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बिहार चुनाव : क्या हैं बिहार में नीतीश कुमार 7.0 के मायने? - big brother bjp

सत्तारूढ़ गठबंधन को 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में 125 सीटों पर जीत हासिल हुई है, बीजेपी को 74 और जेडीयू को 43 सीटों पर जीत मिली है. बीजेपी ने साफ कर दिया था कि जदयू की कम सीटें आएंगी तो भी उनके नेता नीतीश कुमार ही होंगे.

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Published : Nov 12, 2020, 8:18 AM IST

पटना: पश्चिम बंगाल के ज्योति बसु और सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग ने मुख्यमंत्रियों के रूप में लंबे समय तक काम किया, लेकिन 2020 में बिहार में एनडीए की सत्ता में वापसी के साथ, नीतीश कुमार 15 वर्षों में 7वीं बार शपथ लेंगे.

बिहार में एक मजबूत कार्यकाल-विरोधी अवधारणा को धता बताते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर सवार होकर जेडीयू के नेता की वापसी हुई. यह मोदी की लोकप्रियता का ही आलम रहा कि तेजस्वी यादव की लहर पर सवार महागठबंधन से कड़ी चुनौती मिलने के बावजूद एनडीए की बिहार में वापसी सुनिश्चित हुई.

नीतीश कुमार का 'बड़ा भाई' वाला टैग

हालांकि, पिछले मामलों के विपरीत, नीतीश कुमार का 'बड़ा भाई' वाला टैग चला गया है जहां 74 सीटों के साथ एक बीजेपी के जबरदस्त प्रदर्शन के आगे जेडीयू का कद बौना हो गया, जो मुश्किल से 43 सीटें जीत सकी. एनडीए ने 125 सीटें जीतीं. जबकि, जादुई आंकड़ा 122 है.

हालांकि बीजेपी प्रदर्शन के मामले में जेडीयू से काफी आगे रही, लेकिन पार्टी के शीर्ष अधिकारियों ने चुनाव से पहले यह स्पष्ट कर दिया था कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे, चाहे वे अधिक सीटें जीते.

''नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री होंगे. मैं इस गठबंधन के प्रति विश्वास दिखाने के लिए बिहार के लोगों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं." - के सी त्यागी, जेडीयू के वरिष्ठ नेता

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा, ''जब पीएम ने स्पष्ट कर दिया है, तो कयासों की कोई गुंजाइश नहीं है.'' अमित शाह ने भी मंगलवार को फोन पर नीतीश कुमार से बात की, हालांकि, क्या बातचीत हुई, फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो पाया है.

...तो सातवीं बार शपथ लेंगे नीतीश!

बता दें कि नवीन पटनायक 5 बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे हैं, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान चार बार, सिक्किम के चामलिंग (1994 से अब तक) बंगाल में ज्योति बसु (1977 से 2000) तक मुख्यमंत्री रहे हैं. जब नीतीश कुमार शपथ लेंगे तो यह उनका सातवीं बार शपथ ग्रहण होगा.

कब-कब बने बिहार के सीएम

  • नीतीश (तत्कालीन समता पार्टी के नेता) ने पहली बार 3 मार्च, 2000 को बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली. लेकिन बहुमत न होने पर इस्तीफा देना पड़ा था
  • 24 नवंबर 2005 में दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली.
  • 26 नवंबर 2010 को तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.
  • 22 फरवरी 2015 को चौथी बार मुख्यमंत्री बने.
  • आरजेडी साथ गठबंधन में 20 नवंबर 2015 को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने.
  • आरजेडी से रिश्ता तोड़ने के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बाद 27 जुलाई 2017 को छठी बार सीएम बने.

मंगलवार को परिणाम दिन बढ़ने के बावजूद, नीतीश कुमार की पार्टी जश्न को लेकर काफी सतर्क थी, लेकिन पटना में पार्टी मुख्यालय के बाहर बड़े पोस्टर में लिखा था, "बिहार ने 24 कैरेट सोने को चुना है."

बड़े भाई की भूमिका में बीजेपी

नीतीश 7.0 में दीगर बात यह होगी कि बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में होगी. चाहे कोई भी सीएम हो. कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर अकेले नीतीश के बजाय जेडीयू कार्यालय में मोदी और नीतीश का एक पोस्टर लग जाए.

बीजेपी सांसद और इसके स्टार प्रचारक मनोज तिवारी ने कहा, "सरकार एनडीए द्वारा बनाई जाएगी जो नीतीश कुमार के नेतृत्व में और नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से बनेगी."

'बिहार में फिर से नीतीश कुमार बा'

बता दें कि जेडीयू कार्यालय के बाहर एक बड़ा पोस्टर लगा है, जिसमें लिखा है, "बिहार में फिर से नीतीश कुमार बा." यह एक तरह से उन व्यंग्य बाण, तंज का जवाब है, जो चुनाव के दौरान नीतीश सरकार पर कसे गए थे.

पटना: पश्चिम बंगाल के ज्योति बसु और सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग ने मुख्यमंत्रियों के रूप में लंबे समय तक काम किया, लेकिन 2020 में बिहार में एनडीए की सत्ता में वापसी के साथ, नीतीश कुमार 15 वर्षों में 7वीं बार शपथ लेंगे.

बिहार में एक मजबूत कार्यकाल-विरोधी अवधारणा को धता बताते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर सवार होकर जेडीयू के नेता की वापसी हुई. यह मोदी की लोकप्रियता का ही आलम रहा कि तेजस्वी यादव की लहर पर सवार महागठबंधन से कड़ी चुनौती मिलने के बावजूद एनडीए की बिहार में वापसी सुनिश्चित हुई.

नीतीश कुमार का 'बड़ा भाई' वाला टैग

हालांकि, पिछले मामलों के विपरीत, नीतीश कुमार का 'बड़ा भाई' वाला टैग चला गया है जहां 74 सीटों के साथ एक बीजेपी के जबरदस्त प्रदर्शन के आगे जेडीयू का कद बौना हो गया, जो मुश्किल से 43 सीटें जीत सकी. एनडीए ने 125 सीटें जीतीं. जबकि, जादुई आंकड़ा 122 है.

हालांकि बीजेपी प्रदर्शन के मामले में जेडीयू से काफी आगे रही, लेकिन पार्टी के शीर्ष अधिकारियों ने चुनाव से पहले यह स्पष्ट कर दिया था कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे, चाहे वे अधिक सीटें जीते.

''नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री होंगे. मैं इस गठबंधन के प्रति विश्वास दिखाने के लिए बिहार के लोगों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं." - के सी त्यागी, जेडीयू के वरिष्ठ नेता

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा, ''जब पीएम ने स्पष्ट कर दिया है, तो कयासों की कोई गुंजाइश नहीं है.'' अमित शाह ने भी मंगलवार को फोन पर नीतीश कुमार से बात की, हालांकि, क्या बातचीत हुई, फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो पाया है.

...तो सातवीं बार शपथ लेंगे नीतीश!

बता दें कि नवीन पटनायक 5 बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे हैं, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान चार बार, सिक्किम के चामलिंग (1994 से अब तक) बंगाल में ज्योति बसु (1977 से 2000) तक मुख्यमंत्री रहे हैं. जब नीतीश कुमार शपथ लेंगे तो यह उनका सातवीं बार शपथ ग्रहण होगा.

कब-कब बने बिहार के सीएम

  • नीतीश (तत्कालीन समता पार्टी के नेता) ने पहली बार 3 मार्च, 2000 को बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली. लेकिन बहुमत न होने पर इस्तीफा देना पड़ा था
  • 24 नवंबर 2005 में दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली.
  • 26 नवंबर 2010 को तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.
  • 22 फरवरी 2015 को चौथी बार मुख्यमंत्री बने.
  • आरजेडी साथ गठबंधन में 20 नवंबर 2015 को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने.
  • आरजेडी से रिश्ता तोड़ने के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बाद 27 जुलाई 2017 को छठी बार सीएम बने.

मंगलवार को परिणाम दिन बढ़ने के बावजूद, नीतीश कुमार की पार्टी जश्न को लेकर काफी सतर्क थी, लेकिन पटना में पार्टी मुख्यालय के बाहर बड़े पोस्टर में लिखा था, "बिहार ने 24 कैरेट सोने को चुना है."

बड़े भाई की भूमिका में बीजेपी

नीतीश 7.0 में दीगर बात यह होगी कि बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में होगी. चाहे कोई भी सीएम हो. कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर अकेले नीतीश के बजाय जेडीयू कार्यालय में मोदी और नीतीश का एक पोस्टर लग जाए.

बीजेपी सांसद और इसके स्टार प्रचारक मनोज तिवारी ने कहा, "सरकार एनडीए द्वारा बनाई जाएगी जो नीतीश कुमार के नेतृत्व में और नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से बनेगी."

'बिहार में फिर से नीतीश कुमार बा'

बता दें कि जेडीयू कार्यालय के बाहर एक बड़ा पोस्टर लगा है, जिसमें लिखा है, "बिहार में फिर से नीतीश कुमार बा." यह एक तरह से उन व्यंग्य बाण, तंज का जवाब है, जो चुनाव के दौरान नीतीश सरकार पर कसे गए थे.

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