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बिहार में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग, उपेंद्र कुशवाहा से मिला राज्य कर्मियों का प्रतिनिधिमंडल

बिहार में पुरानी पेंशन व्यवस्था (Old Pension Policy In Bihar) लागू करने की मांग को लेकर राज्य कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा से मिले. इस दौरान इन लोगों ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान की भांति बिहार में भी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने की मांग की. पढ़ें पूरी खबर..

पुरानी पेंशन
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Published : May 16, 2022, 8:12 PM IST

पटनाः छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पुरानी पेंशन नीति बहाल होने के बाद बिहार में भी पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग (Bihar Employees Demand For Old Pension Scheme) उठने लगी है. देश भर में पुरानी पेंशन के लिए मुहिम चलाने वाले संगठन के नेताओं ने इसको लेकर सोमवार को जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की और अपनी मांग संबंधी ज्ञापन उन्हें सौंपा. दरअसल इन नेताओं ने सीएम नीतीश कुमार से मिलने का समय मांगा था लेकिन समय की अनुपलब्धता के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई. इसके बाद मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को अपनी मांगों से अवगत कराया और ज्ञापन सौंपा.

पढ़ें -बिहार विधानसभा के बाहर RJD विधायकों का प्रदर्शन, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की रखी मांग

माननीयों को 1 दिन पर भी पेंशनः देशभर में सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन दिलाने के लिए मुहिम चला रहे नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु इन दिनों बिहार दौरे पर हैं और इस दौरे के दौरान जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की. ज्ञापन सौंपकर निकलने के बाद विजय कुमार बंधु ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिस प्रकार एक माननीयों को 1 दिन के लिए भी चुने जाने पर उम्र भर एक निश्चित पेंशन मिलता है उसी प्रकार जो कर्मचारी वर्षों तक सरकारी सेवा देते हैं. उन्हें भी एक सम्मानजनक राशि पेंशन के तौर पर मिलना चाहिए और यह ओल्ड पेंशन स्कीम के माध्यम से ही संभव है.

सम्मानजनक जीवन के लिए पेंशन की मांगः विजय कुमार बंधु ने कहा कि पुरानी पेंशन को लेकर उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की है और उन्हें उम्मीद है कि वह उनकी बातों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे और मीडिया के माध्यम से वह मुख्यमंत्री से सीधे अपील भी करेंगे कि अपने प्रदेश में राज्य सरकार के कर्मियों को वह पुरानी पेंशन बहाल करें जिससे कि सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद भी एक सम्मानजनक जीवन जी सके. उन्होंने कहा कि नई पेंशन नीति में सेवानिवृत्ति के बाद महंगाई भत्ता और वेतन पुनरीक्षण जैसी कोई सुविधा नहीं है.

24% निजी एजेंसी के मुनाफे में चला जाता हैः विजय बंधु ने कहा कि उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को इस बात से अवगत कराया है कि प्रतिमाह कर्मियों के पेंशन के नाम पर बिहार सरकार 14% राशि अपने हिस्से का और 10 परसेंट राशि कर्मियों के वेतन से काटकर एक एजेंसी के पास जमा करती है और इसका 24% एजेंसी के मुनाफे में चला जाता है. विजय बंधु ने कहा कि केंद्रीय कर्मियों के वेतन से जुड़े निर्णय लेने का प्रधानमंत्री को अधिकार है लेकिन राज्य कर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अधिकार में है. उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि सामाजिक न्याय के पक्षधर सीएम नीतीश कुमार राज्य कर्मियों को एक सामाजिक सुरक्षा के तहत ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करेंगे. उन्होंने कहा कि आगामी 21 मई को राजस्थान में नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम संगठन का अधिवेशन है और इस अधिवेशन में ओल्ड पेंशन स्कीम को देशभर में लागू करने के लिए आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.

पढ़ें- भागलपुर: अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ का 42वां अधिवेशन, पुरानी पेंशन नीति लागू करने की मांग

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पटनाः छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पुरानी पेंशन नीति बहाल होने के बाद बिहार में भी पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग (Bihar Employees Demand For Old Pension Scheme) उठने लगी है. देश भर में पुरानी पेंशन के लिए मुहिम चलाने वाले संगठन के नेताओं ने इसको लेकर सोमवार को जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की और अपनी मांग संबंधी ज्ञापन उन्हें सौंपा. दरअसल इन नेताओं ने सीएम नीतीश कुमार से मिलने का समय मांगा था लेकिन समय की अनुपलब्धता के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई. इसके बाद मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को अपनी मांगों से अवगत कराया और ज्ञापन सौंपा.

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माननीयों को 1 दिन पर भी पेंशनः देशभर में सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन दिलाने के लिए मुहिम चला रहे नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु इन दिनों बिहार दौरे पर हैं और इस दौरे के दौरान जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की. ज्ञापन सौंपकर निकलने के बाद विजय कुमार बंधु ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिस प्रकार एक माननीयों को 1 दिन के लिए भी चुने जाने पर उम्र भर एक निश्चित पेंशन मिलता है उसी प्रकार जो कर्मचारी वर्षों तक सरकारी सेवा देते हैं. उन्हें भी एक सम्मानजनक राशि पेंशन के तौर पर मिलना चाहिए और यह ओल्ड पेंशन स्कीम के माध्यम से ही संभव है.

सम्मानजनक जीवन के लिए पेंशन की मांगः विजय कुमार बंधु ने कहा कि पुरानी पेंशन को लेकर उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की है और उन्हें उम्मीद है कि वह उनकी बातों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे और मीडिया के माध्यम से वह मुख्यमंत्री से सीधे अपील भी करेंगे कि अपने प्रदेश में राज्य सरकार के कर्मियों को वह पुरानी पेंशन बहाल करें जिससे कि सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद भी एक सम्मानजनक जीवन जी सके. उन्होंने कहा कि नई पेंशन नीति में सेवानिवृत्ति के बाद महंगाई भत्ता और वेतन पुनरीक्षण जैसी कोई सुविधा नहीं है.

24% निजी एजेंसी के मुनाफे में चला जाता हैः विजय बंधु ने कहा कि उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को इस बात से अवगत कराया है कि प्रतिमाह कर्मियों के पेंशन के नाम पर बिहार सरकार 14% राशि अपने हिस्से का और 10 परसेंट राशि कर्मियों के वेतन से काटकर एक एजेंसी के पास जमा करती है और इसका 24% एजेंसी के मुनाफे में चला जाता है. विजय बंधु ने कहा कि केंद्रीय कर्मियों के वेतन से जुड़े निर्णय लेने का प्रधानमंत्री को अधिकार है लेकिन राज्य कर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अधिकार में है. उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि सामाजिक न्याय के पक्षधर सीएम नीतीश कुमार राज्य कर्मियों को एक सामाजिक सुरक्षा के तहत ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करेंगे. उन्होंने कहा कि आगामी 21 मई को राजस्थान में नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम संगठन का अधिवेशन है और इस अधिवेशन में ओल्ड पेंशन स्कीम को देशभर में लागू करने के लिए आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.

पढ़ें- भागलपुर: अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ का 42वां अधिवेशन, पुरानी पेंशन नीति लागू करने की मांग

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