ओर से उक्त राशि पंचायत में भेजी जाती है. उससे ज्यादा खर्च अगर किसी जिले में राजकीय नलकूप के मरम्मतीकरण को लेकर करना होता है तो हमारे विभाग द्वारा कराया जाता है.
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उन्होंने स्वीकार किया कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से कई जगहों पर राजकीय नलकूपों की मरम्मती में देरी हो रही है. फिर भी विभाग को कहीं से कोई शिकायत मिलती है तो उसे दूर किया जायेगा. फिलहाल विभागीय अधिकारी इस तरह की शिकायतों का निवारण अपने स्तर से करते हैं. उन्होंने दावा किया कि जहां भी सरकारी नलकूप खराब होने की शिकायत आएगी, वहां जल्द से जल्द मरम्मती का कार्य होगा. फिलहाल रबी फसल के मौसम आने से पहले विभाग ऐसे मामलों को संजीदगी से देखेगा जिससे आने वाले समय मे किसानों को सिंचाई करने में कोई दिक्कत नहीं हो.
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